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04 फ़रवरी 2019

अप्रैल से दिसंबर के दौरान बासमती एवं गैर बासमती चावल का निर्यात घटा, आगे बढ़ने की उम्मीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। खाड़ी देशों के साथ ही अफ्रीकन देशों की आयात मांग घटने से चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान बासमती चावल चावल के निर्यात में जहां 1.71 फीसदी की कमी आई है, वहीं गैर बासमती चावल का निर्यात 14 फीसदी घटा है। ईरान का भुगतान का मामला लगभग सुलझ गया है, इसलिए आगे निर्यात सौदों में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों अप्रैल से से दिसंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात घटकर 28.61 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 29.11 लाख टन का निर्यात हुआ था। उन्होंने बताया कि अप्रैल से दिसंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात मात्रा के हिसाब से तो कम हुआ है, लेकिन मूल्य के हिसाब से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि फरवरी-मार्च में निर्यात में तेजी आने का अनुमान है, हालांकि कुल निर्यात पिछले साल के 40.56 लाख टन से कम रहने की आशंका है।
मूल्य के हिसाब से निर्यात ज्यादा
चालू वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से दिसंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात 21,203 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 18,794 करोड़ रुपये का ही निर्यात हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात 14 फीसदी घटा
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से दिसंबर के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में 14 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 56 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 65.15 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर के दौरान 15,529 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 17,291 करोड़ रुपये का हुआ था। 
ईरान की आयात मांग बढ़ने की उम्मीद
चावल की निर्यातक फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल ने आउटलुक को बताया कि बासमती चावल के निर्यात में कमी का प्रमुख कारण पेस्टसाईड की वजह से यूरोपीय यूनियन की मांग कम होने के साथ ही खाड़ी देशों की आयात मांग में भी कमी आई है। उन्होनें बताया कि ईरान से पैमेंट का मामला लगभग सुलझ गया है, इसलिए आगामी दिनों में ईरान की आयात मांग बढ़ेगी। विश्व बाजार में पूसा 1,121 बासमती चावल सेला का भाव 1,070 से 1,075 डॉलर प्रति टन है।
धान की आवक घटी
हरियाणा की कैथल मंडी के धान कारोबारी रामनिवास खुरानिया ने बताया कि मंडी में बासमती धान की दैनिक आवक घटकर 2,000 से 3,000 क्विंटल की ही रह गई है। मंडी में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव 3,500 से 3,550 रुपये और सेला चावल का भाव 6,750 से 6,800 रुपये प्रति क्विंटल है। .... आर एस राणा

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