आर एस राणा
नई
दिल्ली। घरेलू मंडियों में दाम उंचे होने के कारण अप्रैल में सोया डीओसी
का निर्यात 25 फीसदी घटकर 75 हजार टन का ही हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष के
अप्रैल में 1.01 लाख टन डीओसी का निर्यात हुआ था। चालू तेल वर्ष 2018-19 के
पहले सात महीनों अक्टूबर-18 से अप्रैल-19 के दौरान डीओसी का कुल निर्यात
43 फीसदी बढ़कर 16.88 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि
में इसका निर्यात 11.78 लाख टन का ही हुआ था।
सोयाबीन प्रोसेसर्स
एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार अप्रैल में भारतीय बंदरगाह पर सोया
डीओसी का भाव बढ़कर 460 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि 440 डॉलर प्रति टन था।
मार्च में सोया डीओसी के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अप्रैल
में कीमतों में आई तेजी के कारण निर्यात सौदों में कमी आई। उद्योग के
अनुसार चालू तेल वर्ष अक्टूबर-18 से सितंबर-19 के दौरान 20 लाख टन सोया
डीओसी का निर्यात होने का अनुमान है।
कुल आवक पिछले साल से ज्यादा
सोपा
के अनुसार खरीफ सीजन 2018 में सोयाबीन का 114.83 लाख टन का उत्पादन हुआ
था, जबकि नई फसल के समय उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक 1.50 लाख टन का
बचा हुआ था। चालू सीजन में करीब 1.50 लाख टन का आयात भी हुआ है। ऐसे में
सोयाबीन की कुल उपलब्धता 117.83 लाख टन की बैठती है। चालू सीजन में अक्टूबर
से अप्रैल के दौरान उत्पादक मंडियों में 81 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी
है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 66.50 लाख टन से ज्यादा है।
सोयाबीन का बकाया स्टॉक 37 लाख टन से ज्यादा
उद्योग
के अनुसार चालू तेल वर्ष में सोया डीओसी का सबसे ज्यादा निर्यात बंगलादेश,
नेपाल और फ्रांस, ईरान, जापान और वितयनाम को हुआ है। सोपा के अनुसार
उत्पादक राज्यों की मंडियों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक 37 लाख टन से
ज्यादा का बचा हुआ है जबकि अक्टूबर में नई फसल की आवक बनेगी। ...... आर एस राणा
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