पीएम-आशा योजना से भी नहीं मिल रहा दलहन किसानों को समर्थन मूल्य
आर एस राणा
नई दिल्ली। विदेश व्यापार महानदिशालय (डीजीएफटी) ने सभी बंदरगाहों को लिखा है कि पत्र भेजा है कि आयातित दालों के बारे में जानकारी दी जाए। माना जा रहा कि आयात पर रोक लगाने पर डीजीएफटी गंभीर है। अत: रोक लगती है तो दालों की कीमतों में 150 से 200 रुपये की तेजी बन सकती है। हालांकि चना में नेफेड की बिक्री बराबर बनी हुई है, इसलिए चना की कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।
दलहन किसानों को प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। उत्पादक मंडियों में उड़द, मूंग और अरहर के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी में उड़द बेचने आए किसान राज एस चंद्रशेखर की उड़द 4,800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिकी, जबकि केंद्र सरकार ने उड़द का एमएसपी 5,600 रुपये प्रति क्विंटल तय कर रखा है।
पीएम-आशा के तहत खरीफ विपणन सीजन 2018-19 में दलहन-तिलहन की खरीद का लक्ष्य नेफेड ने 33 लाख टन का तय किया था, जबकि अभी तक खरीद हुई है केवल 14 लाख टन की। अत: तय लक्ष्य के केवल 43 फीसदी ही दलहन और तिलहन की खरीद हुई है जबकि खरीद का सीजन समाप्त होने वाला है। नेफेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू खरीफ में समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद 6.28 लाख टन, उड़द की 41.17 लाख टन और मूंग की 2.95 लाख टन की हुई है। इसके अलावा करीब 39,711 टन अरहर और 19,771 टन सोयाबीन खरीदी है।
आयातित दालें सस्ती
मुंबई के दलहन आयातक सुरेश उपाध्याय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दलहन आयात पर रोक के बावजूद भी आयात हो रहा है। कई आयातकों ने मद्रास हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है, जिस कारण आयात हो रहा है। उन्होंने बताया कि म्यांमार से आयातित लेमन अरहर का भाव चेन्नई बंदरगाह पर 4,900 रुपये और उड़द एफएक्यू का भाव 4,200 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि अरहर का समर्थन मूल्य 5,675 रुपये और उड़द का 5,600 रुपये प्रति क्विंटल है।
तय मात्रा से ज्यादा हुआ है आयात
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 13.31 लाख टन दालों का आयात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 38.40 लाख टन का आयात हुआ था। वित्त वर्ष 2017-18 में कुल आयात 56.01 लाख टन का हुआ था। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए उड़द और मूंग के आयात की अनुमति 3 लाख टन की दी हुई है जबकि अभी तक उड़द और मूंग का आयात 4 लाख टन से ज्यादा का हो चुका है। इसी तरह से अरहर के आयात का कोटा 2 लाख टन का तय किया हुआ है जबकि आयात 3 लाख टन से ज्यादा का हो चुका है।
रबी में दालों की बुवाई घटी
रबी दलहन की बुवाई चालू सीजन में 6.13 फीसदी घटकर 151.10 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 160.97 लाख हेक्टेयर में इनकी बुवाई हो चुकी थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई 9.96 फीसदी घटकर अभी तक केवल 95.99 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 106.55 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन 2018-19 में दालों का उत्पादन घटकर 92.2 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में 93.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था। ...... आर एस राणा
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