दक्षिण पश्चिम मॉनसून
पिछले 24 घंटों के दौरान
जम्मू कश्मीर, हिमाचल
प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब,
उत्तरी हरियाणा, पश्चिमी उत्तर
प्रदेश, पूर्वी असम, अरुणाचल
प्रदेश, दक्षिणी तटीय आंध्र
प्रदेश और तमिलनाडु
के कुछ भागों
में सक्रिय रहा।
इन भागों में
मध्यम से भारी
वर्षा रिकॉर्ड की
गई। बिहार के
कुछ भागों, ओड़ीशा,
पश्चिम बंगाल, मध्य महाराष्ट्र,
कोंकण गोवा, तटीय
कर्नाटक और आंतरिक
तमिलनाडु में सामान्य
मॉनसून वर्षा देखने को
मिली।
बीते 24 घंटों में सबसे
अधिक वर्षा का
ज़िक्र करें तो
पंजाब के पटियाला
में सबसे अधिक
126 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की
गई। मुरादाबाद में
84 और कवली में
77 मिलीमीटर बारिश हुई।देश में मॉनसून सक्रियता कम हुई है जिससे 1 अगस्त को बारिश का आंकड़ा घटकर 101 प्रतिशत पर आ गया है। उत्तर-पश्चिम भारत जहां 17 फीसदी और मध्य भारत 7 प्रतिशत अधिक वर्षा से आगे है वहीं दक्षिण भारत में सामान्य से 18 फीसदी कम और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 8 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
वर्तमान समय में मॉनसून की अक्षीय रेखा फिरोजपुर, करनाल, बरेली, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, गोलपाड़ा में बनी हुई है।
मॉनसून ट्रफ के तराई क्षेत्रों में होने के चलते मॉनसून वर्षा भी इन्हीं हिस्सों पर केन्द्रित रहेगी। अगले 24 घंटों के दौरान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और असम के कुछ हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहेगा और इन भागों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। कोंकण गोवा और तटीय आंध्र प्रदेश में भी मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है।..........www.skymet.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें