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10 फ़रवरी 2019

कपास के उत्पादन अनुमान में उद्योग ने फिर की पांच लाख गांठ की कटौती

आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास के उत्पादन अनुमान में उद्योग ने एक बार फिर पांच लाख गांठ की कटौती कर दी है। उद्योग के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में कपास का उत्पादन 330 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है। इससे पहले जनवरी में जारी अनुमान में भी 5.25 लाख गांठ की कमी थी। पिछले साल 365 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।
तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में घटाया उत्पादन
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल एस. गणात्रा के अनुसार तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में कपास की तीसरी और चौथी पिकिंग नहीं होने से उत्पादन अनुमान में कमी आई है। इससे पहले के उत्पादन अनुमान में तेलंगाना में 2.50 लाख गांठ, आंधप्रदेश में 50 हजार गांठ और कर्नाटक में 2 लाख गांठ की कमी आने का अनुमान है। 
सबसे बड़े राज्य गुजरात में कम रहेगा उत्पादन
सीएआई के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में तेलंगाना में 45 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 16 लाख गांठ, कर्नाटक में 15 लाख गांठ तथा तमिलनाडु में पांच लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है। गुजरात में चालू सीजन में कपास का उत्पादन 83.50 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले साल गुजरात में 101.80 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में चालू सीजन में 77 लाख गांठ और मध्य प्रदेश में 24.25 लाख गांठ का उत्पादन होने का अनुमान है। इसके अलावा उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 60 लाख गांठ तथा ओडिशा और अन्य राज्यों में 4.25 लाख गांठ उत्पादन होने का अनुमान है।
आयात बढ़ने और निर्यात घटने का अनुमान
पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू सीजन में 31 जनवरी तक उत्पादक मंडियों में 170.32 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है तथा 5.48 लाख गांठ का आयात हो चुका है। चालू सीजन में 31 जनवरी तक 24 लाख गांठ कपास का निर्यात हो चुका है। उद्योग के अनुसार चालू सीजन में कपास का कुल आयात बढ़कर 27 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 15 लाख गांठ का ही आयात हुआ था। चालू फसल सीजन में कपास का निर्यात 50 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 69 लाख गांठ का निर्यात हुआ था।
आगे भाव बढ़ने का अनुमान
इस समय उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक अच्छी रहेगी, जबकि जानकारों का मानना है कि चालू सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान में आगे उद्योग फिर कम कर सकत है। अत: आगे जैसे ही दैनिक आवक कम होगा, कपास के भाव में तेजी आने का अनुमान है।.............  आर एस राणा

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