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10 फ़रवरी 2019

चालू पेराई सीजन में जनवरी अंत तक चीनी का उत्पादन 8.15 फीसदी ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) के पहले चार महीनों में चीनी का उत्पादन 8.15 फीसदी बढ़कर 185.19 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 171.23 लाख टन का उत्पादन ही हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एशोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई पहले आरंभ कर दी थी जिस कारण अभी तक उत्पादन पिछले साल से ज्यादा हुआ है लेकिन कुल उत्पादन पिछले साल के 325 लाख टन से 5 से 6 फीसदी घटने की आशंका है। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का कुल उत्पादन घटकर 307 लाख टन ही होने का अनुमान है।
महाराष्ट्र में 70 लाख टन से ज्यादा हो चुका है उत्पादन
प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 31 जनवरी तक चीनी का उत्पादन 12.07 फीसदी बढ़कर 70.70 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक राज्य में 63.08 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ था। इस्मा के अनुसार राज्य में चीनी का कुल उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है। 
उत्तर प्रदेश में गन्ने में रिकवरी की दर ज्यादा
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 53.36 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 53.98 लाख टन से थोड़ा कम है। चालू पेराई सीजन में राज्य में गन्ने में रिकवरी की दर पिछले साल की तुलना में औसतन 0.81 फीसदी ज्यादा आई है।
कर्नाटक में 24.71 फीसदी बढ़ा चीनी उत्पादन
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 31 जनवरी तक चीनी का उत्पादन 24.71 फीसदी बढ़कर 33.40 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 26.78 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। अन्य राज्यों तमिलनाडु में 3.10 लाख टन, गुजरात में 6.50 लाख टन, आंध्रप्रदेश में 3.70 लाख टन, बिहार में 4.08 लाख टन, उत्तराखंड 1.75 लाख टन, पंजाब में 2.90 लाख टन तथा हरियाणा में भी 2.90 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता ज्यादा है, जबकि चीनी मिलों पर बकाया भुगतान का दबाव है। इसलिए चीनी की कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग पर बढ़ते बकाया के स्थाई समाधान के लिए नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक सीमित का गठन किया है। जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव बढ़ाने या फिर अन्य रियायत देने पर विचार करेगी।...... आर एस राणा

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