आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में उंचे दाम होने के कारण केस्टर तेल के निर्यात में कमी आई है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के अप्रैल मेंं केस्टर तेल का निर्यात 8.75 फीसदी घटकर 45,897 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अप्रैल में 50,312 टन का हुआ था।
केस्टर तेल की निर्यातक फर्म ओसवाल एग्री इम्पैक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर कुशल राज पारिख ने घरेलू बाजार में केस्टर तेल के भाव काफी उंचे है, जिसकी वजह से निर्यात में कमी आई है। उन्होंने बताया कि इस समय केस्टर तेल में चीन के निर्यात सौदे 1,720 से 1,730 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं तथा महीनेभर में ही करीब 20 से 30 डॉलर प्रति टन की तेजी आ चुकी है। उत्पादन कम होने से घरेलू बाजार में केस्टर सीड की कुल उपलब्धता पिछले साल की तुलना में कम होने के कारण चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है।
केस्टर सीड का उत्पादन अनुमान कम
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में केस्टर तेल का निर्यात 13.82 फीसदी घटकर 5.61 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 6.51 लाख टन का निर्यात हुआ था। उद्योग के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में केस्टर सीड का उत्पादन घटकर 11.27 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 14.33 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
उत्पादन अनुमान कम होने के कारण दैनिक आवक घटी
चालू सीजन में केस्टर सीड का उत्पादन कम होने का अनुमान है जिस कारण बिकवाली भी कम आ रही है। केस्टर सीड के कारोबारी हेंमत गुप्ता ने बताया कि गुजरात की मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक 55 से 60 हजार बोरियों की हो रही है तथा उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के भाव 5,575 रुपये प्रति क्विंटल और केस्टर तेल का भाव 1,175 रुपये प्रति 10 किलो है। उत्पादन में कमी के कारण केस्टर सीड की कीमतों में आगे और तेजी आने का अनुमान है वैसे भी केस्टर सीड की नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी में बनेगी।......आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में उंचे दाम होने के कारण केस्टर तेल के निर्यात में कमी आई है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के अप्रैल मेंं केस्टर तेल का निर्यात 8.75 फीसदी घटकर 45,897 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अप्रैल में 50,312 टन का हुआ था।
केस्टर तेल की निर्यातक फर्म ओसवाल एग्री इम्पैक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर कुशल राज पारिख ने घरेलू बाजार में केस्टर तेल के भाव काफी उंचे है, जिसकी वजह से निर्यात में कमी आई है। उन्होंने बताया कि इस समय केस्टर तेल में चीन के निर्यात सौदे 1,720 से 1,730 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं तथा महीनेभर में ही करीब 20 से 30 डॉलर प्रति टन की तेजी आ चुकी है। उत्पादन कम होने से घरेलू बाजार में केस्टर सीड की कुल उपलब्धता पिछले साल की तुलना में कम होने के कारण चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है।
केस्टर सीड का उत्पादन अनुमान कम
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में केस्टर तेल का निर्यात 13.82 फीसदी घटकर 5.61 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 6.51 लाख टन का निर्यात हुआ था। उद्योग के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में केस्टर सीड का उत्पादन घटकर 11.27 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 14.33 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
उत्पादन अनुमान कम होने के कारण दैनिक आवक घटी
चालू सीजन में केस्टर सीड का उत्पादन कम होने का अनुमान है जिस कारण बिकवाली भी कम आ रही है। केस्टर सीड के कारोबारी हेंमत गुप्ता ने बताया कि गुजरात की मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक 55 से 60 हजार बोरियों की हो रही है तथा उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के भाव 5,575 रुपये प्रति क्विंटल और केस्टर तेल का भाव 1,175 रुपये प्रति 10 किलो है। उत्पादन में कमी के कारण केस्टर सीड की कीमतों में आगे और तेजी आने का अनुमान है वैसे भी केस्टर सीड की नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी में बनेगी।......आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें