आर एस राणा
नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 700 से 750 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर मक्का बेचने को मजबूर किसानों की मुकिश्लें कम नहीं हो रही हैं। मक्का की दैनिक आवक आगे उत्पादक त्र मंडियों में और बढ़ेगी, जबकि पोल्ट्री उद्योग की मांग सामान्य के मुकाबले 25 से 30 फीसदी ही आ रही है। ऐसे में खरीफ सीजन में भी मक्का की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
मक्का कारोबारी राजेश गुप्ता ने बताया कि बिहार की मंडियों में मक्का के भाव 1,100 से 1,150 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने मक्का का दाम 1,850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पोल्ट्री उत्पादों की मांग में भारी कमी आई है, जिस कारण पोल्ट्री फीड निर्माताओं की मक्का में मांग घटी गई है। उन्होंने बताया कि इस समय सामान्य के मुकाबले मक्का में 25 से 30 फीसदी का ही व्यापार हो रहा है। उन्होंने बतायाा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में साठी मक्का की आवक हो रही है, जबकि आगे खरीफ मक्का की आवक बढ़ेगी, इसलिए मक्का की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
सितंबर में खरीफ सीजन की मक्का आयेगी मंडियों में
दिल्ली के लारेंस रोड के मक्का कारोबारी कमलेश जैन ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण चीकन और अंडे की मांग में भारी कमी आई है, जिससे पंजाब और हरियाणा के हजारों छोटे पोल्ट्री फार्म या तो बंद हो गए हैं, या फिर नाममात्र का ही उत्पादन कर पा रहे हैं। इसका सीधा असर मक्का की मांग पर पड़ा है। दिल्ली में मक्का के भाव 1,300 से 1,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में सितंबर में उत्तर प्रदेश में नई फसल की आवक बनेगी, उसके बाद राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना तथा तमिलनाडु एवं आंध्रप्रदेश की नई फसल आयेगी।
जनवरी से अभी तक 650 से 700 रुपये का आ चुका है मंदा
तेलंगाना की निजामाबाद मंडी के मक्का कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि मक्का में स्टार्च मिलों के साथ ही पोल्ट्री उद्योग की मांग भी कमजोर है जबकि सितंबर में खरीफ मक्का की आवक बनेगी। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में मानसूनी बारिश सामान्य होने का अनुमान है इसलिए मक्का का उत्पादन भी बढ़ेगा। अत: आगे मक्का की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि जनवरी से अभी तक मक्का की कीमतों में 650 से 700 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है। निजामाबद मंडी में जनवरी में मक्का के भाव 1,950 से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल थे, जबकि इस समय भाव 1,300 से 1,350 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
मक्का की शुरूआती बुआई बढ़ी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में मक्का की शुरूआती बुआई बढ़कर 10.43 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 5.25 लाख हेक्टेयर में ही मक्का की बुआई हो पाई थी। खरीफ सीजन में सामान्यत: 74.68 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुआई होती है। मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में मक्का का उत्पादन 289.8 लाख टन होने का अनुमान है।...... आर एस राणा
नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 700 से 750 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर मक्का बेचने को मजबूर किसानों की मुकिश्लें कम नहीं हो रही हैं। मक्का की दैनिक आवक आगे उत्पादक त्र मंडियों में और बढ़ेगी, जबकि पोल्ट्री उद्योग की मांग सामान्य के मुकाबले 25 से 30 फीसदी ही आ रही है। ऐसे में खरीफ सीजन में भी मक्का की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
मक्का कारोबारी राजेश गुप्ता ने बताया कि बिहार की मंडियों में मक्का के भाव 1,100 से 1,150 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने मक्का का दाम 1,850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पोल्ट्री उत्पादों की मांग में भारी कमी आई है, जिस कारण पोल्ट्री फीड निर्माताओं की मक्का में मांग घटी गई है। उन्होंने बताया कि इस समय सामान्य के मुकाबले मक्का में 25 से 30 फीसदी का ही व्यापार हो रहा है। उन्होंने बतायाा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में साठी मक्का की आवक हो रही है, जबकि आगे खरीफ मक्का की आवक बढ़ेगी, इसलिए मक्का की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
सितंबर में खरीफ सीजन की मक्का आयेगी मंडियों में
दिल्ली के लारेंस रोड के मक्का कारोबारी कमलेश जैन ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण चीकन और अंडे की मांग में भारी कमी आई है, जिससे पंजाब और हरियाणा के हजारों छोटे पोल्ट्री फार्म या तो बंद हो गए हैं, या फिर नाममात्र का ही उत्पादन कर पा रहे हैं। इसका सीधा असर मक्का की मांग पर पड़ा है। दिल्ली में मक्का के भाव 1,300 से 1,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में सितंबर में उत्तर प्रदेश में नई फसल की आवक बनेगी, उसके बाद राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना तथा तमिलनाडु एवं आंध्रप्रदेश की नई फसल आयेगी।
जनवरी से अभी तक 650 से 700 रुपये का आ चुका है मंदा
तेलंगाना की निजामाबाद मंडी के मक्का कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि मक्का में स्टार्च मिलों के साथ ही पोल्ट्री उद्योग की मांग भी कमजोर है जबकि सितंबर में खरीफ मक्का की आवक बनेगी। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में मानसूनी बारिश सामान्य होने का अनुमान है इसलिए मक्का का उत्पादन भी बढ़ेगा। अत: आगे मक्का की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि जनवरी से अभी तक मक्का की कीमतों में 650 से 700 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है। निजामाबद मंडी में जनवरी में मक्का के भाव 1,950 से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल थे, जबकि इस समय भाव 1,300 से 1,350 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
मक्का की शुरूआती बुआई बढ़ी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में मक्का की शुरूआती बुआई बढ़कर 10.43 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 5.25 लाख हेक्टेयर में ही मक्का की बुआई हो पाई थी। खरीफ सीजन में सामान्यत: 74.68 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुआई होती है। मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में मक्का का उत्पादन 289.8 लाख टन होने का अनुमान है।...... आर एस राणा
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