19 जून 2013
सीटीटी पर पिक्चर क्लीयर करे एफएमसी: एमसीएक्स
मुंबई।। देश के सबसे बड़े कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंज एमसीएक्स ने कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (सीटीटी) का नोटिफिकेशन जारी होने से कुछ दिन पहले यह स्पष्ट करने को कहा है कि यह टैक्स सोया ऑयल, शुगर, ग्वार गम और रबड़ जैसे प्रोसेस्ड आइटम के साथ बुलियन, बेस मेटल्स और एनर्जी जैसे नॉन-फार्म प्रॉडक्ट्स पर लगेगा या नहीं?
बजट से पहले भी सीटीटी लागू करने के खिलाफ एमसीएक्स ने आवाज उठाई थी। कमोडिटी एक्सचेंज ने रेग्युलेटर फॉरवर्ड मार्केट्स कमिशन (एफएमसी) से इस बारे में पिक्चर क्लीयर करने को कहा है। फाइनैंस मिनिस्टर ने बजट में बुलियन, बेस मेटल्स और एनर्जी जैसे नॉन-फार्म प्रॉडक्ट्स पर सीटीटी लगाने की बात कही थी। इन प्रॉडक्ट्स में एमसीएक्स का टर्नओवर देश के 6 नैशनल कमोडिटी एक्सचेंजों में सबसे ज्यादा है।
मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, 'टैक्स कलेक्ट करने की जिम्मेदारी एक्सचेंजों पर है। ऐसे में सीबीडीटी के नोटफिकेशन में इसे बारे में तस्वीर साफ की जानी चाहिए कि किन कमोडिटीज पर सीटीटी लगेगा। एक्सचेंजों को डर है कि अगर उन्होंने क्लाइंट्स से टैक्स नहीं वसूला, तो बाद में उन्हें अपनी जेब से इसका पेमेंट करना पड़ सकता है।'
एमसीएक्स के ऑफिशल्स और एमएफसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक ने इस बारे में कमेंट करने से मना कर दिया। एफएमसी देश में 6 नैशनल और 15 रीजनल कमोडिटी एक्सचेंजों को रेग्युलेट करता है। इससे पहले इनकम टैक्स के कई फैसलों में सोयाबीन और गन्ने जैसी एग्री कमोडिटीज से बने प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट्स को टैक्स छूट नहीं दी गई थी। इसी वजह से कमोडिटी एक्सचेंज अब सीटीटी के बारे में पिक्चर क्लीयर करने के लिए कह रहे हैं।
मामले से जुड़े एक अन्य व्यक्ति ने कहा, 'कई फैसलों में इनकम टैक्स ने कहा है कि एग्रीकल्चरल इनकम को टैक्स से छूट मिली हुई है, लेकिन सोयाबीन जैसे आइटम से प्रोसेस होने वाले सोया ऑयल को यह छूट नहीं दी जा सकती। अगर यही तर्क सीटीटी पर लागू किया जाता है, तो क्या प्रोसेस्ड आइटम्स पर यह लागू होगा? इसका जवाब केवल सीबीडीटी दे सकता है।'
हालांकि, कमोडिटी मार्केट से जुड़े लोगों का कहना है कि एफएमसी ने पिछले दशक में सोया ऑयल, शुगर जैसे प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट्स को एग्री प्रड्यूस कैटिगरी में रखा है। ऐसे में एमसीएक्स की यह दलील केवल एनसीडीईएक्स, एनएमसीई और ऐस जैसे फार्म प्रॉडक्ट्स पर फोकस करने वाले एक्सचेंजों को 'चोट' पहुंचाने के लिए है। मार्केट में कई लोगों को जून की शुरुआत में प्रति लाख 10 रुपए के सीटीटी से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद थी, लेकिन यह अभी तक नहीं हुआ है। (ET Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें