आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में बुवाई में आई कमी के साथ ही मानसूनी बारिश कम होने से सोयाबीन के उत्पादन में 6.5 फीसदी की कमी आने की आशंका है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में मध्य जुलाई से मध्य अगस्त तक मानसूनी बारिश सामान्य से काफी कम हुई है जिससे सोयाबीन की फसल की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पिछले दो दिनों में उत्पादक क्षेत्रों में कुछ जगह बारिश हुई है, अतः जहां बारिश हुई है वहां फसल को फायदा होगा।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 102.32 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 112.51 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में सोयाबीन का उत्पादन 114.90 लाख टन का हुआ था। सोयाबीन की फसल के लिए चालू महीना काफी महत्वपूर्ण है, अगर अगले दस-बारह दिन में उत्पादक राज्यों में एकाध अच्छी बारिश हो गई तो फसल का फायद होगा, लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है। अतः आगामी दिनों में सोयाबीन की कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक मानसूनी बारिश पर भी निर्भर करेगी।
मंत्रालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 47.95 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 53.61 लाख हैक्टेयर में हुई थी। महाराष्ट्र में सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 37.65 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक महाराष्ट्र में सोयबीन की बुवाई 38.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। राजस्थान में भी चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 9.24 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 10.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।.............. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में बुवाई में आई कमी के साथ ही मानसूनी बारिश कम होने से सोयाबीन के उत्पादन में 6.5 फीसदी की कमी आने की आशंका है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में मध्य जुलाई से मध्य अगस्त तक मानसूनी बारिश सामान्य से काफी कम हुई है जिससे सोयाबीन की फसल की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पिछले दो दिनों में उत्पादक क्षेत्रों में कुछ जगह बारिश हुई है, अतः जहां बारिश हुई है वहां फसल को फायदा होगा।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 102.32 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 112.51 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में सोयाबीन का उत्पादन 114.90 लाख टन का हुआ था। सोयाबीन की फसल के लिए चालू महीना काफी महत्वपूर्ण है, अगर अगले दस-बारह दिन में उत्पादक राज्यों में एकाध अच्छी बारिश हो गई तो फसल का फायद होगा, लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है। अतः आगामी दिनों में सोयाबीन की कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक मानसूनी बारिश पर भी निर्भर करेगी।
मंत्रालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 47.95 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 53.61 लाख हैक्टेयर में हुई थी। महाराष्ट्र में सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 37.65 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक महाराष्ट्र में सोयबीन की बुवाई 38.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। राजस्थान में भी चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 9.24 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 10.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।.............. आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें