14 जून 2013
उत्पादन वृद्धि से मेंथा तेल में नरमी संभव
उत्पादक क्षेत्रों में बारिश होने से पिछले दिनों आई थी तेजी
स्टॉकिस्टों की खरीद से मेंथा तेल की कीमतों में पिछले तीन-चार दिनों में 40-50 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है जबकि चालू सीजन में मेंथा तेल का उत्पादन 15 से 20 फीसदी ज्यादा होने की संभावना है। पैदावार ज्यादा होने के अनुमान से ही विदेशी आयातक नए आयात सौदों की खरीद से परहेज कर रहे हैं।
ऐसे में मौसम साफ रहा तो मेंथा तेल की मौजूदा कीमतों में आवक बढऩे पर 150 से 200 रुपये प्रति किलो की गिरावट आ सकती है। उत्तर प्रदेश मेंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि मेंथा की कटाई आरंभ हो चुकी है तथा चालू सप्ताह में कुछेक उत्पादक क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई थी, जिसकी वजह से स्टॉकिस्टों ने तेल के दाम बढ़ा दिए।
उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई बारिश से फसल को नुकसान नहीं हुआ है। चालू सीजन में मेंथा की बुवाई 20 फीसदी बढ़कर लगभग 2.1 लाख हैक्टेयर में हुई है। ऐसे में आगामी दिनों में मौसम सामान्य बना रहा तो चालू सीजन में मेंथा तेल का उत्पादन बढ़कर 65,000 से 70,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 53,000 से 55,000 हजार टन का उत्पादन हुआ था।
एसेंशियल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर ने बताया कि चालू सीजन में मेंथा तेल की पैदावार ज्यादा होने की संभावना है इसीलिए आयातकों द्वारा नए आयात सौदे सीमित मात्रा में ही किए जा रहे हैं। घरेलू बाजार में फार्मा और गुटखा उद्योग की मांग भी कमजोर बनी हुई है।
निर्यातकों ने पहले क्रिस्टल बोल्ड के बिक्री सौदे 24 से 26 डॉलर प्रति किलो (सीएंडएफ) के आधार किए थे, जबकि डॉलर मजबूत होने से निर्यातकों को फायदा हुआ है। ग्लोरियस केमिकल के प्रबंधक अनुराग रस्तोगी ने बताया कि चालू महीने के आखिर तक उत्पादक मंडियों में नए मेंथा तेल की आवक बढ़ जाएगी। (Business Bahskar)
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