आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रतिकूल मौसम से चालू सीजन में आम के उत्पादन में कमी आने से किसानों को तो नुकसान हुआ ही है, साथ ही इससे निर्यात में भी 8 से 10 फीसदी की कमी आने की आशंका है। वित्त वर्ष 2017-18 में भी भारत से आम के निर्यात में कमी आई थी।
मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस इंसराम अली ने आउटलुक को बताया कि अप्रैल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से आम के पेड़ों पर बौर झड़ गया था जिससे फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए चालू सीजन में आम के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले साल 45 से 47 लाख टन आम का हुआ था, जबकि चालू सीजन में उत्पादन में 40 से 50 फीसदी की कमी आने की आशंका है। उत्पादन में कमी आने से आम किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से मदद की मांग
उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम का असर उत्तर प्रदेश ही नहीं अन्य उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में भी आम के उत्पादन पर पड़ा है। उन्होंने बताया कि फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से राहत की मांग की है। इस संबंध में भारत सरकार के कृषि सचिव से उनकी 7 जून को दिल्ली में मीटिंग होनी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में आम की फसल की आवक मध्य जून में शुरू होगी।
निर्यात में 8 से 10 फीसदी कमी की आशंका
महाराष्ट्र के आम निर्यातक चांद फ्रुट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नसीर मोहम्मद ने बताया कि चालू सीजन में आम की पैदावार कम होने के कारण आम के भाव घरेलू बाजार में उंचे है। भारत के मुकाबले पाकिस्तान का आम सस्ता है। इसलिए चालू सीजन में आम के निर्यात में 8 से 10 फीसदी की कमी आने की आशंका है। उन्होंने बताया कि इस समय खाड़ी देशो में भारतीय अल्फांसो आम का भाव 400 से 500 रुपये प्रति पेटी (एक पेटी 3 से 3.50 किलो) का है जोकि पिछले साल की तुलना में 25 से 50 रुपये ज्यादा है।
आम का सबसे बड़ा आयातक संयुक्त अरब अमीरात
भारत की बेहतर गुणवत्ता वाली आम की किस्मों अल्फांसो, दशहरी और केसर का निर्यात मुख्यत: संयुक्त अरब अमीरात, यूके, साउदी अरब, कतर, यूएसए, कुवैत और ओमान तथा नेपाल को ज्यादा होता है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में 49,118 टन आम का निर्यात हुआ था जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 52,760 टन से कम है। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत से आम के कुल निर्यात में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी संयुक्त अरब अमीरात की 48 फीसदी की थी।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में 212.53 लाख टन आम के उत्पादन का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 2016.17 में 195.06 लाख टन आम का उत्पादन हुआ था।...... आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रतिकूल मौसम से चालू सीजन में आम के उत्पादन में कमी आने से किसानों को तो नुकसान हुआ ही है, साथ ही इससे निर्यात में भी 8 से 10 फीसदी की कमी आने की आशंका है। वित्त वर्ष 2017-18 में भी भारत से आम के निर्यात में कमी आई थी।
मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस इंसराम अली ने आउटलुक को बताया कि अप्रैल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से आम के पेड़ों पर बौर झड़ गया था जिससे फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए चालू सीजन में आम के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले साल 45 से 47 लाख टन आम का हुआ था, जबकि चालू सीजन में उत्पादन में 40 से 50 फीसदी की कमी आने की आशंका है। उत्पादन में कमी आने से आम किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से मदद की मांग
उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम का असर उत्तर प्रदेश ही नहीं अन्य उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में भी आम के उत्पादन पर पड़ा है। उन्होंने बताया कि फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से राहत की मांग की है। इस संबंध में भारत सरकार के कृषि सचिव से उनकी 7 जून को दिल्ली में मीटिंग होनी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में आम की फसल की आवक मध्य जून में शुरू होगी।
निर्यात में 8 से 10 फीसदी कमी की आशंका
महाराष्ट्र के आम निर्यातक चांद फ्रुट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नसीर मोहम्मद ने बताया कि चालू सीजन में आम की पैदावार कम होने के कारण आम के भाव घरेलू बाजार में उंचे है। भारत के मुकाबले पाकिस्तान का आम सस्ता है। इसलिए चालू सीजन में आम के निर्यात में 8 से 10 फीसदी की कमी आने की आशंका है। उन्होंने बताया कि इस समय खाड़ी देशो में भारतीय अल्फांसो आम का भाव 400 से 500 रुपये प्रति पेटी (एक पेटी 3 से 3.50 किलो) का है जोकि पिछले साल की तुलना में 25 से 50 रुपये ज्यादा है।
आम का सबसे बड़ा आयातक संयुक्त अरब अमीरात
भारत की बेहतर गुणवत्ता वाली आम की किस्मों अल्फांसो, दशहरी और केसर का निर्यात मुख्यत: संयुक्त अरब अमीरात, यूके, साउदी अरब, कतर, यूएसए, कुवैत और ओमान तथा नेपाल को ज्यादा होता है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में 49,118 टन आम का निर्यात हुआ था जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 52,760 टन से कम है। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत से आम के कुल निर्यात में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी संयुक्त अरब अमीरात की 48 फीसदी की थी।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में 212.53 लाख टन आम के उत्पादन का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 2016.17 में 195.06 लाख टन आम का उत्पादन हुआ था।...... आर एस राणा
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