आर एस राणा
नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल में दस्तक देने के साथ ही चार महीने चलने वाला बारिश का मौसम शुरू हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के उप-महानिदेशक आनंद कुमार शर्मा के अनुसार मानसून का आगमन आज केरल में हो गया है तथा आईएमडी ने पहले ही एक जून को मानसून केरल पहुंचने का पूर्वानुमान जारी कर दिया था।
मौसम विभाग के अनुसार इस साल सामान्य बारिश होगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने बताया कि अच्छे मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। इसलिए जून से सितंबर तक होने वाली बारिश 102 फीसदी तक होगी। नॉर्थ ईस्ट इंडिया में काफी समय से बारिश थोड़ी कम हो रही है, इस साल भी मात्र 96 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। इस साल 102 फीसदी सामान्य बारिश का अनुमान है, इसमें चार फीसदी कमी, या ज्यादा हो सकती है। क्षेत्रवार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश उत्तर पश्चिम भारत में दीर्घावधि औसत के 107 फीसदी, मध्य भारत में 103 फीसदी, दक्षिणी प्रायद्वीप में 102 फीसदी तथा पूर्वोत्तर भारत में 96 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसमें आठ फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है।
पहले आईएमडी ने 5 जून को मानसून आने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर दिया
इस सप्ताह की शुरुआत में मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून पहली जून को केरल में पहुंच जायेगा, जबकि इससे पहले आईएमडी ने 5 जून को मानसून आने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर दिया। वर्ष 2019 में, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 8 जून को केरल में दस्तक दी थी। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून आज, 1 जून 2020 को केरल पहुंच गया है। अरब सागर के ऊपर चक्रवात के बनने से केरल में मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने 15 अप्रैल को अपने पूर्वानुमान में कहा था कि इस वर्ष मानसून की बारिश सामान्य रूप से लंबी अवधि के औसत से 100 फीसदी सामान्य होने की संभावना है। इसमें 5 फीसदी कम या फिर ज्यादा हो सकता है।
बादल और तेज हवाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जोकि मानसून के अनुकूल है
मौसम विभाग के अनुसार केरल में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हुई है तथा बादल और तेज हवाओं में भी लगातार वृद्धि हुई है जोकि मानसून के अनुकूल है। राज्य के मौसम विभाग ने भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, कासरगोड और कन्नूर में बारिश के साथ-साथ 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। देश में जून से सितंबर तक मानसून के मौसम में 75 फीसदी वर्षा होती है।
25-30 जून के बीच राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब को कवर करते हुए 5 जुलाई तक पूरे में पहुंचेगा
समूचे देश के लिए वर्ष 2020 के दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून – सितम्बर) की वर्षा सामान्य (दीर्घावधि औसत के 96 से 104 फीसदी) होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पहली जून को मौसम केरल, लक्षदीप और अंडमान पहुंच गया है जबकि एक से पांच जून तक तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में पहुंचेगा। 5 जून से 10 जून के बीच मानसून मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल पहुंच जायेगा तथा 10 से 15 जून तक पूरे महाराष्ट्र के साथ ही ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के निचले इलाकों तथा झारखंड, आधे बिहार को कवर करेगा। इसके बाद 15 से 20 जून तक गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक पहुंच जायेगा जबकि 20 से 25 जून तक पूरे गुजरात के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर में मानसून का आगमन होगा। 25 से 30 जून के बीच राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब को कवर करते हुए 30 जून से 5 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जायेगा।
खेती किसानी के लिए मानसून काफी अहम
जून से सितंबर तक चलने वाले इस दक्षिण-पश्चिम मानसून पर खरीफ की फसलों के उत्पादन की स्थिति काफी हद तक निर्भर करती है, इसलिए खेती किसानी के लिए मानसून काफी अहम है। प्री मानसून की बारिश से कई राज्यों में खरीफ फसलों की बुआई आरंभ हो गई है, लेकिन मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद ही खरीफ फसलों धान, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली आदि की बुआई में तेजी आने का अनुमान है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को मानसून आने की घोषणा की थी लेकिन आईएमडी ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि इस तरह की घोषणा के लिए अभी स्थितियां बनी नहीं हैं.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल में दस्तक देने के साथ ही चार महीने चलने वाला बारिश का मौसम शुरू हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के उप-महानिदेशक आनंद कुमार शर्मा के अनुसार मानसून का आगमन आज केरल में हो गया है तथा आईएमडी ने पहले ही एक जून को मानसून केरल पहुंचने का पूर्वानुमान जारी कर दिया था।
मौसम विभाग के अनुसार इस साल सामान्य बारिश होगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने बताया कि अच्छे मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। इसलिए जून से सितंबर तक होने वाली बारिश 102 फीसदी तक होगी। नॉर्थ ईस्ट इंडिया में काफी समय से बारिश थोड़ी कम हो रही है, इस साल भी मात्र 96 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। इस साल 102 फीसदी सामान्य बारिश का अनुमान है, इसमें चार फीसदी कमी, या ज्यादा हो सकती है। क्षेत्रवार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश उत्तर पश्चिम भारत में दीर्घावधि औसत के 107 फीसदी, मध्य भारत में 103 फीसदी, दक्षिणी प्रायद्वीप में 102 फीसदी तथा पूर्वोत्तर भारत में 96 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसमें आठ फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है।
पहले आईएमडी ने 5 जून को मानसून आने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर दिया
इस सप्ताह की शुरुआत में मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून पहली जून को केरल में पहुंच जायेगा, जबकि इससे पहले आईएमडी ने 5 जून को मानसून आने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर दिया। वर्ष 2019 में, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 8 जून को केरल में दस्तक दी थी। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून आज, 1 जून 2020 को केरल पहुंच गया है। अरब सागर के ऊपर चक्रवात के बनने से केरल में मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने 15 अप्रैल को अपने पूर्वानुमान में कहा था कि इस वर्ष मानसून की बारिश सामान्य रूप से लंबी अवधि के औसत से 100 फीसदी सामान्य होने की संभावना है। इसमें 5 फीसदी कम या फिर ज्यादा हो सकता है।
बादल और तेज हवाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जोकि मानसून के अनुकूल है
मौसम विभाग के अनुसार केरल में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हुई है तथा बादल और तेज हवाओं में भी लगातार वृद्धि हुई है जोकि मानसून के अनुकूल है। राज्य के मौसम विभाग ने भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, कासरगोड और कन्नूर में बारिश के साथ-साथ 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। देश में जून से सितंबर तक मानसून के मौसम में 75 फीसदी वर्षा होती है।
25-30 जून के बीच राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब को कवर करते हुए 5 जुलाई तक पूरे में पहुंचेगा
समूचे देश के लिए वर्ष 2020 के दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून – सितम्बर) की वर्षा सामान्य (दीर्घावधि औसत के 96 से 104 फीसदी) होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पहली जून को मौसम केरल, लक्षदीप और अंडमान पहुंच गया है जबकि एक से पांच जून तक तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में पहुंचेगा। 5 जून से 10 जून के बीच मानसून मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल पहुंच जायेगा तथा 10 से 15 जून तक पूरे महाराष्ट्र के साथ ही ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के निचले इलाकों तथा झारखंड, आधे बिहार को कवर करेगा। इसके बाद 15 से 20 जून तक गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक पहुंच जायेगा जबकि 20 से 25 जून तक पूरे गुजरात के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर में मानसून का आगमन होगा। 25 से 30 जून के बीच राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब को कवर करते हुए 30 जून से 5 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जायेगा।
खेती किसानी के लिए मानसून काफी अहम
जून से सितंबर तक चलने वाले इस दक्षिण-पश्चिम मानसून पर खरीफ की फसलों के उत्पादन की स्थिति काफी हद तक निर्भर करती है, इसलिए खेती किसानी के लिए मानसून काफी अहम है। प्री मानसून की बारिश से कई राज्यों में खरीफ फसलों की बुआई आरंभ हो गई है, लेकिन मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद ही खरीफ फसलों धान, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली आदि की बुआई में तेजी आने का अनुमान है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को मानसून आने की घोषणा की थी लेकिन आईएमडी ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि इस तरह की घोषणा के लिए अभी स्थितियां बनी नहीं हैं.......... आर एस राणा
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