आर एस राणा
नई दिल्ली। राज्य में मानसूनी बारिश सामान्य से
कम होने के कारण कई जिलों में सूखे जैसे हालात बनने के कारण रबी फसलों की
बुवाई में भारी कमी आई है। गेहूं की बुवाई चालू रबी में 67.14 फीसदी घटकर
1,91,100 हेक्टेयर में ही हो हुई है जबकि मोटे अनाजों की बुवाई 52.38 फीसदी
घटकर 2,70,900 हेक्टेयर में ही हो पाई है।
भारत मौसम विभाग
(आईएमडी) के अनुसार मानसूनी सीजन में सौराष्ट्र और कच्छ में सामान्य से 34
फीसदी और गुजरात रीजन में सामान्य के मुकाबले 24 फीसदी कम बारिश हुई है।
गेहूं की बुवाई सबसे ज्यादा प्रभावित
राज्य
के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू रबी सीजन में 26 नवंबर तक राज्य में
गेहूं की बुवाई केवल 1,91,100 हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस
समय तक राज्य में 4,71,500 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। सामान्यत: राज्य
में गेहूं की बुवाई 9,84,400 हेक्टेयर में होती है।
मोटे अनाजों की बुवाई सामान्य की 24 फीसदी
मोटे
अनाजों ज्वार और मक्का की बुवाई घटकर चालू रबी सीजन में 26 नवंबर तक
2,70,900 हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुवाई
5,67,000 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों की बुवाई राज्य में
रबी सीजन में 11,38,600 हेक्टेयर में होती है। अत: चालू रबी में सामान्य की
केवल 24 फीसदी ही मोटे अनाजों की बुवाई हो पाई है।
दलहन की बुवाई 45.33 फीसदी पिछे
दालों
की बुवाई चालू रबी सीजन में राज्य में अभी तक केवल 1,19,000 हेक्टेयर में
ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 2,17,700 हेक्टेयर में हो चुकी थी। रबी
दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई 1,05,200 हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले
साल इस समय तक 2,02,500 हेक्टेयर में हो चुकी थी।
कुल बुवाई 31.64 फीसदी पिछड़ी
तिलहन
की बुवाई राज्य में पिछले साल के 2,02,600 हेक्टेयर से घटकर अभी तक केवल
1,81,100 हेक्टेयर में ही हुई है। बारिश की कमी के कारण मसालों के साथ ही
सब्जियों की बुवाई भी पिछे चल रही है। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार
चालू रबी में फसलों की कुल बुवाई 32.64 फीसदी पिछड़ कर केवल 12.36 लाख
हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 18.35 लाख हेक्टेयर
में बुवाई हो चुकी थी। सामान्यत: रबी फसलों की बुवाई 31.35 लाख हेक्टेयर
में होती है। ............ आर एस राणा
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