दक्षिण पश्चिम मॉनसून उत्तरी पंजाब और उत्तरी हरियाणा में व्यापक रूप में सक्रिय रहा। इन भागों में भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तटीय कर्नाटक में भी मॉनसून की सक्रियता के चलते अच्छी वर्षा हुई है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, कोंकण और गोवा और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य मॉनसूनी वर्षा देखने को मिली।
मॉनसून के उत्तर में केन्द्रित होने के चलते अधिक वर्षा भी इन्हीं भागों में हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान कुरुक्षेत्र में 72 मिलीमीटर, अंबाला में 59 और जालंधर में 51 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
इस बीच
देश के अधिकांश
हिस्सों में बारिश
घटी है जिससे
बारिश के आंकड़ों
में लगातार गिरावट
आ रही है।
2 अगस्त को बारिश
100 प्रतिशत पर आ
गई। हालांकि उत्तर-पश्चिम भारत में
सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक
और मध्य भारत
में सामान्य से
5 फीसदी अधिक वर्षा
रिकॉर्ड की गई
है। जबकि दक्षिण
भारत में 18 प्रतिशत
कम और पूर्वी
भारत में सामान्य
से 8 प्रतिशत कम
वर्षा हुई है।
इस बीच
मानसून की अक्षीय
रेखा इस समय
अमृतसर, करनाल, बरेली, गोरखपुर
और पुर्णिया से
होते पूर्वी असम
तक बनी हुई
है। अगले 24 घंटों
के दौरान मॉनसून
के प्रदर्शन की
बात करें तो
इसकी सक्रियता कश्मीर
से अरुणाचल तक
तराई क्षेत्रों में
रहेगी। इसके चलते
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल
प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब
और उत्तरी हरियाणा
में मॉनसून ज़ोरों
पर रहेगा, और
इन भागों में
मध्यम से भारी
बारिश जारी रह
सकती है।
इसी तरह
का मौसम उत्तर
प्रदेश और बिहार
के तराई क्षेत्रों,
पूर्वी असम, अरुणाचल
प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम,
त्रिपुरा, तटीय कर्नाटक
और केरल के
कुछ हिस्सों में
भी देखने को
मिल सकता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और
बिहार के शेष
भागों तथा झारखंड
और उत्तरी ओडिशा
में मॉनसून सामान्य
रहेगा और हल्की
वर्षा हो सकती
है।............www.skymet.com
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