आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ की प्रमुख फसल धान के साथ ही दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की बुवाई में कमी आई है, जबकि कपास के साथ ही गन्ने की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की कुल बुवाई घटकर अभी तक केवल 1,028.14 लाख हैक्टेयर में हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,034.28 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई चालू खरीफ में 366.30 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 372.03 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। सूत्रों के अनुसार जुलाई के दूसरे पखवाड़े से अगस्त के आखिर तक देश के कई राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण फसलों की बुवाई में कमी आई है। ष्
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई घटकर 137.61 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक दलहन की बुवाई 143.08 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। दलहनी फसलों में अरहर की बुवाई में करीब 9 लाख हैक्टेयर में कमी आकर कुल बुवाई अभी तक 42.31 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि मूंग की बुवाई भी पिछले साल की तुलना में घटी है। हालांकि उड़द की बुवाई पिछले साल की तुलना में सात लाख हैक्टेयर से ज्यादा बढ़ी है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 166.80 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 180.81 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई भी पिछड़ रही है। सोयाबीन की बुुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 105.18 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 113.30 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर 39.61 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 44.13 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। केस्टर सीड की बुवाई भी चालू खरीफ में पिछड़ रही है।
मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में पिछले साल की तुलना में घटकर अभी तक केवल 180.60 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 183.44 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में जहां बाजरा की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई पिछे चल रही है।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 119.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 101.72 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 49.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 45.64 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ की प्रमुख फसल धान के साथ ही दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की बुवाई में कमी आई है, जबकि कपास के साथ ही गन्ने की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की कुल बुवाई घटकर अभी तक केवल 1,028.14 लाख हैक्टेयर में हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,034.28 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई चालू खरीफ में 366.30 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 372.03 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। सूत्रों के अनुसार जुलाई के दूसरे पखवाड़े से अगस्त के आखिर तक देश के कई राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण फसलों की बुवाई में कमी आई है। ष्
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई घटकर 137.61 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक दलहन की बुवाई 143.08 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। दलहनी फसलों में अरहर की बुवाई में करीब 9 लाख हैक्टेयर में कमी आकर कुल बुवाई अभी तक 42.31 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि मूंग की बुवाई भी पिछले साल की तुलना में घटी है। हालांकि उड़द की बुवाई पिछले साल की तुलना में सात लाख हैक्टेयर से ज्यादा बढ़ी है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 166.80 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 180.81 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई भी पिछड़ रही है। सोयाबीन की बुुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 105.18 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 113.30 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर 39.61 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 44.13 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। केस्टर सीड की बुवाई भी चालू खरीफ में पिछड़ रही है।
मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में पिछले साल की तुलना में घटकर अभी तक केवल 180.60 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 183.44 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में जहां बाजरा की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई पिछे चल रही है।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 119.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 101.72 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 49.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 45.64 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।........... आर एस राणा
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