आर एस राणा
नई दिल्ली। मसूर की कीमतों में चल रही गिरावट को रोकने के लिए केंद्र मसूर के निर्यात की अनुमति दे सकती है। सूत्रों के अनुसार पड़ोसी देशों बंगलादेश, नेपाल और श्रीलंका को मसूर के निर्यात की अनुमति दिए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस पर अगले सप्ताह फैसला हो सकता है।
मसूर की सबसे ज्यादा खपत बंगलादेश में होती है, अतः अगर मसूर के निर्यात की अनुमति दी जाती है तो फिर इसके मौजूदा भाव में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी आने का अनुमान है। मुंबई में शुक्रवार को आयातित मसूर का भाव बढ़कर 3,600 से 3,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गया जबकि कानपूर मंडी में देसी मसूर के भाव बढ़कर 3,825 रुपये प्रति क्विंटल, झांसी मंडी में 3,550 रुपये और दिल्ली के नया बाजार में भाव बढ़कर 4,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3,950 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में इसका भाव 3,500 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
चना के साथ ही अरहर की कीमतों में भी शुक्रवार को तेजी दर्ज की गई। चना की कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण चना दाल और बेसन में त्यौहारी मांग को माना जा रहा है, साथ ही आस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ ही यूएस आदि देशों में प्रतिकूल मौसम के कारण भी तेजी को बल मिल रहा है। हालांकि चना के भाव में एकतरफा तेजी तो नहीं बनेगी, अतः उचें भाव में मुनाफावसूली से 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट बन सकती है, लेकिन लंबी अविध के लिए भाव तेज ही रहने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार सितंबर तक चना के भाव उपर में 5,800 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बन सकते हैं।
केंद्र सरकार अरहर के आयात की सीमा तय कर देने के बाद इसके भाव में भी लगातार तेजी बनी हुई है, हालांकि घरेलू बाजार में अरहर का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही केंद्रीय पूल में अरहर के बंपर स्टॉक को देखते हुए इसके भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।................ आर एस राणा
नई दिल्ली। मसूर की कीमतों में चल रही गिरावट को रोकने के लिए केंद्र मसूर के निर्यात की अनुमति दे सकती है। सूत्रों के अनुसार पड़ोसी देशों बंगलादेश, नेपाल और श्रीलंका को मसूर के निर्यात की अनुमति दिए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस पर अगले सप्ताह फैसला हो सकता है।
मसूर की सबसे ज्यादा खपत बंगलादेश में होती है, अतः अगर मसूर के निर्यात की अनुमति दी जाती है तो फिर इसके मौजूदा भाव में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी आने का अनुमान है। मुंबई में शुक्रवार को आयातित मसूर का भाव बढ़कर 3,600 से 3,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गया जबकि कानपूर मंडी में देसी मसूर के भाव बढ़कर 3,825 रुपये प्रति क्विंटल, झांसी मंडी में 3,550 रुपये और दिल्ली के नया बाजार में भाव बढ़कर 4,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3,950 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में इसका भाव 3,500 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
चना के साथ ही अरहर की कीमतों में भी शुक्रवार को तेजी दर्ज की गई। चना की कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण चना दाल और बेसन में त्यौहारी मांग को माना जा रहा है, साथ ही आस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ ही यूएस आदि देशों में प्रतिकूल मौसम के कारण भी तेजी को बल मिल रहा है। हालांकि चना के भाव में एकतरफा तेजी तो नहीं बनेगी, अतः उचें भाव में मुनाफावसूली से 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट बन सकती है, लेकिन लंबी अविध के लिए भाव तेज ही रहने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार सितंबर तक चना के भाव उपर में 5,800 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बन सकते हैं।
केंद्र सरकार अरहर के आयात की सीमा तय कर देने के बाद इसके भाव में भी लगातार तेजी बनी हुई है, हालांकि घरेलू बाजार में अरहर का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही केंद्रीय पूल में अरहर के बंपर स्टॉक को देखते हुए इसके भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।................ आर एस राणा
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