05 अप्रैल 2013
गरीबों को रियायती दाल वितरण की अवधि एक साल बढ़ेगी
आर एस राणा नई दिल्ली | Apr 05, 2013, 04:03AM IST
योजना - गरीबों को 20 रुपये प्रति किलो रियायत वाली दालें
बड़ी समस्या
31 मार्च तक लागू इस स्कीम में राज्यों की बेरुखी
किसी राज्य ने अभी तक सस्ती दालों का वितरण नहीं किया
राज्य स्तर पर दालों का आयात भी शुरू नहीं हो पाया
राज्य सरकारों की घोर उपेक्षा के बावजूद गरीबों को सस्ती दालों के आवंटन की योजना एक साल के लिए और बढ़ाने का प्रस्ताव है।
सरकार की गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) परिवारों को 20 रुपये प्रति किलो रियायत वाली दालों के आवंटन की स्कीम को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2014 तक करने की योजना है। इस पर चालू महीने में ही आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) में फैसला होने की संभावना है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चार राज्यों के अलावा किसी भी राज्य सरकार ने सस्ती दालों के आवंटन में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।
इन चार राज्यों छत्तीसगढ़, गुजरात, तमिलनाडु और गोवा की राज्य सरकारों ने भी इस स्कीम को लागू करने की स्वीकृति तो दी थी लेकिन दालों का आयात नहीं किया। इसके बावजूद मंत्रालय ने इस स्कीम को एक साल के लिए और बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है जिसको चालू महीने में सीसीईए की बैठक में रखा जाएगा।
इस स्कीम के तहत बीपीएल परिवारों को 20 रुपये प्रति किलो रियायत पर एक किलो दाल का आवंटन हर महीने किया जाना है। यह स्कीम 31 मार्च 2013 को समाप्त हो गई है तथा इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2014 तक करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत दलहन का आयात सार्वजनिक कंपनियों पीईसी, एसटीसी, एमएमटीसी और नेफेड के माध्यम से ही किया जाना है। राज्य सरकारें सार्वजनिक कंपनियों को आवश्यकता के अनुसार दलहन आयात की मात्रा बताएंगी, उसी के आधार पर आयात किया जाना है।
अगर किसी राज्य को अरहर दाल की आवश्यकता है तो वह अरहर दाल का ही आयात कर सकेगा। उन्होंने बताया कि पीडीएस में सब्सिडी युक्त दालों की सप्लाई केवल बीपीएल परिवारों को ही की जानी है।
खरीफ में प्रतिकूल मौसम के कारण दलहन की पैदावार में कमी आई थी इसीलिए केंद्र सरकार ने बीपीएल परिवारों को 20 रुपये प्रति किलो रियायत पर दाल आवंटन की योजना शुरू की थी, यह स्कीम 31 मार्च 2013 को समाप्त हो गई है।
देश में दालों की सालाना खपत 200 लाख टन से ज्यादा की होती है जबकि घरेलू उत्पादन इससे काफी कम होता है इसीलिए हर साल देश में 25 से 35 लाख टन दालों का आयात होता है। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में दलहन पैदावार 175.8 लाख टन होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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