13 जून 2013
फूड सिक्योरिटी बिल पर अध्यादेश फिर टला, सपा ने दी थी सरकार गिराने की धमकी
अगले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की गेमचेंजर स्कीम माना जा रहा फूड सिक्योरिटी बिल एक बार फिर टल गया है. गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी. इसके एजेंडे में फूड सिक्योरिटी बिल का अध्यादेश लाना सबसे ऊपर था.
राजनैतिक गलियारों में शोर था कि कांग्रेस हर विरोध को दरकिनार कर इसे पारित कर ही देगी. इसी कड़ी में मीटिंग से ठीक पहले अब तक बिल पर सवालिया निशान लग रही एनसीपी का भी बयान आया था. ऐसे में लगभग तय माना जा रहा था कि कैबिनेट बिल पर ऑर्डिनेंस लाने का फैसला कर लेगी. लेकिन सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा ने बिल पर हमले तेज कर दिए. उसने साफ कहा कि अगर बिना रायशुमारी के बिल थोपा गया, तो हम समर्थन वापस ले लेंगे.विपक्षी दलों ने भी विरोध जारी रखा. इसके चलते सरकार ने एक बार फिर बिल को आगे के लिए टाल दिया है. मीटिंग शुरू होने से पहले फूड सप्लाई मिनिस्टर थॉमस मुस्कुरा रहे थे और कह रहे थे कि बिल देश में खुशहाली लाएगा. मगर मीटिंग खत्म हुई तो सामने आए फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम.उन्होंने बस इतना ही कहा कि फिलहाल कुछ गतिरोध है, जिसके चलते इस पर फैसला टाल दिया गया है.
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कहा कि वो हर हाल में अध्यादेश का विरोध करेगी और जरूरत पड़ेगी तो समर्थन वापसी की हद तक जा सकती है. सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि हमारा दल किसान हितों से समझौता नहीं कर सकता.
सीपीआई नेता अतुल अंजान ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने इतने सालों तक लोगों को भूखा मारा है. बिल अगर आया तो ये भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा. संसद में इस पर चर्चा होनी ही चाहिए.
अध्यादेश पर ही अड़ी है कांग्रेस
विशेष सत्र जैसे विकल्पों पर विपक्ष की मान मनौवल कर चुकी कांग्रेस अब समझ चुकी है कि खाद्य सुरक्षा बिल को अध्यादेश के तौर पर ही लाना होगा. पार्टी दावा कर रही है कि ये फैसला जनता के हित में है और इससे देश के करोड़ों गरीबों का फायदा होगा. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ कह चुके हैं कि सरकार हर हालत में फूड सिक्योरिटी बिल पर अध्यादेश लाएगी.
मोदी ने बिल को चुनावी शिगूफा बताया
यूपीए सरकार के खाद्य सुरक्षा बिल पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी निशाना साधा है. सूरत में मोदी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा बिल महज चुनावी शिगूफा है. मोदी ने ये कहकर यूपीए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए कि जब सुप्रीम कोर्ट ने गरीबों को अनाज देने की बात कही थी, तो सरकार ने मना कर दिया था. मोदी ने कहा, 'अगर कांग्रेस सरकार गरीबों की हमदर्द होती तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करती.'
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