आर एस राणा
नई
दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार द्वारा धान की खरीद न्यूनतम
समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ज्यादा दाम पर करने से राज्य के खजाने पर
अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र लिख कर सूचित किया है
कि एमएसपी और खरीद के भाव के अंतर का बोझ राज्य सरकार को स्वयं वहन करना
होगा।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने
राज्य सरकार को सूचित कर दिया है कि समर्थन मूल्य और खरीद भाव के अंतर की
भरपाई स्वयं राज्य सरकार को करनी होगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण
प्रणाली के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) छत्तीसगढ़ से 24 लाख टन चावल की
खरीद करेगी, इसके अलावा 24 लाख टन चावल और खरीदा जायेगा। अत: एफसीआई राज्य
से 48 लाख टन चावल की खरीद करेगी। इसके लिए राज्य सरकार को धान के एमएसपी
1,750 रुपये प्रति क्विंटल के आधार पर भुगतान किया जायेगा। चूंकि चालू खरीफ
में राज्य सरकार ने किसानों से धान की खरीद 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के
भाव पर की है अत: 750 रुपये प्रति क्विंटल के अंतर की भरपाई स्वयं राज्य
सरकार को वहन करनी होगी।
राज्य से 40.80 लाख टन चावल की हो चुकी है खरीद
एफसीआई
के अनुसार चालू खरीफ विपणन सीजन 2018-19 में छत्तीसगढ़ से 11 फरवरी 2019
तक 40.80 लाख टन चावल की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल कुल खरीद 32.55
लाख टन की ही हुई थी। चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए राज्य सरकार ने एमएसपी
पर 55 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया है। सूत्रों के अनुसार धान का
खरीद मूल्य ज्यादा होने के कारण पड़ोसी राज्यों तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और
ओडिशा के किसान भी छत्तीसगढ़ की मंडियों में धान बेच रहे हैं।
एमएसपी से ज्यादा है राज्य का खरीद मूल्य
केंद्र
सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए कॉमन ग्रेड धान का एमएसपी 1,750
और ग्रेड-ए धान का एमएसपी 1,770 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि
राज्य सरकार ने किसानों से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीद की
है।............ आर एस राणा
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