आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले आठ महीने, 31 मई 2020 तक चीनी के उत्पादन में 18.11 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल 268.21 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 327.53 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। चालू पेराई सीजन के अंत तक कुल 270 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 18 चीनी मिलों में पेराई अभी चल रही है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 10 मिलों में ही पेराई चल रही थी। इस्मा ने गन्ना पेराई सीजन के आरंभ में 265 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के कारण गुड़ और खांडसारी यूनिट के जल्दी बंद होने से चीनी मिलों को गन्ना ज्यादा मिला, जिस कारण चीनी के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी हुई। चालू पेराई सीजन के अंत तक चीनी का उत्पादन 270 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में करीब 60 लाख टन कम रहेगा।
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन ज्यादा, महाराष्ट्र में कम
इस्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में मई के अंत तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 125.46 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 117.81 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। अत: उत्तर प्रदेश में चीनी के उत्पादन में अभी तक पिछले साल की तुलना में 7.65 लाख टन की बढ़ोतरी हो चुकी है। राज्य की 119 चीनी मिलों में से 105 में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय 14 मिलें में ही पेराई चल रही है। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 60.98 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की तुलना में 46.2 कम है। पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 107.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। बाढ़ और सूखे से महाराष्ट्र में गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ था।
कर्नाटक और तमिलनाडु में भी घटा चीनी का उत्पादन
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 31 मई तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.82 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। कर्नाटक में मिलों में पेराई 30 अप्रैल 2020 को बंद हो गई थी, लेकिन इस समय कुछ मिलों में पेराई का स्पेशल सीजन चल रहा है। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 5.78 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 7.22 लाख टन से कम है।
अन्य राज्यों में चीनी का उत्पादन 32.75 लाख टन
अन्य राज्यों में गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर 31 मई तक 42.17 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। उत्तर भारत की चीनी मिलें मई में आवंटित किए गए कोटे की चीनी की बिक्री कर चुकी है लेकिन पश्चिम और दक्षिण भारत की मिलें लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही कोटे की चीनी बेच पाई है, इसलिए केंद्र सरकार ने मई के कोटे की चीनी की बिक्री जून में करने की अनुमति दे दी है। उद्योग के अनुसार लॉकडाउन खुल गया है, जिससे मिठाई की दूकान, होटल आदि खुले गए हैं, जिससे चालू महीने में चीनी की मांग में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। पेराई सीजन के अंत में चीनी का बकाया स्टॉक 115 लाख टन बचने का अनुमान है जबकि आरंभ में 95 से 100 टन बकाया बचने की उम्मीद थी।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले आठ महीने, 31 मई 2020 तक चीनी के उत्पादन में 18.11 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल 268.21 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 327.53 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। चालू पेराई सीजन के अंत तक कुल 270 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 18 चीनी मिलों में पेराई अभी चल रही है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 10 मिलों में ही पेराई चल रही थी। इस्मा ने गन्ना पेराई सीजन के आरंभ में 265 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के कारण गुड़ और खांडसारी यूनिट के जल्दी बंद होने से चीनी मिलों को गन्ना ज्यादा मिला, जिस कारण चीनी के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी हुई। चालू पेराई सीजन के अंत तक चीनी का उत्पादन 270 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में करीब 60 लाख टन कम रहेगा।
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन ज्यादा, महाराष्ट्र में कम
इस्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में मई के अंत तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 125.46 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 117.81 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। अत: उत्तर प्रदेश में चीनी के उत्पादन में अभी तक पिछले साल की तुलना में 7.65 लाख टन की बढ़ोतरी हो चुकी है। राज्य की 119 चीनी मिलों में से 105 में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय 14 मिलें में ही पेराई चल रही है। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 60.98 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की तुलना में 46.2 कम है। पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 107.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। बाढ़ और सूखे से महाराष्ट्र में गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ था।
कर्नाटक और तमिलनाडु में भी घटा चीनी का उत्पादन
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 31 मई तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.82 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। कर्नाटक में मिलों में पेराई 30 अप्रैल 2020 को बंद हो गई थी, लेकिन इस समय कुछ मिलों में पेराई का स्पेशल सीजन चल रहा है। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 5.78 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 7.22 लाख टन से कम है।
अन्य राज्यों में चीनी का उत्पादन 32.75 लाख टन
अन्य राज्यों में गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर 31 मई तक 42.17 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। उत्तर भारत की चीनी मिलें मई में आवंटित किए गए कोटे की चीनी की बिक्री कर चुकी है लेकिन पश्चिम और दक्षिण भारत की मिलें लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही कोटे की चीनी बेच पाई है, इसलिए केंद्र सरकार ने मई के कोटे की चीनी की बिक्री जून में करने की अनुमति दे दी है। उद्योग के अनुसार लॉकडाउन खुल गया है, जिससे मिठाई की दूकान, होटल आदि खुले गए हैं, जिससे चालू महीने में चीनी की मांग में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। पेराई सीजन के अंत में चीनी का बकाया स्टॉक 115 लाख टन बचने का अनुमान है जबकि आरंभ में 95 से 100 टन बकाया बचने की उम्मीद थी।............ आर एस राणा
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