आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस जैसी महामारी के समय में भी बासमती चावल की निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे घरेलू बाजार में इसकी मौजूदा कीमतों में और सुधार आने का अनुमान है। उत्पादक मंडियों में बासमती चावल सेला का भाव 5,600 से 5,650 रुपये और डीपी बासमती चावल सेला का भाव 6,200 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल है।
चावल की निर्यातक फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल ने आउटलुक को बताया कि सऊदी अरब, यमन, अमेरिका और यूरोपीय देशों की आयात मांग बासमती चावल में बराबर बनी हुई है। कोरोना वायरस महामारी के समय भी इन देशों की आयात मांग अच्छी रही है जिस कारण घरेलू बाजार में चावल और धान की कीमतों में सुधार आया है। उन्होंने बताया कि पूसा बासमती चावल सेला का भाव विश्व बाजार में 950 से 975 डॉलर प्रति टन है। रुपये के मुकाबले डॉलर में मजबूती आने से भी निर्यात पड़ते बराबर लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत से बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक ईरान है, लेकिन ईरान में भारतीय निर्यातकों का पैसा अभी भी फंसा हुआ है, इसलिए निर्यातक ईरान को सीधे निर्यात नहीं कर रहे हैं।
नई फसल अक्टूबर, नवंबर में आयेगी, इसलिए मांग बढ़ने पर और तेजी की उम्मीद
कैथल स्थित खुरानियां एग्रो के प्रबंधक रामनिवास ने बताया कि बासमती चावल में निर्यात मांग अच्छी होने के कारण ही धान और चावल की कीमतों में 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। कैथल मंडी में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव गुरूवार को 3,200 से 3,250 रुपये और सेला चावल का 5,600 से 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। उन्होंने बताया कि डीपी धान का भाव बढ़कर मंडी में 2,650 से 2,700 रुपये और इसके सेला चावल का भाव 6,200 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। बासमती धान की नई फसल अक्टूबर, नवंबर में आयेगी, इसलिए मांग बढ़ने पर इनकी मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों में बासमती चावल के निर्यात में हल्की कमी
एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात 38.36 लाख टन का हुआ है जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 38.55 लाख टन से थोड़ा कम है। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 के अप्रैल से फरवरी के दौरान 27,427 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में 28,604 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात हुआ था। गैर-बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों में घटकर 46.56 लाख टन का ही हुआ, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में इसका निर्यात 68.25 लाख टन का हुआ था।.............. आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस जैसी महामारी के समय में भी बासमती चावल की निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे घरेलू बाजार में इसकी मौजूदा कीमतों में और सुधार आने का अनुमान है। उत्पादक मंडियों में बासमती चावल सेला का भाव 5,600 से 5,650 रुपये और डीपी बासमती चावल सेला का भाव 6,200 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल है।
चावल की निर्यातक फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल ने आउटलुक को बताया कि सऊदी अरब, यमन, अमेरिका और यूरोपीय देशों की आयात मांग बासमती चावल में बराबर बनी हुई है। कोरोना वायरस महामारी के समय भी इन देशों की आयात मांग अच्छी रही है जिस कारण घरेलू बाजार में चावल और धान की कीमतों में सुधार आया है। उन्होंने बताया कि पूसा बासमती चावल सेला का भाव विश्व बाजार में 950 से 975 डॉलर प्रति टन है। रुपये के मुकाबले डॉलर में मजबूती आने से भी निर्यात पड़ते बराबर लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत से बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक ईरान है, लेकिन ईरान में भारतीय निर्यातकों का पैसा अभी भी फंसा हुआ है, इसलिए निर्यातक ईरान को सीधे निर्यात नहीं कर रहे हैं।
नई फसल अक्टूबर, नवंबर में आयेगी, इसलिए मांग बढ़ने पर और तेजी की उम्मीद
कैथल स्थित खुरानियां एग्रो के प्रबंधक रामनिवास ने बताया कि बासमती चावल में निर्यात मांग अच्छी होने के कारण ही धान और चावल की कीमतों में 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। कैथल मंडी में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव गुरूवार को 3,200 से 3,250 रुपये और सेला चावल का 5,600 से 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। उन्होंने बताया कि डीपी धान का भाव बढ़कर मंडी में 2,650 से 2,700 रुपये और इसके सेला चावल का भाव 6,200 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। बासमती धान की नई फसल अक्टूबर, नवंबर में आयेगी, इसलिए मांग बढ़ने पर इनकी मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों में बासमती चावल के निर्यात में हल्की कमी
एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात 38.36 लाख टन का हुआ है जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 38.55 लाख टन से थोड़ा कम है। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 के अप्रैल से फरवरी के दौरान 27,427 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में 28,604 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात हुआ था। गैर-बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों में घटकर 46.56 लाख टन का ही हुआ, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में इसका निर्यात 68.25 लाख टन का हुआ था।.............. आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें