आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अक्टूबर में गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर सकती है। चालू फसल सीजन में गेहूं का बंपर उत्पादन होने के साथ ही आयात ज्यादा होने के कारण गेहूं के भाव में अपेक्षित तेजी नहीं बन पाई है। दिल्ली की लारेंस रोड़ पर गेहूं के भाव 1,770 से 1,775 प्रति क्विंटल है। अक्टूबर में गेहूं की बुवाई चालू हो जायेगी, ऐसे में गेहूं की बुवाई में बढ़ोतरी तभी हो सकती है जब केंद्र सरकार आयात शुल्क में बढ़ोतरी करें, जिससे आयात बंद हो सके।
केंद्र सरकार गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी करती है, तो भी घरेलू बाजार में गेहूं के मौजूदा भाव में 100 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी तो आ सकती है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं का बिक्री भाव उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश से 1,790 रुपये प्रति क्विंटल है, अतः आयात शुल्क में बढ़ोतरी करने से ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री बढ़ जायेगी।
सूत्रों के अनुसार इस समय गेहूं के आयात शुल्क 10 फीसदी है, अक्टूबर में आयात शुल्क को बढ़ाकर 25 फीसदी किए जाने की योजना है। विश्व बाजार में गेहूं का भाव कम होने के कारण 10 फीसदी आयात शुल्क के बावजूद भी आयातित गेहूं सस्ता है इसीलिए लगातार आयात सौदे हो रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार सितंबर-अक्टूबर शिपमेंट के करीब 7.5 लाख टन गेहूं के आयात सौदे हो चुके हैं तथा आयातित गेहूं दक्षिण भारत में 1,670 रुपये प्रति क्विंटल है। आयातित लाल गेहूं है इसलिए फ्लोर मिलों को इसकी पिसाई मिक्सिंग करके करनी पड़ रही हैं।
उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश के साथ ही राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने के कारण भाव काफी नीचे हैं, यहीं कारण है कि फ्लोर मिलें ओएमएसएस के तहत गेहूं की खरीद नहीं कर रही हैं।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अक्टूबर में गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर सकती है। चालू फसल सीजन में गेहूं का बंपर उत्पादन होने के साथ ही आयात ज्यादा होने के कारण गेहूं के भाव में अपेक्षित तेजी नहीं बन पाई है। दिल्ली की लारेंस रोड़ पर गेहूं के भाव 1,770 से 1,775 प्रति क्विंटल है। अक्टूबर में गेहूं की बुवाई चालू हो जायेगी, ऐसे में गेहूं की बुवाई में बढ़ोतरी तभी हो सकती है जब केंद्र सरकार आयात शुल्क में बढ़ोतरी करें, जिससे आयात बंद हो सके।
केंद्र सरकार गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी करती है, तो भी घरेलू बाजार में गेहूं के मौजूदा भाव में 100 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी तो आ सकती है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं का बिक्री भाव उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश से 1,790 रुपये प्रति क्विंटल है, अतः आयात शुल्क में बढ़ोतरी करने से ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री बढ़ जायेगी।
सूत्रों के अनुसार इस समय गेहूं के आयात शुल्क 10 फीसदी है, अक्टूबर में आयात शुल्क को बढ़ाकर 25 फीसदी किए जाने की योजना है। विश्व बाजार में गेहूं का भाव कम होने के कारण 10 फीसदी आयात शुल्क के बावजूद भी आयातित गेहूं सस्ता है इसीलिए लगातार आयात सौदे हो रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार सितंबर-अक्टूबर शिपमेंट के करीब 7.5 लाख टन गेहूं के आयात सौदे हो चुके हैं तथा आयातित गेहूं दक्षिण भारत में 1,670 रुपये प्रति क्विंटल है। आयातित लाल गेहूं है इसलिए फ्लोर मिलों को इसकी पिसाई मिक्सिंग करके करनी पड़ रही हैं।
उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश के साथ ही राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने के कारण भाव काफी नीचे हैं, यहीं कारण है कि फ्लोर मिलें ओएमएसएस के तहत गेहूं की खरीद नहीं कर रही हैं।.......... आर एस राणा
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