मौसमी परिस्थितियाँ दक्षिण पश्चिम मानसून के विदा लेने के लिए अब अनुकूल हो रही हैं।
पाकिस्तान के उत्तरी हिस्सों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा बहराइच, बलिया, भागलपुर और आगे नागालैंड की तरफ जा रही है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण आंध्र प्रदेश तट पर बना हुआ है जिससे एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ़ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से होते हुए दक्षिणी-पश्चिमी अरब सागर की तरफ जा रही है।
उत्तर प्रदेश और आसपास के बिहार एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पर बना हुआ है।
एक तीसरा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र नागालैंड और पड़ोसी क्षेत्रों में चिह्नित है।
उत्तरपश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक चौथा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र स्थित है।
मॉनसून दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तर केरल और आंतरिक तमिलनाडु पर व्यापक रूप से सक्रिय रहा।
वहीं सक्रिय मॉनसून की स्थिति अंडमान निकोबार द्वीप समूह, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण कोकण और गोवा में देखी गयी।
मॉनसून तमिलनाडु और केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, नागालैंड और असम के शेष हिस्सों में सामान्य रहा।
गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, पूर्व उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ और हिमाचल प्रदेश में मॉनसून कमजोर रहा।
पिछले 24 घंटों में नरसपुर में 78 मिमी वर्षा दर्ज़ की गयी, धर्मापुरी में 76 मिमी, बेंगलुरु में 67 मिमी, कोझीकोड में 59 मिमी और यरकौद में 52 मिमी।
मॉनसून कर्नाटक और आंतरिक तमिलनाडु में व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
जबकि दक्षिण कोंकण और गोवा, केरल और उत्तर तमिलनाडु पर मॉनसून सक्रिय रहेगा।
तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश, उड़ीसा के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य मॉनसून की स्थिति देखी जाएगी।
बिहार, झारखंड, पूर्व उत्तर प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में मॉनसून कमजोर रहेगा।...........www.skymet.com
पाकिस्तान के उत्तरी हिस्सों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा बहराइच, बलिया, भागलपुर और आगे नागालैंड की तरफ जा रही है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण आंध्र प्रदेश तट पर बना हुआ है जिससे एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ़ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से होते हुए दक्षिणी-पश्चिमी अरब सागर की तरफ जा रही है।
उत्तर प्रदेश और आसपास के बिहार एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पर बना हुआ है।
एक तीसरा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र नागालैंड और पड़ोसी क्षेत्रों में चिह्नित है।
उत्तरपश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक चौथा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र स्थित है।
मॉनसून दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तर केरल और आंतरिक तमिलनाडु पर व्यापक रूप से सक्रिय रहा।
वहीं सक्रिय मॉनसून की स्थिति अंडमान निकोबार द्वीप समूह, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण कोकण और गोवा में देखी गयी।
मॉनसून तमिलनाडु और केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, नागालैंड और असम के शेष हिस्सों में सामान्य रहा।
गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, पूर्व उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ और हिमाचल प्रदेश में मॉनसून कमजोर रहा।
पिछले 24 घंटों में नरसपुर में 78 मिमी वर्षा दर्ज़ की गयी, धर्मापुरी में 76 मिमी, बेंगलुरु में 67 मिमी, कोझीकोड में 59 मिमी और यरकौद में 52 मिमी।
मॉनसून कर्नाटक और आंतरिक तमिलनाडु में व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
जबकि दक्षिण कोंकण और गोवा, केरल और उत्तर तमिलनाडु पर मॉनसून सक्रिय रहेगा।
तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश, उड़ीसा के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य मॉनसून की स्थिति देखी जाएगी।
बिहार, झारखंड, पूर्व उत्तर प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में मॉनसून कमजोर रहेगा।...........www.skymet.com
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