24 जनवरी 2013
ग्वार गम के निर्यात में मूल्य के लिहाज से जोरदार बढ़त
नई फसल
नए सीजन में 2 करोड़ बोरी ग्वार उत्पादन का अनुमान
पिछले साल 1.50 करोड़ बोरी रही थी ग्वार की पैदावार
ग्वार गम 2,000 रुपये घटकर 34,500 से 35,000 रुपये प्रति क्विंटल
ग्वार 1,500 रुपये लुढ़ककर 11,500 से 11,700 रुपये प्रति क्विंटल रह
उत्पादक राज्यों में ग्वार की दैनिक आवक बढ़कर 80,000 से 85,000 बोरी
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के बीच निर्यात 266% बढ़कर 23,146 करोड़ रुपये तक पहुंचा
चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले आठ महीनों (अप्रैल से नवंबर) के दौरान ग्वार गम के निर्यात में मूल्य के हिसाब से 266.38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
जबकि मात्रा के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में निर्यात 3.42 लाख टन का हुआ है। स्टॉकिस्टों और किसानों की बिकवाली आने से पिछले दो दिनों में ग्वार गम की कीमतों में 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। निर्यात मांग कमजोर होने और स्टॉक ज्यादा होने से मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान 23,146.77 करोड़ रुपये मूल्य का ग्वार गम का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 6,317.66 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
टिंकू राम गम एवं केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर विपिन अग्रवाल ने बताया कि ग्वार गम के निर्यात में बढ़ोतरी पहले हुए अनुबंधों के आधार पर हुई है जबकि इस समय ग्वार गम का भाव 7,000 से 7,500 डॉलर प्रति टन है जबकि अप्रैल से जुलाई के दौरान भाव 4,000 से 4,500 डॉलर प्रति टन था।
ऊंचे भाव में वर्तमान में निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं जबकि पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई में खाड़ी देशों के साथ-साथ अमेरिका और यूरोप की मांग से ग्वार गम पाउडर के निर्यात सौदों में बढ़ोतरी हुई थी। यही कारण है कि अप्रैल से नवंबर के दौरान 3.42 लाख टन ग्वार गम की शिपमेंट हुई हैं।
एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 में ग्वार गम का कुल निर्यात 7.06 लाख टन का हुआ था।
हरियाणा ग्वार गम एंड केमिकल के डायरेक्टर सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि नए सीजन में ग्वार की पैदावार बढ़कर 1.75 से 2 करोड़ बोरी (एक बोरी-एक क्विंटल) होने का अनुमान है जबकि पिछले साल पैदावार करीब 1.50 करोड़ बोरियों की हुई थी।
स्टॉक ज्यादा होने के कारण बिकवाली बढ़ गई है जिसकी वजह से पिछले दो दिनों में ग्वार गम की कीमतों में 2,000 रुपये की गिरावट आकर भाव 34,500 से 35,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
ग्वार की कीमतों में इस दौरान 1,500 रुपये की गिरावट आकर भाव 11,500 से 11,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान और हरियाणा में ग्वार की दैनिक आवक बढ़कर 80,000 से 85,000 बोरी हो गई है।
(Business Bhaskar)
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