आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां सोयाबीन और मूंगफली की बुवाई में कमी आई है, वहीं केस्टर सीड की बुवाई पिछले साल से आगे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन की बुवाई घटकर 98.97 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 110.45 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे होने के कारण किसानों ने सोयाबीन के बजाए अन्य फसलों की बुवाई को तरजीह दी है। इंदौर में शनिवार को सोयाबीन के भाव 2,950 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
इसी तरह से चालू खरीफ सीजन में मूंगफली की बुवाई भी घटकर अभी तक केवल 34.91 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक मूंगफली की बुवाई 40.21 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मूंगफली के भाव भी उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक के समय एमएसपी से नीचे थे, इसीलिए इसकी बुवाई पर भी असर पड़ा है।
केस्टर सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 2.72 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई केवल 1.53 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। केस्टर सीड की बुवाई अभी शुरुआती चरण है तथा इसकी बुवाई मध्य अगस्त तक चलेगी। हालांकि उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का स्टॉक कम है, जबकि केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है इसलिए आगे इसके भाव में और तेजी आने का अनुमान है। गुजरात की दिसा मंडी में शनिवार को केस्टर सीड का भाव 4,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
तिलहनों की अन्य फसलों में सनफ्लावर की बुवाई अभी तक 1.15 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 1.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। इसी तरह से शीसम सीड की बुवाई 10.50 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 11.64 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई घटकर 148.88 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 165.49 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। .............. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां सोयाबीन और मूंगफली की बुवाई में कमी आई है, वहीं केस्टर सीड की बुवाई पिछले साल से आगे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन की बुवाई घटकर 98.97 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 110.45 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे होने के कारण किसानों ने सोयाबीन के बजाए अन्य फसलों की बुवाई को तरजीह दी है। इंदौर में शनिवार को सोयाबीन के भाव 2,950 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
इसी तरह से चालू खरीफ सीजन में मूंगफली की बुवाई भी घटकर अभी तक केवल 34.91 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक मूंगफली की बुवाई 40.21 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मूंगफली के भाव भी उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक के समय एमएसपी से नीचे थे, इसीलिए इसकी बुवाई पर भी असर पड़ा है।
केस्टर सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 2.72 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई केवल 1.53 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। केस्टर सीड की बुवाई अभी शुरुआती चरण है तथा इसकी बुवाई मध्य अगस्त तक चलेगी। हालांकि उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का स्टॉक कम है, जबकि केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है इसलिए आगे इसके भाव में और तेजी आने का अनुमान है। गुजरात की दिसा मंडी में शनिवार को केस्टर सीड का भाव 4,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
तिलहनों की अन्य फसलों में सनफ्लावर की बुवाई अभी तक 1.15 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 1.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। इसी तरह से शीसम सीड की बुवाई 10.50 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 11.64 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई घटकर 148.88 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 165.49 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। .............. आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें