10 जून 2013
उत्पादक मंडियों में दाम बढऩे से गेहूं का निर्यात थमा
मंडियों में 1500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर निकल गया है गेहूं का भाव
निर्यात में दिक्कत
बंदरगाह पहुंच गेहूं की लागत हो गई 1750 रुपये प्रति क्विंटल तक
पहले बंदरगाह पहुंच गेहूं की लागत थी 1680 रुपये प्रति क्विंटल
मौजूदा भाव पर निर्यातकों को गेहूं की खेप भेजने में घाटा
प्राइवेट निर्यातकों को 304-305 डॉलर प्रति टन का भाव मिल रहा
प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में गेहूं की कीमतों में आई तेजी से प्राइवेट निर्यातकों के लिए गेहूं निर्यात घाटे का सौदा साबित हो रहा है। ऐसे में प्राइवेट निर्यातकों ने गेहूं की खरीद बंद कर दी है। मंडियों में गेहूं के दाम बढ़कर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 150 रुपये प्रति क्विंटल तक ज्यादा हैं।
प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के प्रबंधक नवीन कुमार ने बताया कि उत्पादक मंडियों में गेहूं के दाम बढ़कर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं जो बंदरगाह पहुंच करीब 1,725-1,750 रुपये प्रति क्विंटल हो जाते हैं। प्राइवेट निर्यातकों को 304-305 डॉलर प्रति टन के आधार पर गेहूं निर्यात के सौदे मिल रहे हैं।
घरेलू बाजार में तो गेहूं की कीमतों में तेजी आई है जबकि विश्व बाजार में दाम स्थिर बने हुए हैं इसलिए प्राइवेट निर्यातकों द्वारा नए निर्यात सौदे नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले निर्यातकों को बंदरगाह पहुंच 1,670-1,680 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं मिल रहा था तथा इन भावों में भी निर्यातकों को मार्जिन तो नहीं मिल रहा था लेकिन निर्यातक पहले से किए सौदों का गेहूं खरीद रहे थे।
एस एस कॉमर्शियल कंपनी के प्रबंधक एस गोयल ने बताया कि निर्यातक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से गेहूं की खरीद कर रहे थे। उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं के दाम बढ़कर लूज में 1,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं इसमें 150 रुपये का खर्च जोडऩे के बाद 200 रुपये प्रति क्विंटल की परिवहन लागत आ जाती है।
जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीद पर राज्य सरकारें 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे रही हैं, जिससे भाव 1,500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चल रहा है। ऐसे में निर्यातकों को मौजूदा भाव में गेहूं की खरीद करके निर्यात करने में घाटा लग रहा है। गेहूं में चालू रबी में प्राइवेट कंपनियों की खरीद ज्यादा हुई है जबकि चालू रबी में रबी में पैदावार भी कम होने के आशंका है।
यही कारण है कि चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में गेहूं की सरकारी खरीद भी करीब 250 लाख टन ही हो पाई है जबकि सरकार ने खरीद का तय लक्ष्य 440 लाख टन का रखा था।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास पहली जून को गेहूं का 443.89 लाख टन का स्टॉक है जो पिछले साल की समान अवधि के 501.69 लाख टन से कम है। (Business Bhaskar)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें