आर एस राणा
नई
दिल्ली। राजस्थान में गेहूं की बुवाई हुए महीनेभर से ज्यादा होने के कारण
किसान फसल में पानी तो दे रहे हैं, लेकिन यूरिया खाद नहीं मिलने से दूकानों
के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। यूरिया की सप्लाई कम होने का दुकानदार भी
फायदा उठ रहे हैं। कई दुकानदार 270 रुपये का कट्टा 400 से 430 रुपये में
बेच रहे हैं। राज्य के कई जिलों में खाद की कमी को लेकर किसान
धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं साथ ही खाद लेने के लिए किसानों को घंटों लाईन
में लगना पड़ रहा हैं तथा कई जगहों पर पुलिस के पहरे में यूरिया बिक रहा
है।
गंगापुर सिटी के गांव सांवटा पिचानौत के किसान महेश सिंह ने
आउटलुक को बताया कि सप्ताहभर पहले गेहूं की फसल में पानी लगा दिया था,
लेकिन यूरिया खाद सोसायटी में नहीं मिला। अत: कई दिनों तक चक्कर लगाने के
बाद बालकिशन खाद बीज भंडार से 430 रुपये में यूरिया का कट्टा खरीदना पड़ा
जबकि इसका सरकारी भाव 270 रुपये है। दूकानदार ने पैमेंट तो उदई मोड़ स्थित
दूकान पर ली तथा खाद गंगापुर सिटी की पुरानी अनाज मंडी के गोदाम से दिया।
साथ ही मांगने पर भी रसीद नहीं दी। उन्होंने बताया कि दुकानों पर यूरिया
खाद होने के बावजूद भी दूकानदार 400 से 430 रुपये में कट्टा बेच रहे हैं।
तय भाव से 60-160 रुपये अधिक दाम चुका रहे हैं किसान
किसान
जगदीश सिंह पिचानौत ने बताया कि गेहूं की फसल में पानी लगाने का समय है
इसलिए किसानों को यूरिया की खरीद तय भाव से 60 से 160 रुपये प्रति कट्टा
ज्यादा दाम पर करनी पड़ रही है। गंगापुर सिटी की नादौती और हिंडौन तहसीलों
में ज्यादातर प्राइवेट दुकानों पर यूरिया 330 से 430 रुपये प्रति कट्टा
बेचा जा रहा है।
गेहूं की फसल की सिंचाई तो कर दी, लेकिन खाद नहीं मिला
गेहूं
की फसल में तीन दिन पहले पानी लगाया था, लेेकिन यूरिया खाद नहीं मिलने से
राजस्थान के बारां जिले की किशनगंज तहसील के गांव गोवर्धनपूरा का किसान
रामलाल हर रोज दो किलोमीटर दूर अभिषेक कृषि सेवा केंद्र पर इस आस में आता
है कि आज तो उसे दो कट्टे यूरिया मिल ही जायेगा लेकिन दूकानदार को भी मालूम
नहीं है कि कब तक खाद आयेगा। इसी तरह से किशनगंज तहसील के ही नया गांव का
किसान विजय सिंह भी यूरिया के लिए हर रोज चार किलोमीटर दूर यूरिया लेने आता
है, लेकिन दूकान पर ही खाद नहीं मिल रहा। कोटा जिले की तहसील सांगोद के
गांव जलूरी के किसान मेगराज नागर को उम्मीद बंदी है कि अगले एक-दो दिन में
उसे यूरिया मिल जायेगा।
किसान दूकानों के लगा रहे हैं चक्कर
गोवर्धनपूरा
के किसान रामलाल ने बताया कि उसने अपनी दो एकड़ गेहूं की फसल में पानी तो
लगा दिया है, लेकिन यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है दूकानदार भी नहीं बता पा
रहा है कि कब तक खाद आयेगा। अगर दो-तीन दिन और खाद नहीं मिला तो फिर खेत
में नमी कम हो जायेगी, और खाद नहीं डाल पायेगा। जिला बारां की तहसील
किशनगंज के परनिया मेन रोड पर स्थित अभिषेक कृषि सेवा केंद्र के प्रबंधक
देवकीनंदन अगवाल ने बताया कि पहली नवंबर से 21 दिसंबर तक उसके पास केवल 65
टन यूरिया आया है जबकि इस दौरान मांग करीब 110 से 115 टन की रही। अत:
किसानों को यूरिया की आपूर्ति में परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि
उनके पास अगली खेप कब आयेगी, अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
नवंबर से ही बनी हुई है परेशानी
कोटा
जिला के बारां झालावाड़ रोड पर स्थित अग्रवाल फर्टिलाइजर के प्रबंधक अशोक
अग्रवाल ने बताया कि पहली दिसंबर से अभी तक यूरिया नहीं आया है, जबकि नवंबर
में भी केवल 36 टन यूरिया ही आया था। अत: मांग के मुकाबले यूरिया की आवक
कम होने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है। किसानों की लंबी लाईन लग
जाती है जिस कारण पुलिस की मदद लेनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि आज 24
दिसंबर को यूरिया का रैक लग रहा है, अत: 25 दिसंबर को उसे खाद मिल जायेगा।
उन्होंने कहा कि गेहूं की बुवाई को महीनाभर से ज्यादा हो गया है अत: आगे
मांग में कमी आने का अनुमान है।
60 हजार टन अतिरिक्त यूरिया की मांग
सूत्रों
के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय
कुमार दिल्ली आये थे और यहां केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्रालय के सचिव से
मुलाकात कर राज्य के लिए 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया के अतिरिक्त आवंटन की
मांग की। दिल्ली से लौटकर अभय कुमार ने यूरिया उत्पादक कंपनियों के
प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की और चंबल फर्टिलाइजर तथा श्रीराम फर्टिलाइजर
निर्देश दिया कि दोनों कंपनियां सड़क मार्ग से भी यूरिया की सप्लाई
सुनिश्चित करें।............ आर एस राणा
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