आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू चावल किसानों के हितों को देखते हुए बंगलादेश सरकार ने चावल के आयात पर शुल्क को 27 फीसदी बढ़ाकर 55 फीसदी कर दिया है, इसका असर भारतीय गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी पड़ेगा। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत से बंगलादेश को गैर-बासमती चावल के निर्यात में करीब 76 फीसदी की भारी कमी आई है।
बंगलादेश सरकार के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड द्वारा जारी सूचना के अनुसार घरेलू किसानों के हितों की रक्षा के लिए चावल के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 55 फीसदी किया गया है जोकि तत्काल प्रभाव से लागू होगा। बंगलादेश में चावल के आयात पर अभी तक 28 फीसदी आयात शुल्क था।
गैर-बासमती चावल के निर्यात में आयेगी कमी
चावल के निर्यातक महेंद्र जैन ने बताया कि बंगलादेश ने चावल के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर लगभग दोगुना कर दिया है, इससे भारत से बंगलादेश को होने वाले गैर-बासमती चावल के निर्यात में ओर कमी आयेगी। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 में भी बंगलादेश को भारत से गैर-बासमती चावल के निर्यात में कमी आई है।
वित्त वर्ष 2018-19 में 76 कम हुआ बंगलादेश को निर्यात
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बंगलादेश, भारत से गैर-बासमती चावल का आयात ज्यादा करता है। उन्होंने बताया कि 28 फीसदी शुल्क होने के कारण वित्त वर्ष 2018-19 में भी बंगलादेश को निर्यात में 76 फीसदी की कमी आई थी। आयात शुल्क में बढ़ोतरी से इसके निर्यात में और कमी आने की आशंका है। वित्त वर्ष 2018-19 में बंगलादेश ने भारत से गैर-बासमती चावल का आयात 4,43,278 टन का 1,251.21 करोड़ रुपये का ही किया था, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में बंगलादेश ने भारत से 18,45,324 टन का 4,863.84 करोड़ रुपये का आयात किया था। वित्त वर्ष 2018-19 में बंगलादेश ने भारत से बासमती चावल का 2,262 टन 20.50 करोड़ रुपये का आयात किया है।
कुल निर्यात में भी आई कमी
एपीडा के अनुसार बंगलादेश द्वारा आयात शुल्क 28 फीसदी करने के कारण ही वित्त वर्ष 2018-19 में गैर-बासमती चावल के कुल निर्यात में कमी आई थी। इस दौरान गैर-बासमती चावल का कुल निर्यात घटकर 75.34 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 88.18 लाख टन का गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था। मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात घटकर 20,903 करोड़ रुपये का ही हुआ जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष के दौरान 23,437 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था।..........आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू चावल किसानों के हितों को देखते हुए बंगलादेश सरकार ने चावल के आयात पर शुल्क को 27 फीसदी बढ़ाकर 55 फीसदी कर दिया है, इसका असर भारतीय गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी पड़ेगा। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत से बंगलादेश को गैर-बासमती चावल के निर्यात में करीब 76 फीसदी की भारी कमी आई है।
बंगलादेश सरकार के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड द्वारा जारी सूचना के अनुसार घरेलू किसानों के हितों की रक्षा के लिए चावल के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 55 फीसदी किया गया है जोकि तत्काल प्रभाव से लागू होगा। बंगलादेश में चावल के आयात पर अभी तक 28 फीसदी आयात शुल्क था।
गैर-बासमती चावल के निर्यात में आयेगी कमी
चावल के निर्यातक महेंद्र जैन ने बताया कि बंगलादेश ने चावल के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर लगभग दोगुना कर दिया है, इससे भारत से बंगलादेश को होने वाले गैर-बासमती चावल के निर्यात में ओर कमी आयेगी। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 में भी बंगलादेश को भारत से गैर-बासमती चावल के निर्यात में कमी आई है।
वित्त वर्ष 2018-19 में 76 कम हुआ बंगलादेश को निर्यात
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बंगलादेश, भारत से गैर-बासमती चावल का आयात ज्यादा करता है। उन्होंने बताया कि 28 फीसदी शुल्क होने के कारण वित्त वर्ष 2018-19 में भी बंगलादेश को निर्यात में 76 फीसदी की कमी आई थी। आयात शुल्क में बढ़ोतरी से इसके निर्यात में और कमी आने की आशंका है। वित्त वर्ष 2018-19 में बंगलादेश ने भारत से गैर-बासमती चावल का आयात 4,43,278 टन का 1,251.21 करोड़ रुपये का ही किया था, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में बंगलादेश ने भारत से 18,45,324 टन का 4,863.84 करोड़ रुपये का आयात किया था। वित्त वर्ष 2018-19 में बंगलादेश ने भारत से बासमती चावल का 2,262 टन 20.50 करोड़ रुपये का आयात किया है।
कुल निर्यात में भी आई कमी
एपीडा के अनुसार बंगलादेश द्वारा आयात शुल्क 28 फीसदी करने के कारण ही वित्त वर्ष 2018-19 में गैर-बासमती चावल के कुल निर्यात में कमी आई थी। इस दौरान गैर-बासमती चावल का कुल निर्यात घटकर 75.34 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 88.18 लाख टन का गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था। मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात घटकर 20,903 करोड़ रुपये का ही हुआ जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष के दौरान 23,437 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था।..........आर एस राणा
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