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19 मई 2019

छह जून को केरल में दस्तक देगा मानसून, 96 फीसदी बारिश होने का अनुमान-आईएमडी

आर एस राणा
नई दिल्ली। इस साल मानसून के पहुंचने में थोड़ी देरी होने की आशंका है, हालांकि मानसूनी बारिश सामान्य 96 फीसदी ही होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा बुधवार को जारी भविष्यवाणी के अनुसार केरल में 6 जून को मानसून दस्तक देगा। आईएमडी के अनुमान से एक दिन पहले ही मौसम का आकलन करने वाली निजी संस्था स्काइमेट ने कहा था कि इस साल केरल के तट पर मानसून 4 जून को टकराएगा तथा मानूसनी बारिश भी सामान्य से कम 93 फीसदी ही होने का अनुमान जताया था।
आईएमडी के अनुसार इस साल मानसून के पहुंचने में थोड़ी देरी हो सकती है और यह 6 जून को केरल के तट पर टकराएगा। पिछले साल 29 मई को मानसून केरल के तट पर पहुंच गया था। जबकि 2017 में यह 30 मई को केरल के तट पर टकराया था।
आईएमडी की भविष्यवाणी 14 साल में 13 बार सही निकली
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि पिछले 14 सालों के दौरान मानसून के पहुंचने की उसकी भविष्यवाणी 13 बार सही निकली है, सिर्फ एक बार यानि 2015 में उसका अनुमान सही नहीं गया था। 2015 में मौसम विभाग ने 30 मई को मानसून के केरल तट पर पहुंचने का अनुमान जारी किया था जबकि मानसून 5 जून को पहुंचा था।
अल-नीनो कमजोर रहने की संभावना
आईएमडी ने मानसून को लेकर इस साल के अपने पहले अनुमान में सामान्य बरसात होने की उम्‍मीद जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून सीजन में अल-नीनो कमजोर रहने की संभावना है और सीजन बढ़ने के साथ यह और कमजोर होता जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून लंबी अवधि के औसत का 96 फीसदी रहने का अनुमान है इसमें 5 फीसदी बारिश कम या ज्यादा होने का अनुमान है।
सामान्य से ज्यादा बारिश के आसार 50 फीसदी
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून सीजन के दौरान सामान्य से बहुत ज्यादा (110 फीसदी से ज्यादा) बरसात की संभावना 2 फीसदी ही है, जबकि सामान्य से अधिक (104-110 फीसदी) की संभावना 10 फीसदी है। इसके अलावा सामान्य बारिश यानि 96-104 फीसदी बारिश होने की संभावना 39 फीसदी है। यानि कुल मिलाकर सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश की संभावना 50 फीसदी से ज्यादा है।
सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान 32 फीसदी
मौसम विभाग के मुताबिक सामान्य से थोड़ी कम यानि 90-96 फीसदी बरसात की संभावना 32 फीसदी और 90 फीसदी से कम बारिश की संभावना 16 फीसदी है। मानसून सीजन के दौरान अगर 90 फीसदी से कम बारिश हो तो सूखाग्रस्त घोषित किया जाता है। यानि इस साल 16 फीसदी संभावना सूखाग्रस्त मानसून की भी है। खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए मानसूनी बारिश काफी महत्वपूर्ण है। पिछले खरीफ सीजन में देश के कई राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और ओडिशा आदि में सामान्य से कम बारिश हुई थी, जिससे इन राज्यों के कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया हुआ है। .............. आर एस राणा

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