03 जून 2013
गेहूं की तेजी का लाभ उठाने की तैयारी में सरकार
आर एस राणा नई दिल्ली | Jun 03, 2013, 03:11AM IST
फॉर्मूला - ओएमएसएस के बिक्री मूल्य में खरीद व परिवहन खर्च जोडऩे की योजना
संभावित मूल्य
पंजाब में एफसीआई के गेहूं का बिक्री भाव 1,549 रुपये प्रति क्ंिवटल होगा
दिल्ली की फ्लोर मिलों के लिए न्यूनतम भाव 1,592 रुपये प्रति क्ंिवटल होगा
दूरी के अनुरूप अन्य राज्यों का परिवहन खर्च बढऩे से बिक्री भाव बढ़ेगा
गेहूं की कीमतों में आई तेजी का फायदा सरकार भी उठाएगी। सरकार खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में खरीद खर्च और परिवहन लागत जोड़कर निर्धारित मूल्य पर करने की योजना बना रही है। ओएमएसएस के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गेहूं की बिक्री जुलाई महीने से शुरू करेगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्यातकों के साथ ही फ्लोर मिलर्स की खरीद से गेहूं के दाम उत्पादक मंडियों में एमएसपी 1,350 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर हो गए हैं। ऐसे में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री एमएसपी में खरीद खर्च और परिवहन लागत जोड़कर करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि पंजाब से गेहूं की खरीद में होने वाले खर्च (टैक्स, आढ़त व अन्य खर्च) को जोड़ा जाएगा तथा परिवहन लागत (लुधियाना से राज्य की राजधानी के आधार पर) जोड़कर करने की योजना है।
ऐसे में पंजाब में एफसीआई के गेहूं का बिक्री भाव करीब 1,549 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जबकि दिल्ली की फ्लोर मिलों के लिए निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,592 रुपये प्रति क्विंटल होगा, अन्य राज्यों में परिवहन लागत के आधार पर
दाम बढ़ेंगे।
उन्होंने बताया कि चालू रबी विपणन सीजन में एमएसपी पर अभी तक 250.04 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई जोकि पिछले साल की समान अवधि के 343.25 लाख टन से कम है। गेहूं की खरीद में आई कमी से केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक भी पिछले साल से कम रहेगा, जिससे सरकार पर सस्ते दाम पर खाद्यान्न बेचने का दबाव भी कम होगा।
उन्होंने बताया कि पहली जुलाई को केंद्रीय पूल में करीब 770 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक होने का अनुमान है जो पिछले साल की समान अवधि के 805.69 लाख टन से करीब 35.69 लाख टन कम रहेगा। ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री जुलाई 2013 से शुरू की जाएगी।
पिछले साल सरकार ने ओएमएमएस के तहत 95 लाख टन गेहूं का आवंटन किया था, जिसमें से मार्च 2013 तक फ्लोर मिलों ने करीब 55 लाख टन गेहूं की ही खरीद की थी। ऐसे में रोलर फ्लोर मिलों को जुलाई से पहले आवंटित किए गए गेहूं की ही बिक्री की जाएगी।
केंद्रीय पूल में पहली जून को 372.48 लाख टन गेहूं का स्टॉक जमा है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में गेहूं का उत्पादन 936.2 लाख टन होने का अनुमान है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पंजाब और हरियाणा में गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में 10 से 12 फीसदी की कमी आई है। ऐसे में कुल पैदावार कृषि मंत्रालय के अनुमान से कम होने की आशंका है। (Business Bhaskar......R S Rana)
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