आर एस राणा
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय सबसे सस्ती भारतीय कपास है, इसके बावजूद भी घरेलू बाजार में इसकी मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास के भाव गुरूवार को 33,200 से 33,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहे।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश राठी ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अप्रैल और मई में कपास की घरेलू खपत में काफी कमी आई है, जबकि चालू सीजन में उत्पादन अनुमान ज्यादा है। इसीलिए घरेलू बाजार में कपास की उपलब्धता ज्यादा है, जबकि मांग कम आ रही है जिससे कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार में भारतीय कपास का भाव 55-56 सेंट प्रति पाउंड है, जबकि न्यूयार्क कॉटन वायदा में भाव करीब 61 सेंट प्रति पाउंड हैं। अहमदाबाद में 17 फरवरी 2020 को कपास का भाव 39,200 से 39,500 रुपये प्रति कैंडी था जबकि गुरूवार को भाव घटकर 33,200 से 33,500 रुपये प्रति कैंडी रह गए। उन्होंने बताया कि कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) चालू फसल सीजन में करीब 98 लाख गांठ कपास की खरीद कर चुकी है जबकि सितंबर में उत्तर भारत के राज्यों में नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। इसलिए सीसीआई की बिकवाली भी आगे बढ़ेगी।
चालू सीजन में निर्यात बढ़कर 47 गांठ होने का अनुमान
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू सीजन में कपास का उत्पादन 330 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है। सीएआई के अध्यक्ष अतुल गणत्रा के अनुसार घरेलू बाजार में कपास के दाम नीचे हैं जबकि रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती है। इसलिए चालू सीजन में कुल निर्यात बढ़कर 47 गांठ होने का अनुमान है जबकि आरंभ में 42 लाख गांठ के निर्यात का अनुमान लगाया था। उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू सीजन में मई अंत तक 37.10 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी हैं तथा 30 सितंबर 2020 तक 9.90 लाख गांठ का और निर्यात होने का अनुमान है।
चालू सीजन में कपास का उत्पादन पिछले साल से 18 लाख गांठ ज्यादा होने का अनुमान
सीएआई के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में 85 लाख गांठ, महाराष्ट्र में 76.50 लाख गांठ, मध्य प्रदेश में 16 लाख गांठ, तेलंगाना में 51 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 14 लाख गांठ, कर्नाटक में 18.50 लाख गांठ, तमिलनाडु में पांच और ओडिशा में चार लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 59 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है। अन्य राज्यों के एक लाख गांठ को मिलाकर चालू सीजन में 330 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले साल केवल 312 लाख गांठ का ही उत्पादन हुआ था।
चालू सीजन के अंत में कपास का बकाया स्टॉक ज्यादा बचेगा
सीएआई के अनुसार चालू सीजन में मई 2020 के अंत तक 13 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है जबकि कुल आयात 15 लाख गांठ का होने का अनुमान है। पिछले फसल सीजन में 32 लाख गांठ का आयात हुआ था। उत्पादक मंडियों में 30 मई तक 307.65 लाख गांठ की आवक हो चुकी है। चालू सीजन के अंत तक 30 सितंबर 2020 को कपास का बकाया स्टॉक 50 लाख गांठ बचने का अनुमान है जोकि 30 सितंबर 2019 के 32 लाख गांठ से ज्यादा है।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय सबसे सस्ती भारतीय कपास है, इसके बावजूद भी घरेलू बाजार में इसकी मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास के भाव गुरूवार को 33,200 से 33,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहे।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश राठी ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अप्रैल और मई में कपास की घरेलू खपत में काफी कमी आई है, जबकि चालू सीजन में उत्पादन अनुमान ज्यादा है। इसीलिए घरेलू बाजार में कपास की उपलब्धता ज्यादा है, जबकि मांग कम आ रही है जिससे कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार में भारतीय कपास का भाव 55-56 सेंट प्रति पाउंड है, जबकि न्यूयार्क कॉटन वायदा में भाव करीब 61 सेंट प्रति पाउंड हैं। अहमदाबाद में 17 फरवरी 2020 को कपास का भाव 39,200 से 39,500 रुपये प्रति कैंडी था जबकि गुरूवार को भाव घटकर 33,200 से 33,500 रुपये प्रति कैंडी रह गए। उन्होंने बताया कि कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) चालू फसल सीजन में करीब 98 लाख गांठ कपास की खरीद कर चुकी है जबकि सितंबर में उत्तर भारत के राज्यों में नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। इसलिए सीसीआई की बिकवाली भी आगे बढ़ेगी।
चालू सीजन में निर्यात बढ़कर 47 गांठ होने का अनुमान
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू सीजन में कपास का उत्पादन 330 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है। सीएआई के अध्यक्ष अतुल गणत्रा के अनुसार घरेलू बाजार में कपास के दाम नीचे हैं जबकि रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती है। इसलिए चालू सीजन में कुल निर्यात बढ़कर 47 गांठ होने का अनुमान है जबकि आरंभ में 42 लाख गांठ के निर्यात का अनुमान लगाया था। उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू सीजन में मई अंत तक 37.10 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी हैं तथा 30 सितंबर 2020 तक 9.90 लाख गांठ का और निर्यात होने का अनुमान है।
चालू सीजन में कपास का उत्पादन पिछले साल से 18 लाख गांठ ज्यादा होने का अनुमान
सीएआई के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में 85 लाख गांठ, महाराष्ट्र में 76.50 लाख गांठ, मध्य प्रदेश में 16 लाख गांठ, तेलंगाना में 51 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 14 लाख गांठ, कर्नाटक में 18.50 लाख गांठ, तमिलनाडु में पांच और ओडिशा में चार लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 59 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है। अन्य राज्यों के एक लाख गांठ को मिलाकर चालू सीजन में 330 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले साल केवल 312 लाख गांठ का ही उत्पादन हुआ था।
चालू सीजन के अंत में कपास का बकाया स्टॉक ज्यादा बचेगा
सीएआई के अनुसार चालू सीजन में मई 2020 के अंत तक 13 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है जबकि कुल आयात 15 लाख गांठ का होने का अनुमान है। पिछले फसल सीजन में 32 लाख गांठ का आयात हुआ था। उत्पादक मंडियों में 30 मई तक 307.65 लाख गांठ की आवक हो चुकी है। चालू सीजन के अंत तक 30 सितंबर 2020 को कपास का बकाया स्टॉक 50 लाख गांठ बचने का अनुमान है जोकि 30 सितंबर 2019 के 32 लाख गांठ से ज्यादा है।........... आर एस राणा
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