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30 सितंबर 2017

एग्री कमोडिटी दैनिक न्यूज के लिए सुनहरा मौका

खरीफ फसलें सोयाबीन, मूंगफली, केस्टर सीड, ग्वार सीड, धान, बाजरा, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर तथा कपास आदि की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में अक्टूबर में चालू हो जायेगी, तथा इस बार कैसा रहगा जिंसों का बाजार, आगे किस-किस कमोडिटी में निवेश करने से होगा फायदा, या फिर किस कमोडिटी में बनेगी बड़ी तेजी, आयात और निर्यात के साथ ही केंद्र सरकार की नीतियां कैसी रहेगी, इस सब की जानकारी के लिए हमसे जुड़े। 
एग्री कमोडिटी में दैनिक न्यूज ई-मेल के माध्यम से हिंदी में मिलेंगी। इसमें आपको हर रोज एग्री जिंसों दलहन, तिलहन, ग्वार सीड, चीनी, गेहूं, मोटे अनाज, चावल तथा मसालों की तेजी-मंदी की जानकारी, निर्यात-आयात की खबरों के अलावा सरकार की नीतियां, उत्पादन तथा पैदावार की जानकारी दी जायेगी।

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धन्यवाद,
आर एस राणा
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R S Rana

बाजरा की बुवाई बढ़ी, मक्का और ज्वार की घटी, भाव में तेजी नहीं

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में बाजरा की बुवाई में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में कमी आई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार बाजरा की बुवाई बढ़कर 71.82 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 70.38 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
मक्का के साथ बाजरा की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में चालू हो गई है, तथा चालू खरीफ में मक्का के साथ ही बाजरा का उत्पादन भी कम होने का अनुमान है, इसके बावजूद भी भाव में तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि उत्पादक मंडियों में इनके भाव पहले ही नीचे के बने हुए हैं, इसलिए मौजूदा भाव में हल्की गिरावट तो आ सकती है लेकिन बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में राजस्थान में बाजरा की बुवाई बढ़कर 43.66 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय राज्य में बाजरा की बुवाई केवल 39.33 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। उत्तर प्रदेश में बाजरा की बुवाई 9.05 लाख हैक्टेयर में, महाराष्ट्र में 6.80 लाख हैक्टेयर में, मध्य प्रदेश में 3.10 लाख हैक्टेयर में, कर्नाटका में 2.39 लाख हैक्टेयर में, हरियाणा में 4.29 लाख हैक्टेयर में तथा गुजरात में 1.54 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
मक्का की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 80.58 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 83.92 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में मक्का की बुवाई 13.17 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 12.63 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। कर्नाटका में मक्का की बुवाई घटकर 11.29 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 12.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। अन्य राज्य में महाराष्ट्र में मक्का की बुवाई 9.14 लाख हैक्टेयर में, राजस्थान में 9.10 लाख हैक्टेयर में, उत्तर प्रदेश में 7.26 लाख हैक्टेयर में, तेलंगाना में 4.51 लाख हैक्टेयर में, बिहार में 4.10 लाख हैक्टेयर में और छत्तीसगढ़ में 2.26 लाख हैक्टेयर में और गुजरात में 3.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
ज्वार की बुवाई घटकर चालू खरीफ में 18.64 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 19.64 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान में ज्वार की बुवाई 5.55 लाख हैक्टेयर में, महाराष्ट्र में 4.10 लाख हैक्टेयर में, मध्य प्रदेश में 2.70 लाख हैक्टेयर में और तमिलनाडु में 1.30 लाख हैक्टेयर में तथा उत्तर प्रदेश में 1.81 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।...................   आर एस राणा

मूंग की बुवाई राजस्थान में बढ़ी, महाराष्ट्र में घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में मूंग की बुवाई में जहां राजस्थान में बढ़ोतरी हुई है, वहीं महाराष्ट्र में इसकी बुवाई में कमी आई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में मूंग की बुवाई बढ़कर चालू खरीफ में 15.70 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 15.34 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
महाराष्ट्र में चालू खरीफ में मूंग की बुवाई घटकर 4.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 5.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। कर्नाटका में मूंग की बुवाई घटकर चालू खरीफ में 3.67 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 4.18 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। अन्य राज्य में मध्य प्रदेश में मूंग की बुवाई 2.28 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 1.29 लाख हैक्टेयर में और उड़ीसा में 2.06 लाख हैक्टेयर में ही हुई है। मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मूंग की कुल बुवाई घटकर अभी तक केवल 31.80 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 34.53 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। ....................   आर एस राणा

उड़द की बुवाई मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ ही राजस्थान में बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में उड़द की बुवाई मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ ही राजस्थान में भी बढ़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश में उड़द की बुवाई बढ़कर 17.89 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 11.68 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
इसी तरह से राजस्थान में उड़द की बुवाई बढ़कर 5.40 लाख हैक्टेयर में और महाराष्ट्र में 4.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इन राज्यों में उड़द की बुवाई क्रमशः 3.89 लाख हैक्टेयर में और 4.55 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
उत्तर प्रदेश में चालू खरीफ में उड़द की बुवाई घटकर 5.96 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 6.01 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ में 1.61 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 1.30 लाख हैक्टेयर में, कर्नाटका में 1,30 लाख हैक्टेयर में, उड़ीसा में 2.50 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार देशभर में उड़द की बुवाई बढ़कर चालू खरीफ में 42.99 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 35.89 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।...............   आर एस राणा

महाराष्ट्र के साथ ही कर्नाटका में अरहर की बुवाई घटी, यूपी में बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटका के साथ ही मध्य प्रदेश में भी अरहर की बुवाई में कमी आई है लेकिन उत्तर प्रदेश में बुवाई पिछले साल से बढ़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र में अरहर की बुवाई घटकर 12.73 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 15.33 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
कर्नाटका में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई घटकर 8.83 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 12.34 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मध्य प्रदेश में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई 6.51 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 6.90 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
उत्तर प्रदेश में अरहर की बुवाई बढ़कर चालू खरीफ में 3.60 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। अन्य राज्यों में आंध्रप्रदेश में अरहर की बुवाई 2.60 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 2.72 लाख हैक्टेयर में, छत्तीसगढ़ में 1.37 लाख हैक्टेयर में, उड़ीसा में 1.37 लाख हैक्टेयर में और तेलंगाना में 2.51 लाख हैक्टेयर में ही हुई है। ............   आर एस राणा

29 सितंबर 2017

कैसे करें कमोडिटी में ऑप्शन की ट्रेडिंग

सेबी ने कमोडिटी ऑप्शंस पर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसके तहत कमोडिटी फ्यूचर्स में ऑप्शंस ट्रेडिंग को मंजूरी दी गई है। सेबी के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल सिर्फ 1 ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी दी गई है। जिसमें नॉन-एग्री कमोडिटी ऑप्शंस के लिए रोजाना 1,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर जरूरी होगा। जबकि एग्री फ्यूचर्स के ऑप्शंस के लिए रोजाना 200 करोड़ रुपये का टर्नओवर जरूरी होगा। फिलहाल किस कमोडिटी में ऑप्शंस ट्रेडिंग होगी इसके बारे में कमोडिटी एक्सचेंजों को फैसला लेना है।
एमसीएक्स सोने में ऑप्शंस ट्रेडिंग शुरु करने जा रहा है जिसके लिए एमसीएक्स पर जोरदार तैयारी चल रही है। कमोडिटी ऑप्शंस, कमोडिटी में हेजिंग का नया जरिया है जिससे कमोडिटी में हेजिंग आसान होगी लेकिन इससे पहले जान लेते है कि कमोडिटी ऑप्शंस क्या है।
ऑप्शंस, एक करार जो खरीदार को खरीदारी का हक देता है, लेकिन जरूरी नहीं कि किसी भी दाम पर या तय वक्त से पहले वह खरीदने या बेचने का फैसला लें। कॉल ऑप्शन फ्यू्चर के तहत बढ़ते दाम से सुरक्षा के लिए हेजिंग की जा सकती है जिसमें असीमित मुनाफे का मौका होता है। वहीं पुट ऑप्शन के तहत सीमित मुनाफे की संभवना के साथ गिरती कीमतों से सुरक्षा मिलती है। पुट कॉन्ट्रैक्ट से किसानों को फायदा हो सकता है जिससे उनको पहले से तय मूल्य पर बेचने का मौका मिलता है।

मानसूनी बारिश की कमी से तिलहन, दलहन के साथ मोटे अनाजों की बुवाई घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में देशभर के 17 फीसदी इलाकों में मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण तिलहन, दलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई में तो कमी आई है, लेकिन कपास के साथ ही गन्ने की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की कुल बुवाई घटकर अभी तक केवल 1,060.63 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,066.30 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई चालू खरीफ में घटकर 379.08 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 382.37 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
मंत्रालय के अनुसार तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 173.41 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 190.26 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई भी घटी है। सोयाबीन की बुुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 105.92 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 114.79 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर 41.58 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 46.98 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई घटकर 8.30 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 8.56 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
चालू खरीफ में दलहन की बुवाई घटकर 142.01 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक दलहन की बुवाई 147.47 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। दलहनी फसलों में अरहर के साथ ही मूंग की बुवाई में तो चालू खरीफ में कमी आई है लेकिन उड़द की बुवाई पिछले साल की तुलना में 7 लाख हैक्टेयर में ज्यादा हुई है।
मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में पिछले साल की तुलना में घटकर अभी तक केवल 186.51 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 190.21 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में जहां बाजरा की बुवाई में हल्की बढ़ोतरी हुई है वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में कमी आई है।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 122.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 102.79 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 49.95 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 45.64 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।...............   आर एस राणा

देशभर के 17 फीसदी क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। मानसूनी सीजन समाप्ति की और है तथा देशभर के 17 फीसदी क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम हुई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार उत्तर भारत से मानसून की वापसी शुरु हो गई है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से मानसून वापस हो गया है। देशभर में बारिश चालू खरीफ सीजन में सामान्य से 6 फीसदी कम हुई है।
आईएमडी के अनुसार दक्षिण भारत के कर्नाटका और तेलंगाना में भी स्थिति चिंताजनक है। राज्यवर आंकड़ों पर नजर डालें तो ईस्ट उत्तर प्रदेश में बारिश सामान्य से 27 फीसदी कम हुई है जबकि वेस्ट उत्तर प्रदेश में बारिश सामान्य से 30 फीसदी कम हुई है। हरियाणा में बारिश सामान्य से 25 फीसदी, पंजाब में 21 फीसदी, ईस्ट मध्य प्रदेश में 24 फीसदी, महाराष्ट्र के विदर्भा में सामान्य से 23 फीसदी और छत्तीसगढ़ में 11 फीसदी कम बारिश हुई है।
दक्षिण भारत के कोस्टल कर्नाटका में 17 फीसदी और तेलंगाना में सामान्य से 15 फीसदी कम बारिश हुई है।.....   आर एस राणा

तिलहनों के साथ खाद्य तेलों पर स्टॉक लिमिट की अवधि बढ़ाई

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तिलहनों के साथ ही खाद्य तेलों पर स्टॉक लिमिट की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार स्टॉक लिमिट की अवधि सितंबर 2018 तक बढ़ा दी गई है। खाद्य तेलों के साथ ही तिलहनों पर स्टॉक लिमिट की अवधि 30 सितंबर 2017 को समाप्त हो रही थी।
केंद्र सरकार ने स्टॉक लिमिट की अवधि को बढ़ा दिया है, अब यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह अपने यहां खाद्य तेलों या तिलहनों पर स्टॉक लिमिट लगाती है, या नहीं। क्योंकि स्टॉक लिमिट लगाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है।
चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई में कमी आई है, जिससे तिलहनों की पैदावार भी पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है। हालांकि इसके बावजूद भी तिलहनों खासकर के सायोबीन और और मूंगफली की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। अक्टूबर में उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक बढ़ने पर सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की कीमतों में भी गिरावट आने का अनुमान है।................   आर एस राणा

सोने में गिरावट के संकेत

एबीएन एमरो ने सोने में गिरावट के संकेत दिए हैं और कहा है कि जल्द ही सोना 1250 डॉलर तक गिर सकता है। हालांकि बैंक ने ये भी कहा है कि सोना 1300 डॉलर के स्तर पर इस साल का अंत करेगा और अगले साल सोने का भाव 1450 डॉलर तक भी जा सकता है। इस बीच पिछले तीन महीनों में पहली बार सोने में मंथली गिरावट आई है। इस महीने सोने का भाव करीब 3 फीसदी फिसल गया है जो इस साल का सबसे बड़ी मंथली गिरावट भी है। वीकली लेवल पर भी लगातार तीसरे हफ्ते इसमें गिरावट देखी जा रही है और आज ग्लोबल मार्केट में सोना 1285 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। कच्चे तेल में ‍भी बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। सप्लाई घटने और मांग में कमी के अनुमान से इस महीने क्रूड का दाम करीब 10 फीसदी उछल गया है। चीन की मांग के दम पर मेटल में भी मजबूती आई है और लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर पांचवी तिमाही बढ़त दिखा रहा है। इस तिमाही कॉपर में करीब 10 फीसदी की तेजी आई है। खास तौर से चीन की मांग से मेटल की कीमतों को सपोर्ट मिला है।डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है और डॉलर की कीमत 65.30 रुपये के नीचे आ गई है।

28 सितंबर 2017

29 सितंबर 2017 का मौसम पूर्वानुमान

पूर्वी जम्मू और कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
वर्तमान में, मॉनसून की अक्षीय रेखा पूर्वी उत्तर प्रदेशऔरउत्तरी बिहार के तराई वाले क्षेत्रों से होते हुए पूर्वी असम की तरफ से चल रही है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के आस-पास के हिस्सों में एक चक्रवती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण ओडिशा से पश्चिम- मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक और चक्रवात सिस्टमबना हुआ है।
इस मौसम प्रणाली से रायलसीमा और दक्षिण कर्नाटक से केरल तक एक ट्रफ रेखा देखि जा सकती है।
बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी में एक चक्रवती सिस्टम बना हुआ है।
उत्तरी केरल और आसपास के तटीय कर्नाटक में मानसून जोरदार रहा।
ओडिशा, आंध्र प्रदेश, दक्षिण तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक के शेष हिस्सों और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र में सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई।
पूर्वोत्तर राज्यों, पूर्व बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मॉनसून सामान्यरहा।देश के शेष हिस्सों में मानसून कमजोर रहा।
बुधवार को 08:30 बजे से 24 घंटे के अंतराल में, कन्नूर में 77 मिमी बारिश हुई, कोझीकोड 48 मिमी, मंगलगुरु 48 मिमी और कोचीन 41 मिमीबारिश हुई।
पूर्वोत्तर राज्यों और आसपास के उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम पर मानसून व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
सक्रिय मानसून की स्थिति पूर्व और साथ ही दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों में होने की संभावना है।
देश के शेष हिस्सों में मानसून कमजोर रहेगा।  ...........www.skymet.com

गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई घटकर केवल 2 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 2.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
गुजरात के कृषि निदेशालय के अनुसार राज्य में सामान्यतः ग्वार सीड की बुवाई 2.92 लाख हैक्टेयर में होती है। किसानों ने ग्वार सीड के बजाए अन्य नकदी फसलों की बुवाई को तरजीह दी है।.............   आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट

डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट बढ़ गई है और आज 1 डॉलर की कीमत 65.90 के पास तक पहुंच गई है। रुपया पिछले 6.5 महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है और इस साल के ऊपरी स्तर से करीब 4 फीसदी का गोता लगा चुका है। डॉलर में बढ़त से रुपये पर दबाव बढ़ता जा रहा है। डॉलर में मजबूती से ग्लोबल मार्केट में सोने का भाव पिछले एक महीने के निचले स्तर पर गिर गया है। कॉमैक्स पर सोना 1280 डॉलर के आसपास कारोबार कर रहा है। जबकि चांदी का भाव पिछले 2 महीने का निचला स्तर छू चुका है। इसमें 17 डॉलर के काफी नीचे कारोबार हो रहा है। मजबूत डॉलर ने कच्चे तेल पर दबाव डाला है और अमेरिका में भंडार गिरने के बावजूद क्रूड करीब 0.5 फीसदी नीचे आ गया है। अमेरिकी एनर्जी डिपार्टमेंट की इन्वेंट्री रिपोर्ट आई थी, जिसके मुताबिक वहां क्रूड का भंडार 18 लाख बैरल गिर गया है।

27 सितंबर 2017

पहली तिमाही में मसालों का निर्यात 35 फीसदी ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही अप्रैल-जून के दौरान मसालों का निर्यात 35 फीसदी बढ़कर 3,06,990 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इनका निर्यात 2,27,938 टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से निर्यात बढ़कर 4,589.14 करोड़ रुपये का हुआ है।
चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में लालमिर्च का निर्यात बढ़कर 1,33,000 टन का हुआ है जोकि मूल्य के हिसाब से 1,198 करोड़ रुपये का हुआ है। छोटी इलायची का निर्यात बढ़कर चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में 1,220 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,106 टन ही निर्यात हुआ था।
जीरा का निर्यात में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 41,707 टन का और हल्दी का निर्यात 33,323 टन का हुआ है।.................   आर एस राणा

28 सितम्बर 2017 का मॉनसून

मौसमी परिस्थितियाँ दक्षिण पश्चिम मानसून के विदा लेने के लिए अब अनुकूल हो रही हैं।
पाकिस्तान के उत्तरी हिस्सों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा बहराइच, बलिया, भागलपुर और आगे नागालैंड की तरफ जा रही है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण आंध्र प्रदेश तट पर बना हुआ है जिससे एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ़ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से होते हुए दक्षिणी-पश्चिमी अरब सागर की तरफ जा रही है।
उत्तर प्रदेश और आसपास के बिहार एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पर बना हुआ है।
एक तीसरा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र नागालैंड और पड़ोसी क्षेत्रों में चिह्नित है।
उत्तरपश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक चौथा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र स्थित है।
मॉनसून दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तर केरल और आंतरिक तमिलनाडु पर व्यापक रूप से सक्रिय रहा।
वहीं सक्रिय मॉनसून की स्थिति अंडमान निकोबार द्वीप समूह, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण कोकण और गोवा में देखी गयी।
मॉनसून तमिलनाडु और केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, नागालैंड और असम के शेष हिस्सों में सामान्य रहा।
गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, पूर्व उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ और हिमाचल प्रदेश में मॉनसून कमजोर रहा।
पिछले 24 घंटों में नरसपुर में 78 मिमी वर्षा दर्ज़ की गयी, धर्मापुरी में 76 मिमी, बेंगलुरु में 67 मिमी, कोझीकोड में 59 मिमी और यरकौद में 52 मिमी।
मॉनसून कर्नाटक और आंतरिक तमिलनाडु में व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
जबकि दक्षिण कोंकण और गोवा, केरल और उत्तर तमिलनाडु पर मॉनसून सक्रिय रहेगा।
तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश, उड़ीसा के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य मॉनसून की स्थिति देखी जाएगी।
बिहार, झारखंड, पूर्व उत्तर प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में मॉनसून कमजोर रहेगा।...........www.skymet.com

स्टॉक ज्यादा होने से हल्दी की कीमतों में गिरावट

आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक राज्यों में हल्दी का बकाया स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही निर्यात मांग कम होने से हल्दी की कीमतों में मंदा बना हुआ है। बुधवार को निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 7,500 से 7,600 रुपये और इरोड़ मंडी में 7,100 रुपये प्रति क्विंटल रहे। सप्ताहभर में इसकी कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है।
व्यापारियों के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में हल्दी का उत्पादन ज्यादा होने के कारण उत्पादक मंडियों में हल्दी का स्टॉक पिछले साल से ज्यादा है जबकि निर्यात कम हो रहा है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार हल्दी का उत्पादन 2016-17 में बढ़कर 11.32 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल हल्दी का उत्पादन 9.43 लाख टन का हुआ था।
मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले तीन महीनों में हल्दी का निर्यात 10 फीसदी घटकर 33,323 टन का ही हुआ है। विश्व बाजार में हल्दी का भाव 3.19 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.42 डॉलर प्रति किलो था।
चालू सीजन में हल्दी की बुवाई आंध्रप्रदेश में बढ़ी है, लेकिन तेलंगाना में बुवाई पिछले साल की तुलना में कम हुई है। आंध्रप्रदेश में हल्दी की बुवाई 14,575 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 14,304 हैक्टेयर में ही हुई थी। सामान्यतः हल्दी की बुवाई आंध्रप्रदेश में 17,695 हैक्टेयर में होती है। तेलंगाना में हल्दी की बुवाई चालू सीजन में 44,956 हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 45,633 हैक्टेयर में हो चुकी थी। सामान्यतः तेलंगाना में हल्दी की बुवाई 47,177 हैक्टेयर में होती है।........   आर एस राणा

रुपये पर दबाव

अमेरिका में फेडरल रिजर्व की चेयरमैन जेनेट येलेन के बयान के बाद रुपये पर दबाव बढ़ गया है और पिछले 6 महीने का निचला स्तर छू चुका है। 1 डॉलर की कीमत 65.50 रुपये के पार पहुंच गई है। फेड चेयरमैन ने इस साल दरें बढ़ाने का मजबूत संकेत दिया है और ऐसे में डॉलर इंडेक्स एक महीने के ऊपरी स्तर पर चला गया है। कल हल्के दबाव के बाद आज कच्चे तेल में फिर से तेजी लौटी है और ग्लोबल मार्केट में क्रूड का दाम करीब 0.5 फीसदी बढ़ गया है। अमेरिका में क्रूड का भंडार 7.61 लाख बैरल गिर गया है, ऐसे में क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिला है। पिछले दो हफ्ते के बाद गैसोलीन के भंडार में भी गिरावट दर्ज हुई है। डॉलर में बढ़त से सोने की चमक फीकी पड़ गई है और ये फिर से 1300 डॉलर के नीचे आ गया है।

26 सितंबर 2017

कच्चे तेल में तेजी

कच्चे तेल में तूफानी तेजी आई है। ब्रेंट का दाम 2 साल के ऊपरी स्तर पर चला गया है। फिलहाल इसमें 59 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। पिछले 3 महीने में इसका दाम करीब 30 फीसदी उछल गया है। नायमैक्स पर क्रूड में 52 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है जो पिछले 5 महीने का ऊपरी स्तर है। दुनिया में कच्चे तेल का भंडार गिर रहा है। ओपेक की सप्लाई घटने से विकसित देशों का संगठन ओईसीडी का भंडार करीब 40 फीसदी गिर गया है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों को सपोर्ट मिला है।
उत्तर कोरिया का युद्ध की चेतावनी देने से सोने की चमक बढ़ गई है और ग्लोबल मार्केट में इसका दाम 1310 डॉलर के ऊपर चला गया है। चांदी में भी 17 डॉलर के पार कारोबार हो रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती बढ़ गई है। एक डॉलर की कीमत 65.20 के पास है।

25 सितंबर 2017

26 सितंबर 2017 का मौसम पूर्वानुमान

उत्तरी पाकिस्तान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय गंगानगर, कैथल, बरेली, वाराणसी, जमशेदपुर, दिघा होते हुए उत्तरी अंडमान सागर में पहुँच रही है।
उत्तरी अंडमान सागर और इससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से उत्तरी तमिलनाडु और केरल होते हुए लक्षद्वीप तक विंड शीयर ज़ोन बना हुआ है।
बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों पर एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है।
पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड के कुछ हिस्सों और गंगीय पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हल्की से मध्यम और एक-दो जगह भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिणी छत्तीसगढ़, ओड़ीशा के तटवर्ती हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली।
पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी और मध्य तथा पूर्वी भारत के शेष भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहा।
अगले 24 घंटों के दौरान प्रमुख वर्षा वाले क्षेत्रों का ज़िक्र करें तो अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मौसम सक्रिय रहेगा और यहाँ मध्यम से भारी बारिश के बीच कुछ स्थानों पर मूसलाधार बौछारें गिर सकती हैं।
दक्षिणी कोंकण व गोवा, तटीय व दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, दक्षिणी तटवर्ती आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु में कई स्थानों हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा के आसार हैं।
केरल, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है।
तेलंगाना, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में कहीं-कहीं बादल छाने और हल्की वर्षा होने की संभावना है।
दिल्ली सहित देश के शेष सभी भागों में मौसम शुष्क बना रहेगा।...............www.skymet.com

असामान्य मौसम से खरीफ में खाद्यान्न उत्पादन में 38.6 लाख टन की कमी की आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में देश के कई राज्यों में असामान्य मानसून के कारण खरीफ में खाद्यान्न का उत्पादन 38.6 लाख टन घटकर 13.46 करोड़ टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में 13.85 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में देश के कई राज्यों में जहां सूखे जैसे हालात रहे, वहीं कई राज्यों में बाढ़ व भारी बारिश से फसल को नुकसान की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चालू मानसून सीजन (जून से सितंबर) के पहले सप्ताह तक देशभर में औसत से 5 फीसदी कम बारिश हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार अभी तक बारिश सामान्य हुई है।
खरीफ की प्रमुख फसल चावल का उत्पादन चालू खरीफ में 19.1 लाख टन कम होकर 94.48 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 96.39 लाख टन का हुआ था। इसी तरह से खरीफ दलहन का उत्पादन घटकर चालू खरीफ में 87.1 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में दालों का उत्पादन 94.2 लाख टन का हुआ था। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर का उत्पादन घटकर 39.9 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में अरहर का उत्पादन 47.8 लाख टन का हुआ था। मूंग का उत्पादन पिछले साल के 16.2 लाख टन से घटकर 13.2 लाख टन ही होने का अनुमान है। उड़द का उत्पादन चालू खरीफ में बढ़कर 25.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 21.7 लाख टन का हुआ था।
मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन चालू खरीफ में घटकर 187.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में 192.4 लाख टन मक्का का उत्पादन हुआ था। बाजरा का उत्पादन पिछले साल के 98 लाख टन से घटकर 86.6 लाख टन होने का अनुमान है। ज्वार का उत्पादन चालू खरीफ में बढ़कर 21.5 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल ज्वार का उत्पादन 18.5 लाख टन का ही हुआ था।
मंत्रालय के अनुसार खरीफ तिलहन का उत्पादन का घटकर चालू खरीफ में 206.79 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में इसका उत्पादन 224.01 लाख टन का उत्पादन हुआ था। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन का उत्पादन घटकर 122.17 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में इसका उत्पादन 137.94 लाख टन का उत्पादन हुआ था। मूंगफली का उत्पादन चालू खरीफ में पिछले साल के लगभग बराबर ही 62.13 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 62.21 लाख टन का हुआ था।
पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार कपास का उत्पादन चालू खरीफ में घटकर 322.73 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 330.92 लाख गांठ का हुआ था। बुवाई में हुई बढ़ोतरी से चालू खरीफ में गन्ने का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है। ............   आर एस राणा

ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1295 डॉलर के नीचे

डॉलर में बढ़त से सोने पर फिर से दबाव बनने लगा है। ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1295 डॉलर के नीचे फिसल गया है। चांदी में भी करीब 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार हो रहा है। कच्चे तेल में भी मजबूत डॉलर का असर है और ऊपरी स्तर से दबाव दिख रहा है। ब्रेंट क्रूड 6 महीने से ज्यादा का ऊपरी स्तर छू चुका है। ब्रेंट 57 डॉलर के बेहद करीब कारोबार कर रहा है। पिछले 3 महीने में कच्चे तेल की कीमतों में करीब 15 फीसदी की तेजी आ चुकी है। अमेरिका के ऑयल रिग मे फिर से गिरावट आई है और इसे देखते हुए दुनिया भर में कच्चे तेल में तेजी के सौदे पिछले 1 महीने के ऊपरी स्तर पर चला गया है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया संभलता दिख रहा है।

23 सितंबर 2017

24 सितंबर 2017 का मौसम पूर्वानुमान

निम्न दबाव का प्रभावी क्षेत्र आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों तथा उत्तराखंड पर पहुँच गया है। इसके अलावा एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी आसपास के भागों पर विकसित हो गया है।
पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी जम्मू कश्मीर पर बना हुआ है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पश्चिम में हिमालय के तराई क्षेत्रों से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक बनी हुई है।
बंगाल की खाड़ी के मध्य से तटीय तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके साथ-साथ तमिलनाडु के तटीय भागों पर बंगाल की खाड़ी में ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है।
उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू कश्मीर के पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित हो गया है।
पिछले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश और हरियाणा के कुछ भागों में भारी से अति भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम बौछारें दर्ज की गई हैं।
गुजरात और राजस्थान के अधिकांश हिस्सों को छोड़कर देश के बाकी भागों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की बारिश देखने को मिली।
अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी हरियाणा, उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इन भागों में एक-दो स्थानों पर मूसलाधार वर्षा भी हो सकती है। भारी बारिश दिन के पहले भाग में होगी। दोपहर तक वर्षा में कमी आने के आसार हैं।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी कुछ जगहों पर मध्यम बारिश होने के आसार हैं।
दक्षिणी ओड़ीशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पूर्वोत्तर भारत के बाकी भागों, पूर्वी जम्मू कश्मीर, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्की मॉनसून वर्षा हो सकती है।.............www.skymet.com
गुजरात के कच्छ क्षेत्र, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब में मौसम शुष्क बना रहेगा।
राजस्थान और गुजरात के तापमान में वृद्धि होने के आसार हैं।

एग्री कमोडिटी दैनिक न्यूज के लिए सुनहरा मौका

खरीफ फसलें सोयाबीन, मूंगफली, केस्टर सीड, ग्वार सीड, धान, बाजरा, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर तथा कपास आदि की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में अक्टूबर में चालू हो जायेगी, तथा इस बार कैसा रहगा जिंसों का बाजार, आगे किस-किस कमोडिटी में निवेश करने से होगा फायदा, या फिर किस कमोडिटी में बनेगी बड़ी तेजी, आयात और निर्यात के साथ ही केंद्र सरकार की नीतियां कैसी रहेगी, इस सब की जानकारी के लिए हमसे जुड़े। 
एग्री कमोडिटी में दैनिक न्यूज ई-मेल के माध्यम से हिंदी में मिलेंगी। इसमें आपको हर रोज एग्री जिंसों दलहन, तिलहन, ग्वार सीड, चीनी, गेहूं, मोटे अनाज, चावल तथा मसालों की तेजी-मंदी की जानकारी, निर्यात-आयात की खबरों के अलावा सरकार की नीतियां, उत्पादन तथा पैदावार की जानकारी दी जायेगी। प्रमुख उत्पादक मंडियों के एग्री जिसों के भाव शाम 5 बचे तक मिलेंगे। यह स्कीम केवल 15 अक्टूबर 2017 तक है, उसके बाद सदस्यता शुल्क बढ़ेगा।

एक महीने का सदस्यता शुल्क 1,000 रुपये, 6 महीने का सदस्यता शुल्क 5,000 रुपये और एक साल का सदस्यता शुल्क 8,000 रुपये है।
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अरहर और मूंग की बुवाई में आई कमी, उड़द की ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में अरहर के साथ ही मूंग की बुवाई में कमी आई है, लेकिन उड़द की बुवाई पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार अरहर की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 43.26 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 52.77 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। उड़द और मूंग की दैनिक आवक मौसम साफ होने के बाद बढ़ने का अनुमान है, जिससे अक्टूबर में इनके भाव में गिरावट आ सकती है। जानकारों के अनुसार बारिश सामान्य से कम होने के कारण मूंग की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता कम होने से उत्पादन में कमी आने की आशंका है, ऐसे में दिसंबर-जनवरी में भाव तेज होने का अनुमान है। अरहर के उत्पादन में तो कमी आने की आशंका है, लेकिन केंद्रीय पूल में स्टॉक ज्यादा होने से भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद अभी नहीं है।
मंत्रालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र के साथ ही मध्य प्रदेश, कर्नाटका, तेलंगाना के साथ ही आंध्रप्रदेश में भी अरहर की बुवाई कम हुई है। महाराष्ट्र में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई घटकर 12.73 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 15.31 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी थी। कर्नाटका में अरहर की बुवाई घटकर 8.79 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 11.91 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। इसी तरह से मध्य प्रदेश में बुवाई घटकर 6.51 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 2.70 लाख हैक्टेयर में, आंध्रप्रदेश में 2.47 लाख हैक्टेयर में, तेलंगाना में 2.51 लाख हैक्टेयर में और उत्तर प्रदेश में बुवाई 3.36 लाख हैक्टेयर में हुई है।
मूंग की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 31.73 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मूंग की बुवाई 34.50 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। राजस्थान में मूंग की बुवाई चालू खरीफ में 15.70 लाख हैक्टेयर में, महाराष्ट्र में 5.52 लाख हैक्टेयर में, मध्य प्रदेश में 2.28 लाख हैक्टेयर में और कर्नाटका में 3.67 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।
उड़द की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 42.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई केवल 35.26 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। उड़द की बुवाई मध्य प्रदेश में बढ़कर 17.89 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक मध्य प्रदेश में केवल 11.68 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। अन्य राज्यों में महाराष्ट्र में 4.83 लाख हैक्टेयर में, उड़ीसा में 2.42 लाख हैक्टेयर में, राजस्थान में 5.40 लाख हैक्टेयर में और उत्तर प्रदेश में 5.96 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।.................    आर एस राणा

बारिश की कमी से धान के साथ ही दलहन व तिलहन की बुवाई घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में देश के कई राज्यों में मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण धान, दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की बुवाई में तो कमी आई है, लेकिन कपास के साथ ही गन्ने की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की कुल बुवाई घटकर अभी तक केवल 1,054.97 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,063.28 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई चालू खरीफ में घटकर 376.76 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 381.75 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई घटकर 141.18 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक दलहन की बुवाई 146.26 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। दलहनी फसलों में अरहर के साथ ही मूंग की बुवाई में तो चालू खरीफ में कमी आई है लेकिन उड़द की बुवाई पिछले साल से ज्यादा हुई है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 172.94 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 189.45 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई भी पिछड़ रही है। सोयाबीन की बुुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 105.91 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 114.72 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर 41.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 46.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। केस्टर सीड की बुवाई भी चालू खरीफ में पिछड़ रही है। चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई घटकर 8.17 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 8.39 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में पिछले साल की तुलना में घटकर अभी तक केवल 185.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 190.06 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में जहां बाजरा की बुवाई में हल्की बढ़ोतरी हुई है वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में कमी आई है।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 121.72 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 102.56 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 49.95 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 45.64 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।...............   आर एस राणा

22 सितंबर 2017

एमसीएक्स पर कमोडिटी ऑप्शंस

सेबी ने कमोडिटी ऑप्शंस पर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसके तहत कमोडिटी फ्यूचर्स में ऑप्शंस ट्रेडिंग को मंजूरी दी गई है। सेबी के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल सिर्फ 1 ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी दी गई है। जिसमें नॉन-एग्री कमोडिटी ऑप्शंस के लिए रोजाना 1,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर जरूरी होगा। जबकि एग्री फ्यूचर्स के ऑप्शंस के लिए रोजाना 200 करोड़ रुपये का टर्नओवर जरूरी होगा। फिलहाल किस कमोडिटी में ऑप्शंस ट्रेडिंग होगी इसके बारे में कमोडिटी एक्सचेंजों को फैसला लेना है।
एमसीएक्स सोने में ऑप्शंस ट्रेडिंग शुरु करने जा रहा है जिसके लिए एमसीएक्स पर जोरदार तैयारी चल रही है। कमोडिटी ऑप्शंस, कमोडिटी में हेजिंग का नया जरिया है जिससे कमोडिटी में हेजिंग आसान होगी लेकिन इससे पहले जान लेते है कि कमोडिटी ऑप्शंस क्या है।
ऑप्शंस, एक करार जो खरीदार को खरीदारी का हक देता है, लेकिन जरूरी नहीं कि किसी भी दाम पर या तय वक्त से पहले वह खरीदने या बेचने का फैसला लें। कॉल ऑप्शन फ्यू्चर के तहत बढ़ते दाम से सुरक्षा के लिए हेजिंग की जा सकती है जिसमें असीमित मुनाफे का मौका होता है। वहीं पुट ऑप्शन के तहत सीमित मुनाफे की संभवना के साथ गिरती कीमतों से सुरक्षा मिलती है।

23 सितंबर 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान

पिछले 24 घंटों में मॉनसून उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से सक्रिय रहा। वहीं मॉनसून शेष महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सक्रिय रहा।
जबकि केरल, तटीय कर्नाटक, उत्तर तमिलनाडु, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी हिस्सों में सामान्य मॉनसून की स्थिति देखी गई।
पिछले 24 घंटों में हरनई में 319 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, वहीं शाजापुर में 139 मिमी और भीरा में 119 मिमी बारिश रेकॉर्ड की गयी।
21 सितंबर तक देश भर के बारिश के आंकड़े में 5% की कमी रही। जहां तक क्षेत्रीय वितरण की बात करें, उत्तर पश्चिमी भारत, मध्य और दक्षिण भारत में 11%, 5% और 1% की कमी देखी जा सकती है।
वर्तमान में मॉनसून की अक्षीय रेखा बीकानेर, अजमेर, गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र, पेंडरा, झारसुगुडा और पारादीप से पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ जा रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून उत्तराखंड और उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिस्सों पर व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
इस बीच मॉनसून दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों पर सक्रिय रहेगा। सामान्य मॉनसून की स्थिति ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, असम, मेघालय, तटीय आंध्र प्रदेश और तटीय कर्नाटक पर देखी जा सकती है।........www.skymet.com

सोने में निचले स्तर से हल्की रिकवरी

कल की भारी गिरावट के बाद आज सोने में निचले स्तर से हल्की रिकवरी आई है। कॉमैक्स पर इसका भाव अभी भी 1300 डॉलर के नीचे बना हुआ है। चांदी में भी हल्की बढ़त आई है। लेकिन इसे बावजूद भाव 17 डॉलर के नीचे है। डॉलर में ऊपरी स्तर से कुछ दबाव दिख रहा है। ओपेक और दूसरे तेल उत्पादक देशों की विएना में अहम बैठक है। माना जा रहा है कि इस इस बैठक में नाइजीरिया और लीबिया जैसे देशों को भी उत्पादन कटौती का हिस्सा बनाने पर बात हो सकती है। इन दोनों देशों को भी इस बैठक में शामिल होना है। ऐसे में कच्चे तेल में बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। ब्रेंट 56 डॉलर और नायमैक्स क्रूड लगातार 50 डॉलर के ऊपर बना हुआ है।  डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी बढ़ गई है और एक डॉलर की कीमत पैंसठ रुपए के ऊपर चली गई है। डॉलर के मुकाबले रुपया 4 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गया है।

21 सितंबर 2017

22 सितंबर 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान

पिछले 24 घंटों में, दक्षिण पश्चिम मॉनसून कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के कई हिस्सों, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम पर व्यापक रूप से सक्रिय रहा।
इस बीच, मॉनसून तटीय कर्नाटक, विदर्भ, छत्तीसगढ़, आंतरिक उड़ीसा, उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों और पूर्वोत्तर राज्यों पर सक्रिय रहा।
पिछले 24 घंटों में, सागर में 132 मिमी वर्षा दर्ज़ की गयी, वहीं अलिबाग में 108 मिमी और दमोह में 101 मिमी बारिश रेकॉर्ड की गयी।
20 सितंबर को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 5% की कमी बनी हुई है। जहां तक क्षेत्रीय वितरण की बात करें तो उत्तर पश्चिमी, मध्य और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 11%, 6% और 3% कम बारिश देखी गयी।
वर्तमान में मॉनसून की अक्षीय रेखा बीकानेर, अजमेर, निम्न दबाव के क्षेत्र, पेंडरा रोड, झारसुगुडा, पारादीप से होते हुए पूर्वी बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान, पश्चिम मध्य प्रदेश, मध्य और पश्चिम उत्तर प्रदेश में मॉनसून व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
इस बीच, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा, दिल्ली और मध्य महाराष्ट्र में सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी जाएगी।
वहीं सामान्य मानसून की स्थिति ओडिशा, बिहार, झारखंड, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, केरल, पूर्वोत्तर राज्यों, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उत्तराखंड देखने को मिल सकती है।..........www.skymet.com

ब्रांडेड अनाज पर जीएसटी को लेकर सरकार की सफाई

ब्रांडेड अनाज पर जीएसटी को लेकर कंफ्यूचन पर सरकार ने सफाई जारी की है। सरकार ने साफ कर दिया है कि नॉन-ब्रांडेड पैकेज्ड फूड जीएसटी के दायरे से बाहर होगा। यानि अगर कोई व्यापारी कारोबार में ब्रांड का सहारा नहीं लेता है तो उसे 5 फीसदी जीएसटी नहीं देनी होगी। हालांकि उसे एक्शनेबल क्लेम के तहत सरकार के सामने इसके लिए लिखित में सफाई देनी होगी। वहीं अगर ब्रांड किसी भी कानून के तहत रजिस्टर्ड है और एक्शनेबल क्लेम के दायरे में है तो वह जीएसटी के दायरे में आएगा। इसमें 15 मई तक रजिस्टर्ड सभी ब्रांड को शामिल किया गया है।

सोने की तेजी खत्म

दो दिनों की बैठक के बाद यूएस फेड ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन इस साल दरें बढ़ाने के मजबूत संकेत ​दिए हैं। ऐसे में सोने की तेजी खत्म हो गई है और इसका दाम पिछले तीन हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया है। डॉलर में आई रिकवरी से कॉमैक्स पर सोना 1300 डॉलर के नीचे आ गया है और इस साल की ऊंचाई से ये करीब 5 फीसदी का गोता लगा चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि आगे भी सोने में गिरावट गहरा सकती है। वहीं चांदी भी कमजोर है। अमेरिका में भंडार बढ़ने से कच्चे तेल में भी ऊपरी स्तर से दबाव है। हालांकि ब्रेंट लगातार 5 महीने की ऊंचाई पर बना हुआ है और नायमैक्स क्रूड भी 50 डॉलर के ऊपर है। एलएमई पर एल्युमिनियम का दाम पिछले 5 साल के ऊपरी स्तर पर चला गया है। चीन में उत्पादन घटने और एलएमई के गोदामों में भंडार गिरने से कीमतों को सपोर्ट मिला है। चीन में एल्युमिनियम का उत्पादन पिछले 16 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। जबकि एलएमई के गोदामों में एल्युमिनियम का भंडार 2008 के स्तर पर आ गया है डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 0.5 लुढ़क गया है। एक डॉलर की कीमत 64.5 रुपये के पार है। रुपया करीब 2 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गया है।

20 सितंबर 2017

गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई घटकर अभी तक केवल 1.98 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 2.21 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
चालू सीजन में किसानों ने ग्वार सीड के बजाए कपास, दलहन के साथ ही अन्य नगदी फसलों की बुवाई को तरजीह दी है, इसीलिए ग्वार सीड की बुवाई में कमी आई है। गुजरात में सामान्य ग्वार सीड की बुवाई 2.92 लाख हैक्टेयर में होती है।................   आर एस राणा

रबी में 97.5 लाख टन चना उत्पादन का लक्ष्य, अरहर का उत्पादन घटने की आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। कृषि मंत्रालय ने रबी सीजन 2017-18 में चना उत्पादन का लक्ष्य 97.5 लाख टन का लाख टन का तय किया है जबकि चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में चना का उत्पादन 93.3 लाख टन का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में मध्य प्रदेश में चना के उत्पादन का लक्ष्य 35 लाख टन का तय किया गया है, इसके अलावा महाराष्ट्र में 16.50 लाख टन, राजस्थान में उत्पादन का लक्ष्य 15 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 7.15 लाख टन,
कर्नाटका में 6.82 लाख टन, आंध्रप्रदेश में 5 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 3 लाख टन, गुजरात में 2.20 लाख टन, हरियाणा में 1.05 लाख टन और और झारखंड में 2.20 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया है।
जानकारों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में देश के कई राज्यों में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है, इसका असर चना की बुवाई पर भी पड़ेगा। कर्नाटका, महाराष्ट्र के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई है।
कृषि मंत्रालय ने रबी सीजन 2017-18 में मूंग के उत्पादन का लक्ष्य 6.50 लाख टन का तय किया है, इसके अलावा रबी सीजन में मंत्रालय ने 7.60 लाख टन उड़द के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। मंत्रालय ने चालू खरीफ में उड़द के उत्पादन का लक्ष्य 42.50 लाख टन का तय किया है। हालांकि चालू खरीफ में अरहर की बुवाई में पिछले साल की तुलना में 9 लाख हैक्टेयर से भी ज्यादा कमी आई है, ऐसे में अरहर का उत्पादन मंत्रालय द्वारा तय लक्ष्य से कम होने की आशंका है।...........   आर एस राणा

सोने-चांदी में बढत

अमेरिका में फेडरल रिजर्व के बयान से पहले सोने-चांदी में बढत लौटी है। इंटरेस्ट रेट और बैलेंस शीट ट्रिमिंग को लेकर किसी तरह के सरप्राइज नहीं होने के उम्मीद में सोने में भरोसा लौटा है। बीते सेशन अमेरिकी राष्ट्रपति ने नॉर्थ कोरिया को तबाह करने की धमकी दी है। जिससे राजनैतिक संकट फिर से सिर उठाने लगा है। इस वजह से सोने में सेफ हेवेन अपील लौटती दिखी है। कच्चे तेल में भी बढत पर कारोबार जारी है। एपीआई के डाटा से क्रूड को सहारा मिला है। कच्चे तेल के स्टॉक में उम्मीद से कम बढ़त से सहारा मिला है।

19 सितंबर 2017

20 सितंबर 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान

भारत के पश्चिमी तटों और मध्य भागों में मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय। इसके चलते कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल के कुछ हिस्सों, ओड़ीशा और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में भारी बारिश हुई है। मध्य प्रदेश, दक्षिणी गुजरात, गंगीय पश्चिम बंगाल, मेघालय और मणिपुर में कई स्थानों पर जबकि उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ जगहों पर मॉनसून की सक्रियता के चलते अच्छी वर्षा दर्ज की गई।
पिछले 24 घंटों के दौरान हुई बारिश के आंकड़ों से ऐसा लगता है जैसे कई इलाकों की बारिश एक ही स्थान पर हो गई है। यहाँ मौसम केंद्र ने 374 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की। चंदबाली में 120 और महाबलेश्वर में 116 मिलीमीटर बारिश हुई है।
हालांकि देश भर में बारिश अभी भी सामान्य से पीछे है और 18 सितंबर तक कुल बारिश का आंकड़ा सामान्य से 6 प्रतिशत कम पर रहा। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 3 फीसदी कम, उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से 10 प्रतिशत कम और मध्य भारत में सामान्य से 8 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। दक्षिण भारत में सामान्य बारिश हुई है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पठानकोट, चंडीगढ़, हरदोई, जमशेदपुर, बालासोर होते हुए बंगाल की खाड़ी में बनी हुई है।
इस परिप्रेक्ष्य में दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और विदर्भ क्षेत्र में अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून की व्यापक सक्रियता रहेगी और इन भागों में भारी से अति भारी वर्षा देखने को मिल सकती है।
कोंकण गोवा, उत्तरी तटीय कर्नाटक, विदर्भ, मराठवाडा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश के शेष भागों, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा के कुछ हिस्सों, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के मध्य तथा पूर्वी हिस्सों में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा। इन भागों में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
तटीय ओड़ीशा, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में सामान्य मॉनसूनी बारिश देखने को मिल सकती है। आंतरिक कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है।............www.skymet.com

ओएमएसएस के 10.71 लाख टन गेहूं की निविदा आमंत्रित

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बेचने के लिए 10.71 लाख टन गेहूं की निविदा आमंत्रित की है। निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,790 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, हालांकि उत्पादक राज्यों की मंडियों में गेहूं के भाव भारतीय खाद्य निगम के बिक्री भाव से नीचे होने के कारण एफसीआई से फ्लोर मिलें खरीद नहीं कर रही है।
एफसीआई ने हरियाणा से 3.71 लाख टन गेहूं बेचेने की निविदा मांगी हैं, इसके अलावा महाराष्ट्र से 2.99 लाख टन, पंजाब से 1,40 लाख टन, मध्य प्रदेश से एक लाख टन, तमिलनाडु से 40 हजार टन, राजस्थान से 20 हजार, कर्नाटका से 19,300 टन, दिल्ली से 16 हजार टन, केरल से 14 हजार टन, गुजरात से 11 हजार टन गेहूं बेचने के लिए निविदा मांगी हैं। ....................   आर एस राणा


पूसा बासमती 1,509 धान की आवक बढ़ी, भाव में मंदे की उम्मीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में पूसा 1,509 धान की दैनिक आवक बढ़कर करीब डेढ़ लाख बोरी की हो गई है तथा उत्पादक मंडियों में इसके भाव 2,200 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार चल रहे है। पूसा बासमती 1,509 सेला चावल का भाव 5,700 रुपये प्रति क्विंटल है, इसीलिए धान के भाव उंचे हैं। आगे पूसा 1,509 धान के साथ ही परमल की दैनिक आवक भी बढ़ेगी, इसलिए इसके भाव में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने का अनुमान है। परमल धान के भाव मंडियों में 1,400 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
पहली अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद पंजाब के साथ ही हरियाणा में चालू हो जायेगी, तथा नवंबर में पूसा 1,121 बासमती धान की आवकों का दबाव बनेगा। हालांकि व्यापारियों के अनुसार चालू सीजन में इसके भाव तेज खुलने की संभावना है। पूसा 1,121 बासमती धान की खरीद भाव 2,400-2,500 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आने पर ही करनी चाहिए। ...................   आर एस राणा

कच्चे तेल में तेजी जारी

कच्चे तेल में तेजी जारी है और ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट का दाम 55 डॉलर के ऊपर बना हुआ है। अगस्त में सऊदी अरब का क्रूड एक्सपोर्ट घट गया है। अमेरिका में शेल क्रूड का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में ऊपरी स्तर से दबाव भी शुरू हो गया है। डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये के ऊपर बना हुई है। अमेरिका में आज से फेडरल रिजर्व की अहम बैठक शुरू होगी और इससे पहले सोने की चमक फीकी पड़ गई है। कॉमैक्स पर सोने का दाम 1310 डॉलर के नीचे फिसल गया है जो पिछले 3 हफ्ते का निचला स्तर है। वहीं चांदी में भी तेज गिरावट आई है और इसका दाम 17.20 डॉलर के नीचे आ गया है।

18 सितंबर 2017

सोने की कीमतों पर दबाव

कल से शुरु होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले सोने में दबाव बढ़ गया है और इसका दाम 2 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया है। कॉमैक्स पर सोना 1316 डॉलर के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं येन के मुकाबले डॉलर 7 हफ्ते की ऊंचाई पर है। इससे भी सोने की कीमतों पर दबाव है। सोने के साथ चांदी में भी गिरावट पर कारोबार हो रहा है। कच्चे तेल में तेजी जारी है और ब्रेंट का दाम 55 डॉलर के पार है।नायमैक्स पर क्रूड 50 डॉलर के पास कारोबार कर रहा है। अमेरिका में ऑयल रिग की संख्या घटने से कीमतों को सपोर्ट मिला है। वहीं चीन में कॉपर 1 महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। पिछले हफ्ते चीन में खराब आंकड़ों से कॉपर पर दबाव बढ़ गया है। एलएमई के गोदामों में कॉपर के बढ़ते भंडार से भी इसकी कीमतें गिरी हैं। एलएमई पर ये हल्की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आज हल्की मजबूती आई है। 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये के पास आ गई है।

16 सितंबर 2017

मक्का की बुवाई में कमी, भाव में आगे और नरमी की उम्मीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में मक्का की बुवाई में कमी आई है, इसके बावजूद भी मक्का की कीमतों में दैनिक आवक बढ़ने पर 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी ही आने का अनुमान है। ज्वार की बुवाई भी चालू खरीफ में कम हुई है जबकि बाजरा की बुवाई में हल्की बढ़ोतरी हुई है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मक्का की बुवाई घटकर 79.68 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 83.03 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मक्का की बुवाई जहां मध्य प्रदेश में बढ़ी है वहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में घटी है।
ज्वार की बुवाई चालू खरीफ में राजस्थान के साथ ही महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में कम हुई है। ज्वार की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 18.12 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल ज्वार की बुवाई अभी तक 19.54 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
बाजरा की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 71.46 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 70.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में बाजरा की बुवाई बढ़कर 43.66 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई राजस्थान में केवल 39.33 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। ......................   आर एस राणा

निर्यात खुलने से अरहर, मूंग और उड़द की कीमतों में तेजी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा अरहर, मूंग और उड़द का निर्यात खोलने से शनिवार को उत्पादक मंडियों में इनकी कीमतों में 200 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।  दिल्ली के नया बाजार में मूंग के भाव बढ़कर 4,700 से 5,200 रुपये, उड़द के 4,800 से 5,500 रुपये और अरहर के भाव 4,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
जानकारों के अनुसार अरहर के साथ ही उड़द और मूंग के निर्यात की अच्छी संभावनाएं है, इसलिए आगे इनकी कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है। आयातित लेमन के भाव मुंबई में बढ़कर 4,100 रुपये और उड़द एफएक्यू के भाव 4,900 रुपये तथा एसक्यू के भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
राजस्थान में राज्य सरकार पहली अक्टूबर से दलहनी फसलों मूंग और उड़द की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर शुरु करेगी। राज्य सरकार ने खरीद के लिए 76 केंद्रों की स्थापना की है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए मूंग का एमएसपी 5,575 रुपये और उड़द का 5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि मूंग और उड़द के भाव उत्पादक मंडियों में अभी भी एमएसपी से नीचे बने हुए हैं।.............   आर एस राणा

एग्री कमोडिटी दैनिक न्यूज के लिए सुनहरा मौका

खरीफ फसलें सोयाबीन, मूंगफली, केस्टर सीड, ग्वार सीड, धान, बाजरा, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर तथा कपास आदि की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में अक्टूबर में चालू हो जायेगी, तथा इस बार कैसा रहगा जिंसों का बाजार, आगे किस-किस कमोडिटी में निवेश करने से होगा फायदा, या फिर किस कमोडिटी में बनेगी बड़ी तेजी, आयात और निर्यात के साथ ही केंद्र सरकार की नीतियां कैसी रहेगी, इस सब की जानकारी के लिए हमसे जुड़े। 
एग्री कमोडिटी में दैनिक न्यूज ई-मेल के माध्यम से हिंदी में मिलेंगी। इसमें आपको हर रोज एग्री जिंसों दलहन, तिलहन, ग्वार सीड, चीनी, गेहूं, मोटे अनाज, चावल तथा मसालों की तेजी-मंदी की जानकारी, निर्यात-आयात की खबरों के अलावा सरकार की नीतियां, उत्पादन तथा पैदावार की जानकारी दी जायेगी। प्रमुख उत्पादक मंडियों के एग्री जिसों के भाव शाम 5 बचे तक मिलेंगे। यह स्कीम केवल 15 अक्टूबर 2017 तक है, उसके बाद सदस्यता शुल्क बढ़ेगा।




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