आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी कर सकती है जिससे घरेलू बाजार चीनी की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। वैसे भी होटल, रेस्तरा और कैंटीन को खोलने की अनुमति मिल चुकी है जिससे आगे चीनी की खपत भी बढ़ेगी।
इस समय केंद्र सरकार ने चीनी का एमएसपी 3,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है इसमें अगर 200 रुपये की बढ़ोतरी की जा जाती है तो चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा, मतलब एमएसपी से नीचे चीनी की बिक्री नहीं होगी। इसलिए आगामी दिनों में चीनी की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। नीति आयोग द्वारा गठित टास्कफोर्स ने भी एमएसपी में दो रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की सिफारिश की है।
चीनी का एमएसपी गन्ने के एफआरपी के अनुसार होता है तय
कारोबारी बताते हैं कि चीनी मिलें बहरहाल एमएसएपी बढ़ने का इंतजार कर रही हैं। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में बीते 15 दिनों में चीनी की थोक कीमतों में 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। दिल्ली में इस समय चीनी का थोक दाम 3,400-3,500 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि खुदरा भाव 3,800-4,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। वहीं, उत्तर प्रदेश की निजी चीनी मिलों का एक्स-मिल रेट एम-30 सिंगल फिल्टर चीनी का 3,200-3,300 रुपये, जबकि सरकारी मिलों की चीनी का एक्स-मिल रेट 3,150-3,170 रुपये प्रति क्विंटल है। सूत्रों के अनुसार चीनी का एमएसपी गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी के अनुसार तय होता है। इसलिए कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी सीएसीपी द्वारा गन्ने के एफआरपी में वृद्धि को अगर सरकार मंजूरी देती है तो एमएसपी में भी वृद्धि तय है।
तेजी की संभावना के कारण मिलें कम कर रही है बिकवाली
दिल्ली के चीनी कारोबारी सुशील कुमार ने बताया कि यही कारण है कि चीनी मिलें अभी एमएसपी में वृद्धि का इंतजार कर रही है और चालू महीने का कोटा जल्द निकालने में दिलचस्पी नहीं ले रही है। चालू महीने में चीनी मिलों को बिक्री के लिए सरकार ने 18.5 लाख टन का कोटा तय किया हुआ है। उधर, अगले सप्ताह से होटल, रेस्तरा और कैंटीन को खोलने की इजाजत मिल चुकी है जिससे चीनी की मांग में थोड़ी वृद्धि होने की उम्मीद की जा रही है, जिससे कीमतों में भी हल्की तेजी रह सकती है। हाल ही, चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी इस्मा द्वारा जारी उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में इस साल चीनी का उत्पादन 270 लाख टन हो सकता है।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी कर सकती है जिससे घरेलू बाजार चीनी की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। वैसे भी होटल, रेस्तरा और कैंटीन को खोलने की अनुमति मिल चुकी है जिससे आगे चीनी की खपत भी बढ़ेगी।
इस समय केंद्र सरकार ने चीनी का एमएसपी 3,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है इसमें अगर 200 रुपये की बढ़ोतरी की जा जाती है तो चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा, मतलब एमएसपी से नीचे चीनी की बिक्री नहीं होगी। इसलिए आगामी दिनों में चीनी की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। नीति आयोग द्वारा गठित टास्कफोर्स ने भी एमएसपी में दो रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की सिफारिश की है।
चीनी का एमएसपी गन्ने के एफआरपी के अनुसार होता है तय
कारोबारी बताते हैं कि चीनी मिलें बहरहाल एमएसएपी बढ़ने का इंतजार कर रही हैं। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में बीते 15 दिनों में चीनी की थोक कीमतों में 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। दिल्ली में इस समय चीनी का थोक दाम 3,400-3,500 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि खुदरा भाव 3,800-4,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। वहीं, उत्तर प्रदेश की निजी चीनी मिलों का एक्स-मिल रेट एम-30 सिंगल फिल्टर चीनी का 3,200-3,300 रुपये, जबकि सरकारी मिलों की चीनी का एक्स-मिल रेट 3,150-3,170 रुपये प्रति क्विंटल है। सूत्रों के अनुसार चीनी का एमएसपी गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी के अनुसार तय होता है। इसलिए कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी सीएसीपी द्वारा गन्ने के एफआरपी में वृद्धि को अगर सरकार मंजूरी देती है तो एमएसपी में भी वृद्धि तय है।
तेजी की संभावना के कारण मिलें कम कर रही है बिकवाली
दिल्ली के चीनी कारोबारी सुशील कुमार ने बताया कि यही कारण है कि चीनी मिलें अभी एमएसपी में वृद्धि का इंतजार कर रही है और चालू महीने का कोटा जल्द निकालने में दिलचस्पी नहीं ले रही है। चालू महीने में चीनी मिलों को बिक्री के लिए सरकार ने 18.5 लाख टन का कोटा तय किया हुआ है। उधर, अगले सप्ताह से होटल, रेस्तरा और कैंटीन को खोलने की इजाजत मिल चुकी है जिससे चीनी की मांग में थोड़ी वृद्धि होने की उम्मीद की जा रही है, जिससे कीमतों में भी हल्की तेजी रह सकती है। हाल ही, चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी इस्मा द्वारा जारी उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में इस साल चीनी का उत्पादन 270 लाख टन हो सकता है।............ आर एस राणा
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