आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू फसल सीजन 2018-19 में केस्टर सीड के उत्पादन में 20 फीसदी की
गिरावट आकर कुल उत्पादन 11.26 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल
14.16 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स
एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू फसल सीजन में केस्टर सीड की
बुवाई में 6.64 फीसदी की कमी आकर कुल बुवाई 7.69 लाख हेक्टेयर में ही हुई
थी, जबकि पिछले साल 8.21 लाख हेक्टेयर में केस्टर सीड की बुवाई थी। बुवाई
में कमी आने के साथ प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में मानूसनी बारिश सामान्य
से कम होने के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में भी कमी आई है। गुजरात
में चालू सीजन में केस्टर सीड का उत्पादन घटकर 9.34 लाख टन ही होने का
अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में 12 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
अन्य राज्यों में उत्पादन घटने का अनुमान
एसईए
के अनुसार अन्य राज्यों राजस्थान में चालू फसल सीजन में केस्टर सीड का
उत्पादन 1.47 लाख टी ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में 1.66
लाख टन का उत्पादन हुआ था। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में केस्टर सीड का
उत्पादन घटकर 0.23 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में
0.27 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
केस्टर तेल के निर्यात में आई कमी
चालू
वित्त वर्ष 2018-19 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान केस्टर
तेल का निर्यात 4,011.92 करोड़ रुपये मूल्य का 4,31,238 टन का ही हुआ है
जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 4,89,256 टन का हुआ
था। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान केस्टर तेल का कुल निर्यात 6,345.24 करोड़
रुपये का 6,51,326 टन का हुआ था।
भाव में आगे बनेगी और तेजी
उत्पादक
मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक 50 से 55 हजार बोरी की हो रही है तथा
यार्ड में भाव 1,030 से 1,040 रुपये प्रति 20 किलो चल रहे है। व्यापारियों
के अनुसार केस्टर सीड की दैनिक आवकों का दबाव अप्रैल तक बना रह सकता है,
उसके बाद आवक कम हो जायेगी। जिससे आगे इसकी कीमतों में और तेजी आने का
अनुमान है। केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,075 से 1,080 डॉलर प्रति टन की दर
से हो रहे हैं।...... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें