आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी समेत कुछ और उत्तरी राज्यों के लिए नारंगी अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अनुमान जाहिर किया है कि 48 घंटे में मानसून इस क्षेत्र से टकराएगा।
आईएमडी ने अपने दैनिक बुलेटिन में कहा कि अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के बचे हुए हिस्सों, पूरे पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। आईएमडी ने अगले दो दिनों में सामान्य तौर पर बादल छाए रहने और मध्यम बारिश होने की भविष्यवाणी की है। दिल्ली में अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहेगा। वहीं दिन में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उप-हिमालयी जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होगी।
मानसून लगातार दूसरे दिन आगे बढ़ा, गुजरात को पार करते हुए दक्षिणी राजस्थान में दी दस्तक
दक्षिण-पश्चिम मानसून 2020 आज लगातार दूसरे दिन आगे बढ़ा और पश्चिम में गुजरात को पार करते हुए दक्षिणी राजस्थान के कुछ भागों में दस्तक दे दी। मध्य भारत में मध्य प्रदेश में लगभग सभी क्षेत्रों को कवर कर लिया है। उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मानसून का आगमन हो चुका है। मानसून में सबसे ज्यादा प्रगति उत्तर में देखने को मिली है। मानसून जहां कल उत्तराखंड के कुछ भागों में पहुंचा था वहीं आज बढ़ते हुए उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, गिलगित बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद और हरियाणा के उत्तरी भाग में पहुंच गया और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों पर भी इस ने दस्तक दे दी है। मानसून की उत्तरी सीमा 24 जून को आगे बढ़ते हुए राजस्थान में जैसलमर, पाली, सवाई माधोपुर, उत्तर प्रदेश में मैनपुरी और बिजनौर तथा पंजाब में पठानकोट पर पहुँच गई है। यहाँ उल्लेखनीय है कि मानसून के आगमन का मतलब यह नहीं है कि लगातार झमाझम बारिश होती रहे।
उत्तर भारत में प्री-मानसून की बारिश
मानसून के आगे बढ़ने के साथ ही उत्तर भारत के मौसम में भी बदलाव दिखाई देने लगा है। उत्तर भारत के राज्यों में हालांकि बदलाव 19 जून से ही आ गया था और मौसम ने करवट लेते हुए कुछ हिस्सों में प्री-मानसून वर्षा दी थी। प्री-मानसून वर्षा की यह गतिविधियां रुक-रुक कर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान के कुछ भागों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही थीं। अब मानसून के आगे बढ़ने के साथ उत्तर भारत के भागों में बारिश में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस समय उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से लेकर बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों तक एक ट्रफ बनी है और पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय हो गया है। देश के अन्य भागों पर भी कई मौसम सिस्टम बने हुए हैं जिससे बंगाल की खाड़ी से व्यापक रूप से आर्द्र हवाएँ उत्तर भारत के राज्यों में पहुंचने लगी हैं।
अगले 48 घंटों के दौरान उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में तेज बारिश का अनुमान
हालांकि उत्तर भारत के राज्यों में मानसून की जोरदार एंट्री नहीं हुई है, और ना ही लगातार कई दिनों तक यह बारिश देने वाला है। लेकिन उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के दक्षिणी भागों में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों में भी तेज बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भी तराई क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और पूरे राजस्थान को मानसून का अभी इंतजार
इस दौरान दिल्ली-एनसीआर और आगरा, मथुरा समेत उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्सों, दक्षिणी हरियाणा, दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान में मानसून का बहुत व्यापक असर देखने को नहीं मिलेगा। दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब के सभी भागों और हरियाणा के दक्षिणी क्षेत्रों और राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मानसून का पहुंचना अभी बाकी है, लेकिन अगले कुछ दिनों तक इन भागों में व्यापक वर्षा होने की संभावना नहीं है। उत्तर भारत के भागों में कल यानि 25 जून को बारिश बढ़ेगी, लेकिन बारिश की तीव्रता बहुत अधिक नहीं होगी। अनुमान यह है कि पहाड़ी इलाकों में कई जगहों पर तथा मैदानी भागों में पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश का भी अनुमान है। 26 जून से एक बार फिर से उत्तर भारत में बारिश में कमी आ जाएगी। उसके बाद अगले दो-तीन दिनों का इंतज़ार करना पड़ेगा झमाझम मानसून बारिश के लिए।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी समेत कुछ और उत्तरी राज्यों के लिए नारंगी अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अनुमान जाहिर किया है कि 48 घंटे में मानसून इस क्षेत्र से टकराएगा।
आईएमडी ने अपने दैनिक बुलेटिन में कहा कि अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के बचे हुए हिस्सों, पूरे पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। आईएमडी ने अगले दो दिनों में सामान्य तौर पर बादल छाए रहने और मध्यम बारिश होने की भविष्यवाणी की है। दिल्ली में अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहेगा। वहीं दिन में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उप-हिमालयी जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होगी।
मानसून लगातार दूसरे दिन आगे बढ़ा, गुजरात को पार करते हुए दक्षिणी राजस्थान में दी दस्तक
दक्षिण-पश्चिम मानसून 2020 आज लगातार दूसरे दिन आगे बढ़ा और पश्चिम में गुजरात को पार करते हुए दक्षिणी राजस्थान के कुछ भागों में दस्तक दे दी। मध्य भारत में मध्य प्रदेश में लगभग सभी क्षेत्रों को कवर कर लिया है। उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मानसून का आगमन हो चुका है। मानसून में सबसे ज्यादा प्रगति उत्तर में देखने को मिली है। मानसून जहां कल उत्तराखंड के कुछ भागों में पहुंचा था वहीं आज बढ़ते हुए उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, गिलगित बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद और हरियाणा के उत्तरी भाग में पहुंच गया और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों पर भी इस ने दस्तक दे दी है। मानसून की उत्तरी सीमा 24 जून को आगे बढ़ते हुए राजस्थान में जैसलमर, पाली, सवाई माधोपुर, उत्तर प्रदेश में मैनपुरी और बिजनौर तथा पंजाब में पठानकोट पर पहुँच गई है। यहाँ उल्लेखनीय है कि मानसून के आगमन का मतलब यह नहीं है कि लगातार झमाझम बारिश होती रहे।
उत्तर भारत में प्री-मानसून की बारिश
मानसून के आगे बढ़ने के साथ ही उत्तर भारत के मौसम में भी बदलाव दिखाई देने लगा है। उत्तर भारत के राज्यों में हालांकि बदलाव 19 जून से ही आ गया था और मौसम ने करवट लेते हुए कुछ हिस्सों में प्री-मानसून वर्षा दी थी। प्री-मानसून वर्षा की यह गतिविधियां रुक-रुक कर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान के कुछ भागों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही थीं। अब मानसून के आगे बढ़ने के साथ उत्तर भारत के भागों में बारिश में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस समय उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से लेकर बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों तक एक ट्रफ बनी है और पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय हो गया है। देश के अन्य भागों पर भी कई मौसम सिस्टम बने हुए हैं जिससे बंगाल की खाड़ी से व्यापक रूप से आर्द्र हवाएँ उत्तर भारत के राज्यों में पहुंचने लगी हैं।
अगले 48 घंटों के दौरान उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में तेज बारिश का अनुमान
हालांकि उत्तर भारत के राज्यों में मानसून की जोरदार एंट्री नहीं हुई है, और ना ही लगातार कई दिनों तक यह बारिश देने वाला है। लेकिन उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के दक्षिणी भागों में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों में भी तेज बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भी तराई क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और पूरे राजस्थान को मानसून का अभी इंतजार
इस दौरान दिल्ली-एनसीआर और आगरा, मथुरा समेत उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्सों, दक्षिणी हरियाणा, दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान में मानसून का बहुत व्यापक असर देखने को नहीं मिलेगा। दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब के सभी भागों और हरियाणा के दक्षिणी क्षेत्रों और राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मानसून का पहुंचना अभी बाकी है, लेकिन अगले कुछ दिनों तक इन भागों में व्यापक वर्षा होने की संभावना नहीं है। उत्तर भारत के भागों में कल यानि 25 जून को बारिश बढ़ेगी, लेकिन बारिश की तीव्रता बहुत अधिक नहीं होगी। अनुमान यह है कि पहाड़ी इलाकों में कई जगहों पर तथा मैदानी भागों में पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश का भी अनुमान है। 26 जून से एक बार फिर से उत्तर भारत में बारिश में कमी आ जाएगी। उसके बाद अगले दो-तीन दिनों का इंतज़ार करना पड़ेगा झमाझम मानसून बारिश के लिए।.......... आर एस राणा
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