आर एस राणा
नई
दिल्ली। पंजाब में गन्ने की पेराई अंतिम चरण में है लेकिन राज्य की चीनी
मिलों के साथ ही राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाला भुगतान भी नहीं मिलने से
किसानों में नाराजगी है। गन्रा बकाया को लेकर राज्य के किसानों द्वारा
धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाले 25 रुपये
प्रति क्विंटल की कुल धनराशि में से केवल 20 फीसदी का भुगतान ही अभी तक
किया गया है।
राज्य सरकार ने चालू गन्ना पेराई सीजन 2018-19
(अक्टूबर से सितंबर) के लिए गन्ना किसानों को राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी)
की 310 रुपये प्रति क्विंटल की राशि में से 25 रुपये प्रति क्विंटल का
भुगतान करने की घोषणा की थी। चीनी मिलों को किसानों को 285 रुपये प्रति
क्विंटल की दर से भुगतान करना है। राज्य के गन्ना आयुक्त एस जसवंत सिंह ने
आउटलुक को बताया कि इस मद में राज्य सरकार ने अभी तक 25-26 करोड़ रुपये का
भुगतान गन्ना किसानों को किया है। उन्होंने बताया कि कुल राशि का पता तो
पेराई सीजन समाप्त होने के बाद ही चलेगा, लेकिन माना जा रहा है कि कुल राशि
120 से 122 करोड़ रुपये की बैठेगी। उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को
लगातार भुगतान किया जा रहा है।
राज्य की 14 मिलों में हो चुकी है पेराई बंद
उन्होंने
बताया कि राज्य में 16 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिनमें से 14 चीनी
मिलों में पेराई बंद हो चुकी है तथा अब केवल 2 चीनी मिलों में ही पेराई चल
रही है। चालू पेराई सीजन में राज्य में 76 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हो
चुका है। चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का कितना बकाया है, यह बताने से
उन्होंने इंकार कर दिया।
राज्य के किसानों का 1,250 करोड़ रुपये से ज्यादा है बकाया
भारतीय
किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि पंजाब
की चीनी मिलों पर राज्य के किसानों का बकाया 1,250 रुपये से ज्यादा का हो
गया है लेकिन राज्य सरकार बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए कोई कदम नहीं
उठा रही है। इसीलिए राज्य के गन्ना किसान नाराज हैं। उन्होंने बताया कि
राज्य की धूरी शुगर मिल पर किसानों का 70 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया
है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल में दिए फैसले में 15 दिन के अंदर गन्ना
किसानों के बकाया भुगतान का आदेश दिया है।..... आर एस राणा
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