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18 जून 2020

एफसीआई ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से गेहूं की खरीद के आंकड़ों में की कटौती

आर एस राणा
नई दिल्ली। जैसे-जैसे तारिख आगे बढ़ती है वैसे-वैसे गेहूं खरीद की मात्रा में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए, लेकिन भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के द्वारा राज्यवार दिए जा रहे आंकड़ों में इसके उल्ट हुआ है। निगम ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से खरीदे जा रहे गेहूं के 17 जून 2020 को जो आंकड़े जारी किए थे, 18 जून को उनमें कमी कर दी। कमी भी एक या दो टन की नहीं बल्कि 10 लाख टन से ज्यादा की।
एफसीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 18 जून 2020 तक मध्य प्रदेश से गेहूं की खरीद 129.28 लाख टन की ही हुई है जबकि उत्तर प्रदेश से इस दौरान 31.89 लाख टन गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा गया है जबकि एक दिन पहले 17 जून को निगम ने इन राज्यों से खरीद क्रमश: 131.27 लाख टन और 40.14 लाख टन के आंकड़े जारी किए थे।
चालू रबी में समर्थन मूल्य पर 382.85 लाख टन की हो चुकी है रिकार्ड खरीद
एफसीआई के अनुसार चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 382.85 लाख टन गेहूं की रिकार्ड खरीद 18 जून 2020 तक हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन में 341.32 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया था। चालू रबी में खरीद का लक्ष्य 407 लाख टन का तय किया था तथा कोरोना वायरस के कारण पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से खरीद 15 अप्रैल से और हरियाणा से 20 अप्रैल से शुरू हो पाई थी। पंजाब और हरियाणा से खरीद बंद हो चुकी है जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से अभी खरीद चल रही है।
उत्तर प्रदेश से गेहूं की सरकारी खरीद तय लक्ष्य से कम रहने की आशंका
निगम के अनुसार चालू रबी में मध्य प्रदेश से 129.28 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि राज्य से खरीद का लक्ष्य केवल 100 लाख टन का था। इसी तरह से राजस्थान से खरीद का लक्ष्य 17 लाख टन का था जबकि अभी तक 19.58 लाख टन से ज्यादा गेहूं खरीद गया है। पंजाब से चालू रबी में 127.12 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि खरीद का लक्ष्य 135 लाख टन का था। इसी तरह से हरियाणा से 73.98 लाख टन गेहूं की खरीद समर्थन मूल्य पर हुई है जबकि खरीद का लक्ष्य 95 लाख टन का था। उत्तर प्रदेश से अभी तक समर्थन मूल्य पर केवल 31.89 लाख गेहूं की खरीद ही हो पाई है जबकि राज्य से खरीद का लक्ष्य 55 लाख टन का तय किया गया है। पिछले साल भी खरीद का लक्ष्य 55 लाख टन का ही था, जबकि खरीद हो पाई थी केवल 37 लाख टन की। मौजूदा खरीद की गति को देखते हुए कुल खरीद तय लक्ष्य से कम रहने की आशंका है।.............. आर एस राणा

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