आर एस राणा
नई
दिल्ली। पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर से
सितंबर) के पहले चार महीनों में ही गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर बकाया
बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपये को पार को कर गया है। ऐसे में चीनी मिलों को
राहत देने के लिए केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव (एमएसपी) को 29
से बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलो करने की तैयारी कर रही है।
खाद्य
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव को
बढ़ाने पर सचिवों के समूह की आज बैठक हुई थी, जिसमें एमएसपी को 29 रुपये से
बढ़ाकर 31 रुपये करने पर एक राय बनी है। उन्होंने बताया कि इस मामले पर
पीएमओ में पहले ही चर्चा हो चुकी है। अत: खाद्य मंत्रालय के प्रस्ताव पर
जल्दी ही मोहर लग सकती है।
एसएसपी में 2 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी का प्रस्ताव
केंद्र
सरकार ने जून 2018 में चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 29 रुपये प्रति किलो तय
किया था। उन्होंने बताया कि न्यूनतम बिक्री भाव में 2 रुपये प्रति
किलोग्राम की बढ़ोतरी करने से चीनी मिलों को राहत मिलेगी, जिससे गन्ना
किसानों के बकया भुगतान में भी सुधार आने का अनुमान है। चीनी कारोबारी
सुधीर भालोठिया ने बताया कि मंगलवार को दिल्ली में चीनी के भाव 3,325 से
3,350 रुपये और उत्तर प्रदेश में एक्स-फैक्ट्री भाव 3,100 से 3,125 रुपये
प्रति क्विंटल रहे। महाराष्ट्र में चीनी के एक्स-फैक्ट्री भाव 2,900 रुपये
प्रति क्विंटल है। बिक्री भाव में बढ़ोतरी करने से घरेलू बाजार में चीनी की
कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की संभावना है।
पहले चार महीनों में ही बकाया बढ़कर 20 हजार करोड़
उद्योग
के अनुसार चालू पेराई सीजन के पहले चार महीनों पहली अक्टूबर 2018 से 31
जनवरी 2019 तक गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर चीनी मिलों पर करीब 20 हजार
करोड़ रुपये पहुंच गया है। बकाया भुगतान नहीं होने से गन्ना के प्रमुख
उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र में गन्ना किसानों में
रोष बढ़ रहा है।
विश्व बाजार में चीनी के भाव कम
सूत्रों
के अनुसार चालू पेराई सीजन में अभी तक 14 से 15 लाख टन चीनी का ही निर्यात
हुआ है जबकि केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए 50 लाख टन का कोटा तय
कर रखा है। चीनी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के वरिष्ठ
अधिकारियों के साथ उद्योग से जुड़े पदाधिकारियों ने कई देशों का दौरा किया
था। सूत्रों ने बताया कि मलेशिया ने भारत से 44,000 टन चीनी के आयात के
सौदे किए हैं, तथा इनडोनेशिया से भी आयात आर्डर मिलने की उम्मीद है। विश्व
बाजार में व्हाईट चीनी के भाव 380 से 385 डॉलर प्रति टन हैं, जबकि घरेलू
बाजार में दाम उंचे हैं। जिस कारण निर्यात सीमित मात्रा में ही हो रहा है।
चीनी का कुल उत्पादन कम होने का अनुमान
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का
उत्पादन घटकर 307 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में
325 लाख टन का उत्पादन हुआ था। पहली अक्टूबर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक चीनी
का उत्पादन 8.15 फीसदी बढ़कर 185.19 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले पेराई
सीजन की समान अवधि में 171.23 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।.... आर एस राणा
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