18 जून 2013
निर्यात पर सोने की मार
सोने के आयात को हतोत्साहित करने की सरकार की कोशिशों का कुछ खास असर होता नहीं दिख रहा है। मई के दौरान निर्यात 1.1 फीसदी घटकर 2,451 करोड़ डॉलर रहा जबकि 7 फीसदी इजाफे के साथ आयात बढ़कर 4,465 करोड़ डॉलर दर्ज किया गया।
इससे मई में व्यापार घाटा 2,000 करोड़ डॉलर के अप्रत्याशित स्तर पर पहुंच गया। मई 2012 में निर्यात आंकड़ा 2,478 करोड़ डॉलर था जबकि आयात 4,173 करोड़ डॉलर रहा था। सरकार की ओर से जारी निर्यात-आयात आंकड़ों के अनुसार पिछले चार महीनों से लगातार बढ़ रहा निर्यात मई में घटा है। विश्लेषकों ने चेताया है कि अगर आने वाले महीनों में भी यही चलन रहा तो चालू खाते के घाटे पर इसके गंभीर असर हो सकते हैं।
वाणिज्य सचिव एस आर राव ने बताया कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों में सोने के व्यापार पर काबू पाने की वाणिज्य विभाग की कोशिशों के कारण इस अवधि में सोने के निर्यात में 80 करोड़ डॉलर की कमी आई है। भारतीय निर्यात संघ (फियो) के अध्यक्ष एम रफीक अहमद ने कहा, 'अमेरिका और जापान मंदी से उबरने लगे हैं जबकि यूरो क्षेत्र में चिंता बरकरार है।Ó
रिजर्व बैंक द्वारा सोने का आयात घटाने की कोशिशों के बावजूद मई में अक्षय तृतीया पर सोने और चांदी का आयात 89.7 फीसदी बढ़कर 839 करोड़ डॉलर रहा, जो मई 2012 में 440 करोड़ डॉलर रहा था।
विश्लेषकों का कहना है कि सोने पर सीमा शुल्क 6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी करने से इसका आयात कुछ घटेगा। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में चालू खाते का घाटा बढ़कर 3,790 करोड़ डॉलर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,097 करोड़ डॉलर था। राव ने कहा, 'व्यापार घाटा गंभीर चिंता बना हुआ है। इसकी वजह सोने और चांदी का भारी भरकम आयात है। (BS Hindi)
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