आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई बढ़कर 1.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 1.16 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। सामान्यतः गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई 2.92 लाख हैक्टेयर में होती है।
उधर राजस्थान में चालू खरीफ में ग्वार सीड की बुवाई 24.06 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 15.91 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। चालू खरीफ में बुवाई का लक्ष्य राज्य सरकार ने 38 लाख हैक्टेयर का तय किया है जबकि पिछले साल राज्य में केवल 35.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार पिछले साल राज्य में ग्वार सीड का उत्पादन 14.04 लाख टन का हुआ था।
ग्वार सीड के उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी मानी जा रही है, इसलिए ग्वार सीड और ग्वार गम में स्टॉकिस्टों ने तेजी बनाई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले सप्ताह मानसूनी बारिश जोर पकड़ेगी, अतः उत्पादक क्षेत्रों में बारिश हुई तो ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में गिरावट बन सकती है।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1,45,775 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में केवल 77,174 टन का ही हुआ था।........ आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई बढ़कर 1.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 1.16 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। सामान्यतः गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई 2.92 लाख हैक्टेयर में होती है।
उधर राजस्थान में चालू खरीफ में ग्वार सीड की बुवाई 24.06 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 15.91 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। चालू खरीफ में बुवाई का लक्ष्य राज्य सरकार ने 38 लाख हैक्टेयर का तय किया है जबकि पिछले साल राज्य में केवल 35.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार पिछले साल राज्य में ग्वार सीड का उत्पादन 14.04 लाख टन का हुआ था।
ग्वार सीड के उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी मानी जा रही है, इसलिए ग्वार सीड और ग्वार गम में स्टॉकिस्टों ने तेजी बनाई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले सप्ताह मानसूनी बारिश जोर पकड़ेगी, अतः उत्पादक क्षेत्रों में बारिश हुई तो ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में गिरावट बन सकती है।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1,45,775 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में केवल 77,174 टन का ही हुआ था।........ आर एस राणा
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