आर एस राणा
नई
दिल्ली। देश के कई राज्यों में रबी फसलों की बुवाई घटने से किसानों को
आर्थिक घाटा नुकसान हुआ है, साथ ही खाद्यान्न के उत्पादन में कमी आयेगी
जिसका असर कीमतों पर भी पड़ने की आशंका है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू
रबी में फसलों की बुवाई 22.78 लाख हेक्टेयर घटकर 603.71 लाख हेक्टेयर में
ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 629.18 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो
चुकी थी।
महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा और बिहार के साथ ही
कई अन्य राज्यों के कई जिलों में बारिश कम होने से सूखे जैसे हालात बनने
के कारण चालू रबी में मोटे अनाजों की बुवाई 13.65 फीसदी, दलहन की 5.74
फीसदी और धान की रोपाई में 18.70 फीसदी की कमी आई है। रबी फसलों की कुल
बुवाई 4.05 फीसदी घटी है जिस कारण चालू फसल सीजन 2018-19 में खाद्यान्न
उत्पादन फसल सीजन 2017-18 के रिकार्ड 28.48 करोड़ टन से कम होने की आशंका
है।
किसानों को होगा आर्थिक नुकसान
पूर्व कृषि सचिव
सिराज हुसैन ने आउटलुक को बताया सूखे के कारण जो किसान फसलों को बुवाई ही
नहीं कर पाये, उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि मोटे
अनाजों के साथ ही तिलहन उत्पादन ज्यादा प्रभावित होगा, जिससे इनके भाव में
बढ़ोतरी का अनुमान है। उत्पादन में कमी की आशंका से मक्का के दाम पहले ही
10 से 12 फीसदी तक बढ़ चुके हैं।
दलहन का बकाया स्टॉक ज्यादा
सिराज
हुसैन ने बताया कि गेहूं और धान का उत्पादन सिंचित क्षेत्रों में होता है,
इसलिए इनका उत्पादन ज्यादा प्रभावित नहीं होगा। दालों की बुवाई में कमी
जरुर आई है लेकिन केंद्रीय पूल में दालों का बकया स्टॉक ज्यादा है। इसलिए
दालों की कीमतें भी ज्यादा प्रभावित होने की संभावना नहीं है।
मौसम अनुकूल रहा तो बढ़ेगा गेहूं उत्पादन
भारतीय
गेहूं एवं जौ संस्थान करनाल के निदेशक डाॅ. जीपी सिंह ने बताया कि गेहूं
की बुवाई पिछले साल से थोड़ी कम जरुर हुई है, लेकिन अभी तक मौसम फसल के
अनुकूल रहा है। कटाई तक मौसम अनुकूल रहा तो फिर गेहूं का उत्पादन पिछले साल
से ज्यादा ही होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि अभी तक कहीं भी गेहूं
की फसल में पीला रतुआ या अन्य किसी बीमारी के समाचार नहीं है। चालू रबी में
गेहूं की बुवाई 297.24 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय
तक 299.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
मोटे अनाजों की बुवाई ज्यादा प्रभावित
मोटे
अनाजों की बुवाई चालू रबी में घटकर 47.92 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है
जबकि पिछले साल इस समय तक 55.50 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। ज्वार
की बुवाई चालू रबी में 18.39 फीसदी घटकर 25.05 लाख हेक्टेयर में और मक्का
की बुवाई 9.78 फीसदी घटकर 14.88 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। इसी तरह से जौ
की बुवाई 2.28 कम होकर 7.24 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है।
तिलहन में सरसों की बुवाई बढ़ी, मूंगफली की घटी
रबी
तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई जरुर पिछले साल के 66.98 लाख हेक्टेयर
से 3.20 फीसदी बढ़कर 69.12 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। अन्य तिलहनों
मूंगफली की बुवाई 22.66 फीसदी घटकर 4.64 लाख हेक्टेयर में और सनफ्लावर की
बुवाई में 34.68 फीसदी की गिरावट 1.12 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। अलसी की
बुवाई भी 14.36 फीसदी घटकर 3.44 लाख हेक्टेयर में ही हुई है।
दलहनी फसलों की बुवाई 5.74 फीसदी कम
चालू
रबी में दालों की बुवाई घटकर 153.35 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि
पिछले साल की समान अवधि में 162.70 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। रबी
दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई 10.02 फीसदी घटकर 96.35 लाख हेक्टेयर में
ही हुई है।
धान की रोपाई कम
धान की रोपाई चालू रबी में 25.36 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 31.19 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी थी। ...........आर एस राणा
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