आर एस राणा
नई
दिल्ली। खरीफ में मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण गुजरात के कई
जिलों में सूखे जैसे हालात होने का असर गेहूं के साथ मोटे अनाजों और अन्य
फसलों की बुवाई पर पड़ा है। चालू रबी में राज्य में गेहूं और मोटे अनाजों
की बुवाई में 25.30 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
राज्य
के कृषि निदेशालय के अनुसार 24 दिसंबर तक राज्य में अनाजों की बुवाई केवल
8.53 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 11.42 लाख
हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। गेहूं की बुवाई चालू रबी में घटकर अभी तक
केवल 7.30 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 10.13 लाख
हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
ज्वार की बुवाई बढ़ी, मक्का की घटी
मोटे
अनाजों में ज्वार की बुवाई चालू रबी में जरुर राज्य में बढ़कर 34,740
हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 24,227
हेक्टेयर में ही हुई थी। मक्का की बुवाई चालू सीजन में घटकर राज्य में अभी
तक 82,150 हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 92,664
हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई पिछड़ी
दालों
की बुवाई भी चालू रबी में घटकर राज्य में 24 दिसंबर तक 1,86,606 हेक्टेयर
में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 3,13,582 हेक्टेयर में
बुवाई हो चुकी थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई चालू रबी में घटकर
1.66 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 2.89 लाख
हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
रबी तिलहन की बुवाई कम
तिलहन
की बुवाई भी चालू रबी में राज्य में पिछले साल के 2.20 लाख हेक्टेयर से
घटकर 1.95 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की
बुवाई चालू रबी में 1.93 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय
तक राज्य में 2.18 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी थी।
मसालों की बुवाई पिछले साल से घटी
मसालों
में जीरा की बुवाई चालू सीजन में 3.21 लाख हेक्टेयर में और धनिया की
29,112 हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक जीरा की 3.69 लाख
हेक्टेयर में और धनिया की 68,784 हेक्टेयर में हो चुकी थी। इसके अलावा अन्य
मसालों में सौंफ की बुवाई जरुर पिछले साल के 35,868 हेक्टेयर से बढ़कर
चालू सीजन में 40,800 हेक्टेयर में हुई है। चालू सीजन में आलू की बुवाई
राज्य में 1.19 और प्याज की 24,873 हेक्टेयर में ही हुई है जोकि पिछले साल
की समान अवधि की तुलना में कम है।............ आर एस राणा
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