04 अक्तूबर 2013
यूपी में गन्ना कीमतों पर जल्द फैसला संभव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार चीनी और गन्ने की कीमतों में तालमेल बैठाने पर विचार कर रही है। सरकार गन्ने की कीमतों के हिसाब से चीनी के दाम तय करने पर विचार कर रही है। राज्य सरकार इस महीने के आखिर तक इस पर कोई फैसला कर सकती है। हालांकि नवंबर तक कोई औपचारिक नोटिफिकेशन आने की उम्मीद नहीं है।
उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग ने 10 फीसदी गन्ने के बकाए (करीब 2500 करोड़ रुपये)का भुगतान करने को मुश्किल बताया है। जबकि बैंक चीनी मिलों के लिए लिमिट बढ़ाने को तैयार नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में गन्ना और चीनी की कीमतों में तालमेल बैठाने के लिए रंगराजन कमिटी की सिफारिशें लागू कर सकती है। गन्ने के बकाए पर उत्तर प्रदेश हाइकोर्ट में अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी। ऐसे में चीनी उद्योग को लगता है कि सरकार ने दखल दिया तो चीनी मिलें 10 नवंबर से पेराई शुरू कर सकती हैं।
भारतीय चीनी मिल संघ के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द से कदम नहीं उठाती है, तो राज्य की चीनी मिलों को काम करना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल राज्य में गन्ने की कीमतें ज्यादा होने से मिलों को करीब 2500 करोड़ रुपये किसानों का बकाया है।
अविनाश वर्मा का कहना है कि पिछले 3-4 साल से उत्तर प्रदेश का चीनी उद्योग घाटे से गुजर रहा है। कई बैंकों ने चीनी मिलों को सूचना दी है कि लगातार घाटा होने पर उन्हें कर्ज देना मुश्किल हो सकता है।
सरकार से गुजारिश की गई है कि किसानों को गन्ने के बकाए भुगतान के मसले का जल्द निपटारा किया जाना चाहिए क्योंकि नवंबर से पेराई शुरु करने का समय आ जाता है। इस साल अभी तक किसानों को पिछले साल का ही भुगतान नहीं हो पाया है।
सरकार अगर चीनी मिलों को राशि देने की बजाए सीधे गन्ना किसानों को भुगतान कर देती है तो इससे समय पर पेराई शुरु हो सकती है। पिछले साल के मुकाबले इस साल चीनी के दाम भी कम हैं तो इसके आधार पर ही गन्ना किसानों को भुगतान करना चाहिए।
रंगराजन कमेटी की सिफारिशें कर्नाटक में लागू हो चुकी हैं और महाराष्ट्र सरकार भी रंगराजन कमेटि की सिफारिशें लागू करने की तैयारी में है। यूपी में नवंबर के मध्य तक रंगराजन कमेटी की सिफारिशें लागू हो सकती है। (Hindi.moneycantorl.com)
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