आर एस राणा
नई दिल्ली। अमूल
ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाली गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क
मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) को चालू वित्त वर्ष 2019-20 में कारोबार
20 फीसदी बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है।
जीसीएमएमएफ
ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अपने कारोबार में 13 फीसदी की बढ़ोतरी कर
कुल कारोबार 33,150 करोड़ रुपये का किया है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष
में कंपनी का कारोबार 29,225 करोड़ रुपये का हुआ था।
चालू वित्त वर्ष में मूल्य और मात्रा दोनों में बढ़ोतरी की उम्मीद
अमूल
के मैनेजिंग डायरेक्टर आर एस सोढ़ी ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में हमने
उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की थी, इसके बावजूद भी राजस्व में
बढ़ोरती हुई थी। चालू वित्त वर्ष में मूल्य और मात्रा दोनों में बढ़ोतरी की
उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में कुल
कारोबार 20 फीसदी बढ़ने की संभावना है।
अमूल दे रही है अपने किसानों को दूध के ज्यादा दाम
सोढ़ी
ने कहा कि पिछले पांच महीने में महाराष्ट्र में दूध की खरीद कीमतों में
बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि हम कई राज्यों में अपने दूध किसानों को
ज्यादा दाम दे रहे हैं, इसके बावजूद भी अमूल के राजस्व पर कोई असर नहीं
पड़ेगा। अमूल दूध की कीमतों में तत्काल बढ़ोतरी की संभावना को उन्होंने
खारिज कर दिया।
दैनिक दूध की क्षमता को बढ़कर 380-400 लाख लीटर करने की योजना
जीसीएमएमएफ
ने हाल ही में कहा है कि अमूल फेडरेशन के अंतर्गत आने वाली 18 सदस्यीय
यूनियनों ने वित्त वर्ष 2018-19 में 45,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया,
जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा था। गुजरात के
18,700 गांव में अमूल फेडरेशन के 18 सदस्यीय यूनियनों में 36 लाख से अधिक
किसान जुड़े हुए हैं जिनसे औसतन दैनिक 230 लाख लीटर दूध की खरीद की जा रही
है। अमूल की सदस्य यूनियनों ने दैनिक 350 लाख लीटर दैनिक दूध प्रसंस्करण
क्षमता को बढ़ाकर अगले दो साल में 380 से 400 लाख लीटर करने की योजना बनाई
हुई है।........ आर एस राणा
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