आर एस राणा
नई
दिल्ली। शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चांदपुर स्थित
अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया। इसके साथ ही दक्षिण एशिया क्षेत्रीय
केन्द्र परिषद को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने
अनुसंधान केन्द्र के उद्घाटन के पूर्व इसकी प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि का
निरीक्षण भी किया। इसके बाद उन्होंने कृषि विशेषज्ञों और केन्द्र के अफसरों
से यहां होने वाले क्रिया-कलापों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री गाजीपुर से
सीधे यहा पहुंचे।
चावल की बेहतर गुणत्तवा पर होगा शोध
केन्द्र
में चावल की पैदावार और उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शोध किया
जायेगा। इस केन्द्र का फायदा पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत
से जुड़े राज्यों को भी मिलेगा। बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड आदि
राज्यों में धान की खेती बड़ी मात्रा में होती है। इस अनुसंधान केन्द्र में
काला नमक, राजरानी, बादशाह पसंद और ब्लैक चावल जैसी उत्कृष्ट प्रजातियों
की उत्पादकता पर भी शोध किया जायेगा।
नई किस्म विकसित करने में मिलेगी मदद
पूर्वांचल
के जलवायु एवं मिट्टी में उपजाऊ होने वाली सुगंधा, बासमती और मंसूरी समेत
अन्य हाईब्रिड प्रजातियों की गुणवत्ता, पैदावार, स्वादिष्टता, खुशबूदार,
पौष्टिकता आदि को बढ़ाने का काम इस केंद्र में किया जायेगा।। केन्द्र में
विभिन्न किस्म के अच्छे जीन लेकर नई किस्म विकसित करने पर जोर दिया जायेगा।
मधुमेह की बीमारी को ध्यान में रखते हुए यहां धान की गुणवत्ता में सुधार
के लिए कार्य किया जाएगा। करीब 93 करोड़ रुपये की लागत से बना यह अनुसंधान
केन्द्र पूर्वी भारत का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संस्थान है।...... आर एस राणा
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