आर एस राणा
नई
दिल्ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के बाद धान की सरकारी
खरीद 2,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने की घोषणा की है। खाद्य
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई न्यूज एजेंसी को बताया कि राज्य
के मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की है। इससे राज्य के किसानों को धान का भाव
भाजपा सरकार की तुलना में 28 फीसदी अधिक मिलेगा।
तय लक्ष्य से ज्यादा खरीद होने का अनुमान
उन्होंने
बताया कि चालू खरीफ विपणन सीजन 2018-19 में अभी तक राज्य से 21.60 लाख टन
चावल की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि खरीद का लक्ष्य 55 लाख टन का तय किया
हुआ है। उन्होंने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से चावल की
सरकारी खरीद तय लक्ष्य से ज्यादा ही होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि
पड़ोसी राज्यों तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और ओडिशा के किसान अपना धान
छत्तीसगढ़ में बेचने के इच्छुक हैं।
किसान सीमित मात्रा में ही बेच रहे थे धान
कांग्रेस
ने अपनी चुनावी घोषणापत्र में धान की सरकारी खरीद 2,500 रुपये प्रति
क्विंटल की दर से करने की घोषणा की थी, जिसे देखते हुए छत्तीगढ़ के साथ ही
पड़ोसी राज्यों तेलंगाना, आंध्रप्रदेश तथा ओडिशा के किसानों धान की बिकवाली
कम कर दी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी दिनों में राज्य की मंडियों
में धान की दैनिक आवक बढ़ेगी।
तत्कालीन भाजपा सरकार दे रही थी 200 रुपये बोनस
केंद्र
सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए सामान्य ग्रेड के धान का
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,750 रुपये और ग्रेड ए किस्म के धान का
एमएसपी 1,770 रुपये प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है जबकि छत्तीसगढ़ की
तत्कालीन भाजपा सरकार ने धान पर 200 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित कर
रखा था, इसलिए किसानों से धान की खरीद 1,950-1,970 रुपये प्रति क्विंटल की
दर से की जा रही थी। अत: भाजपा सरकार की तुलना में किसानों को धान का भाव
28 फीसदी ज्यादा मिलेगा।
राज्य सरकार उठायेगी, अतिरिक्त लागत का भार
यह
पूछे जाने पर क्या केंद्र सरकार इस लागत का भार उठायेगी, तो उन्होंने
बताया कि इस मुद्दे पर अभी तक कोई बात नहीं हुई है, तथा माना जा रहा है कि
राज्य सरकार ही अतिरिक्त लागत का भार उठायेगी।
समर्थन मूल्य पर 217 लाख टन चावल की हुई है खरीद
भारतीय
खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू खरीफ विपणन सीजन में अभी तक 217 लाख
टन चावल की सरकारी खरीद हो चुकी है तथा खरीद का लक्ष्य 370 लाख टन का तय
किया हुआ है। पिछले खरीफ विपणन सीजन में समर्थन मूल्य पर 381.8 लाख टन चावल
की खरीद हुई थी।.......... आर एस राणा
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