आर एस राणा
नई
दिल्ली। किसानों की आय बढ़ाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री अन्नदाता आय
संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना के तहत तय दलहन और तिलहन की खरीद तय
लक्ष्य की केवल 11 फीसदी ही हुई है। नेफेड एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार
चालू खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के पहले दो महीनो अक्टूबर-नवंबर में 3.75 लाख
टन दलहन और तिलहन की खरीद ही हुई है। नेफेड खरीफ में दलहन और तिलहन की
मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक से
खरीद कर रही है।
खरीफ में खरीद का लक्ष्य 33 लाख टन
केंद्र
सरकार ने किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री
अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) को मंजूरी दी थी, तथा चालू खरीफ
विपणन सीजन में इसके इस योजना के तहत 33 लाख टन दलहन और तिलहन की खरीद का
लक्ष्य तय किया हुआ है।
मंडियों में भाव एमएमएपी से नीचे
उत्पादक
मंडियों में दलहन की कुल आवक की तुलना में खरीद सीमित मात्रा में होने के
कारण किसानों को दालें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर बेचनी
पड़ रही है। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर ने
बताया कि मंडी में उड़द 4,700 से 5,000 रुपये और मूंग 5,000 से 5,200 रुपये
प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2018—19
के लिए उड़द का एमएसपी 5,600 रुपये और मूंग का 6,975 रुपये प्रति क्विंटल
तय किया हुआ है।
उन्होंने बताया कि नई अरहर की आवक मंडी में शुरू
हो गई है तथा नई अरहर के भाव 4,600 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि
अरहर का एमएसपी 5,675 रुपये प्रति क्विंटल है।
अरहर की खरीद चालू महीने के आखिर तक होगी शुरू
नेफेड
के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना,
आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु से चालू महीने के आखिर तक अरहर की एमएसपी
पर खरीद शुरू की जायेगी। नेफेड के पास चना का करीब 23.87 लाख टन और मसूर
का 1.84 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है। इसके अलावा अरहर, मूंग और उड़द का भी
बकाया स्टॉक है।
खरीफ दलहन की पैदावार कम होने का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में खरीफ में
दालों का उत्पादन घटकर 92.2 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ
सीजन में 93.4 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था।
रबी में दालों की बुवाई घटी
मंत्रालय
के अनुसार रबी दलहन की बुवाई चालू सीजन में 10.33 फीसदी घटकर अभी तक केवल
113.69 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 126.78 लाख
हेक्टेयर में दालों की बुवाई हो चुकी थी।..... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें