आर एस राणा
नई
दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को
कहा कि सरकार ने नई कृषि निर्यात नीति के तहत जोन और क्लस्टर चिह्नित किये
हैं जिससे देश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिल सकेगा।
केन्द्रीय
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि ये जोन और क्लस्टर बंदरगाहों और हवाई
अड्डों तक आसान पहुंच को ध्यान में रखते हुए चिह्नित किए गये हैं।
उन्होंने कहा कि नई कृषि निर्यात नीति वाणिज्य, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
उद्योग मंत्रालयों ने मिलकर संयुक्त रुप से बनाई है।
किसान को होगा फायदा
सुरेश
प्रभु ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय किसानों और निर्यातकों की सहायता से
राज्यों में ऐसे केंद्रों की श्रंखला स्थापित करेगा, जिससे किसान और
निर्यातक अपने उत्पादों की उस अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रांडिग और बिक्री
आसानी से कर सकेंगे जहां उनके उत्पादों की मांग ज्यादा है।
भारत चावल का प्रमुख निर्यातक देश
कृषि
उत्पादों में भारत चावल के साथ ही मसालों के साथ चाय और काफी का बड़े
पैमाने पर निर्यात करता है। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने बासमती चावल का
निर्यात मूल्य के हिसाब से 26,870 करोड़ रुपये का 40.56 लाख टन का निर्यात
किया था। इसके अलावा गैर-बासमती चावल का वित्त वर्ष 2017-18 में 22,967
करोड़ रुपये का 86.48 लाख टन का निर्यात किया था। चालू वित्त वर्ष 2018-19
के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात मूल्य
के हिसाब से 21,203 करोड़ रुपये का और गैर-बासमती चावल का निर्यात 15,529
करोड़ रुपये का हो चुका है।...... आर एस राणा
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