26 जून 2013
बाजार में कपास महंगी होने से सीसीआई की बिक्री चमकी
ई-नीलामी में सीसीआई की दैनिक बिक्री पिछले शुक्रवार को कई गुना बढ़ी
नई फसल
नए सीजन में कपास की बुवाई पिछले साल से धीमी
अभी तक देशभर में 28.13 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो पाई
पिछले साल समान अवधि में 31.38 लाख हैक्टेयर में बुवाई
आंध्र प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र में बुवाई पिछड़ी
लेकिन गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में बुवाई बेहतर
घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी के चलते कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) की कपास की मांग बढ़ गई है। कपास खरीदने वाले उद्योगों के लिए सीसीआई की कपास के दाम अनुकूल हो गए हैं।
इसी वजह से सीसीआई की बिक्री बढ़ी है। 21 जून को सीसीआई ने खुले बाजार में 43,800 गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास 40,600 से 40,700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की दर पर बेची। सीसीआई ई-नीलामी के जरिये कपास की बिक्री कर रही है। विश्व बाजार में कपास के दाम बढऩे के कारण घरेलू बाजार में भाव बढ़े हैं।
सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि निगम ने कपास की बिक्री पहले की तुलना में बढ़ा दी है। 21 जून को सीसीआई ने 43,800 गांठ कपास की बिक्री की, जो इसके पिछले कारोबारी दिवस की 13,200 गांठ से कई गुना ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि चालू कपास सीजन में सीसीआई अभी तक करीब 6 लाख गांठ कपास की बिक्री खुले बाजार में ई-नीलामी के माध्यम से कर चुकी है। निगम ने चालू सीजन में 23 लाख गांठ कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की थी। इस समय निगम के पास लगभग 17 लाख गांठ कपास का स्टॉक बचा हुआ है।
नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि विश्व बाजार में दाम बढऩे से घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में तेजी आई है। घरेलू बाजार में सप्ताहभर में ही कपास की कीमतों में 8.8 फीसदी की तेजी आ चुकी है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर सोमवार को 41,500 से 41,700 रुपये प्रति कैंडी हो गया जबकि 18 जून को इसका भाव 38,000 से 38,300 रुपये प्रति कैंडी था।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई पिछले साल से पिछड़ रही है। चालू खरीफ में अभी तक देशभर में 28.13 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 31.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
आंध्र प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र में बुवाई पिछले साल की तुलना में कम हुई है जबकि गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में बुवाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। आंध्र प्रदेश में चालू खरीफ में केवल 3.53 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 6.53 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
इसी तरह से महाराष्ट्र में पिछले साल के 5.46 लाख हैक्टेयर से घटकर 3.14 लाख हैक्टेयर में और हरियाणा में 5.15 लाख हैक्टेयर से घटकर 4.86 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है। कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में बुवाई पिछले साल के 3.83 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 5.02 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। (Business Bhaskar.....R S Rana )
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें